Coronavirus / चीन से आई रैपिड टेस्टिंग किट पर सवाल, जानिए क्या है सरकार का प्लान B?

AajTak : Apr 23, 2020, 07:57 AM
Coronavirus: कोरोना वायरस के खिलाफ देश में जारी जंग के बीच एक सवाल लगातार चिंता बढ़ा रहा है। टेस्टिंग की जिस रफ्तार को बढ़ाने के लिए चीन से लाखों की संख्या में रैपिड टेस्ट किट मंगवाई गई थी, उसकी सफलता पर प्रश्न चिन्ह लग गया है। कई राज्य सरकारों की आपत्ति के बाद इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (ICMR) ने इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी है, अब करीब दो दिन के भीतर संस्थान बताएगा कि किस तरह इसे उपयोग में लाया जाए।

इन संशय के बादलों के बीच सरकार एक दूसरे स्तर पर भी काम करने में जुटी है, ताकि टेस्टिंग की रफ्तार ढीली ना पड़ जाए। रैपिड टेस्टिंग किट पर सवालों के बीच दूसरा रास्ता क्या है....

• अभी ICMR के 8 एक्सपर्ट्स राज्य सरकारों द्वारा दी गई रिपोर्ट्स की स्टडी कर रहे हैं। संकेत इस बात के मिल रहे हैं कि सरकार मेक इन इंडिया टेस्टिंग किट पर जोर दे सकती है।

• स्वास्थ्य मंत्रालय के कुछ अधिकारियों का मानना है कि कुछ राज्यों के साथ टेस्ट के प्रोसेस की दिक्कत हो सकती है, लेकिन अभी कुछ कहा नहीं जा सकता है।

• स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, टेस्टिंग किट के जो बैच राज्यों को दिए गए हैं उन्हें जांचकर ही भेजा गया है।

• स्टडी और टेस्टिंग के बाद ICMR एक बार फिर नई गाइडलाइन्स जारी करेगा।

• इसके अलावा सरकार एक दूसरे प्लान पर काम कर रही है। जिसके तहत मानेसर में मौजूद साउथ कोरियाई कंपनी की ब्रांच में टेस्टिंग किट के प्रोडक्शन को बढ़ाया जा सकता है।

• साउथ कोरियाई कंपनी SD Biosensor को ICMR से पहले ही मंजूरी मिल चुकी है, ऐसे में मानेसर में मौजूद ये यूनिट एक हफ्ते में 5 लाख टेस्टिंग किट तैयार कर सकती है।

• रिपोर्ट्स के मुताबिक, भारत ने करीब 47 लाख टेस्टिंग किट का ऑर्डर दिया हुआ है। लेकिन अभी तक चीन से 5 लाख किट आई हैं।

• ICMR का मानना है कि रैपिड टेस्टिंग का मतलब ये नहीं कि कोविड-19 को लेकर हो रहा दूसरे रूटीन टेस्ट को रोक दिया जाए। राज्यों को RT-PCR टेस्ट पर अधिक फोकस करना चाहिए।

गौरतलब है कि चीन से आई रैपिड टेस्टिंग किट को जब राज्यों को सौंपा गया, तो कई राज्य सरकारों ने इसपर सवाल खड़े किए। सबसे पहले राजस्थान ने आवाज़ उठाई और उसके बाद अन्य राज्य भी उसके साथ आए। राजस्थान में इस टेस्टिंग की सफलता मात्र 5 फीसदी के आसपास रही, ऐसे में ICMR की ओर से अगले आदेश तक इसके इस्तेमाल पर रोक लगा दी गई।

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