Political / राहुल गांधी ने माना- जनता से नहीं रहा कांग्रेस का जुड़ाव, विश्वास जीतने के लिए करेंगे 'भारत जोड़ो यात्रा'

Zoom News : May 16, 2022, 07:42 AM
नई दिल्ली: उदयपुर में ‘नव संकल्प शिविर’ के आखिरी दिन अपने संबोधन में राहुल गांधी ने स्वीकार किया कि लोगों के साथ कांग्रेस का ‘कनेक्शन’ टूट गया है, और इसे तत्काल सुधारने की आवश्यकता है। देश की जनता के साथ संबंध को फिर से स्थापित करने के लिए, सोनिया गांधी ने घोषणा की कि इस साल 2 अक्टूबर से कांग्रेस भारत यात्रा शुरू करेगी। पार्टी ने अपने तीन दिवसीय चिंतन शिविर के अंत में नए और युवा चेहरों को नेतृत्व की भूमिका में लाने के लिए कई संगठनात्मक सुधारों की भी घोषणा की।

कांग्रेस के विचार-मंथन से ऐसे संकेत मिले कि राहुल गांधी इस साल के अंत में पार्टी अध्यक्ष के रूप में लौट संकते हैं। सोनिया ने जहां एक छोटा भाषण दिया, वहीं राहुल की स्पीफ लंबी थी। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने केंद्र की भाजपा सरकार पर घृणा फैलाने, न्यायपालिका पर दबाव बनाने, चुनाव आयोग का हाथ मरोड़ने, संस्थानों को नष्ट करने और मीडिया का गला घोंटने का आरोप लगाया। लेकिन उनका ध्यान पार्टी को “लोगों के पास वापस जाने” के लिए तैयार करने पर अधिक था; उन्होंने चिंतन शिविर में उपस्थित कांग्रेसी नेताओं को बताया कि पार्टी के पुनरुद्धार के लिए कोई ‘शॉर्टकट’ नहीं है।

राहुल ने कहा कि पार्टी को यह स्वीकार करना होगा कि लोगों के साथ उसका ‘संबंध’ टूट गया है, और उसे उस संबंध को फिर से स्थापित करने की दिशा में काम करना चाहिए। उन्होंने कहा कि कांग्रेस का पूरा ध्यान वर्तमान में ‘आंतरिक मामलों’ पर है, जैसे कि किसे कौन सा पद मिल रहा है। पूर्व कांग्रेस अध्यक्ष ने पार्टी नेताओं से कहा कि उन्हें अपना ध्यान लोगों के साथ संबंध स्थापित करने पर केंद्रीय करना चाहिए। राहुल गांधी ने कहा, सिर्फ हमारे लिए नहीं…देश के लिए…हमारे वरिष्ठ नेता हों, कनिष्ठ नेता हों या कार्यकर्ता हों, हमें लोगों के पास जाना चाहिए और बिना कुछ सोचे-समझे उनके साथ बैठना चाहिए।

हमें यह स्वीकार करना होगा कि कांग्रेस का लोगों से कनेक्शन टूट गया है: राहुल

राहुल गांधी ने कहा, ‘उनके (लोगों के) मुद्दे … हमें समझना चाहिए। और जो कनेक्शन हम लोगों के साथ करते थे…जो कांग्रेस पार्टी का कनेक्शन जनता से टूटा है हमें स्वीकार करना पड़ेगा…हमें उस कनेक्शन को फिर से स्थापित करना होगा…लोग चाहते हैं कि…वे समझते हैं कि केवल कांग्रेस ही देश को आगे ले जा सकती है। यही एकमात्र तरीका है …शॉर्टकट मदद नहीं करेंगे। इसे किसी भी शॉर्टकट से नहीं किया जा सकता है। यह पसीना बहाने से ही हो सकता है। हम यह कर सकते हैं। आप यह कर सकते हैं। हमारे पास क्षमता है और यह हमारा डीएनए है। यह संगठन लोगों से निकला है और हमें फिर से लोगों के पास जाना होगा।’ राहुल गांधी ने भी कहा कि लोगों के बीच अपनी पहुंच बढ़ाने के लिए कांग्रेस अक्टूबर से देशव्यापी यात्रा करेगी।

सोनिया गांधी ने की कन्याकुमारी से कश्मीर तक ‘भारत जोड़ो यात्रा’ की घोषणा

सोनिया गांधी ने कहा, ‘इस साल गांधी जयंती पर कन्याकुमारी से कश्मीर तक भारत जोड़ो यात्रा की शुरूआत होगी। हम सभी इसमें भाग लेंगे। यात्रा सामाजिक सद्भाव के बंधन को मजबूत करने के लिए है, जो इस समय तनाव में है। हमारे संविधान के मूलभूत मूल्यों को संरक्षित करने के लिए और हमारे करोड़ों लोगों की दिन-प्रतिदिन की चिंताओं को समझने, उनकी आवाज बुलंद करने के लिए यह यात्रा है। हम वापसी करेंगे। हम वापसी करेंगे। हम वापसी करेंगे। यही हमारा संकल्प है। यही हमारा नव संकल्प (नया संकल्प) है। कांग्रेस का नया उदय होगा, यही हमारा नव संकल्प है।’ राहुल गांधी ने कहा कि उनकी लड़ाई आरएसएस-भाजपा की विचारधारा और उनके द्वारा फैलाई गई नफरत और हिंसा के खिलाफ है।

हम सब मिलकर भाजपा और आरएसएस की विचारधारा को हरा देंगे: राहुल गांधी

राहुल गांधी ने कहा, ‘मेरे लिए यह मेरे जीवन की लड़ाई है…मैं यह स्वीकार नहीं कर सकता कि हमारे प्यारे देश में नफरत, हिंसा और गुस्सा फैलाया जा रहा है। हम कुछ बड़ी ताकतों के खिलाफ हैं। आरएसएस और भाजपा संगठन, सभी संस्थाएं…ऐसा मत सोचो कि हम एक राजनीतिक दल के खिलाफ लड़ रहे हैं। हम किसी राजनीतिक दल के खिलाफ नहीं लड़ रहे हैं…राजनीतिक दल सिर्फ एक हिस्सा है। हम भारत की हर संस्था के खिलाफ लड़ रहे हैं। हम सबसे बड़े सांठगांठ वाले पूंजीपतियों के खिलाफ लड़ रहे हैं…यही सच है। मैं इन ताकतों से नहीं डरता। मुझे परवाह नहीं है। मैंने अपने पूरे जीवन में भ्रष्टाचार नहीं किया है। मैंने भारत माता से एक पैसा भी नहीं लिया है। मैं सच बोलने से नहीं डरता…हम सब मिलकर बीजेपी और आरएसएस संगठन और उनकी विचारधारा को हरा देंगे।’


क्षेत्रीय दल नहीं कर सकते भाजपा का मुकाबला, सिर्फ कांग्रेस कर सकती है: राहुल

राहुल गांधी ने कहा कि क्षेत्रीय दल आरएसएस-भाजपा का मुकाबला नहीं कर सकते, क्योंकि यह विचारधाराओं की लड़ाई है। उन्होंने कहा, ‘आपने देखा है कि आरएसएस की विचारधारा कांग्रेस की विचारधारा के खिलाफ लड़ रही है। बीजेपी कांग्रेस, उसके नेताओं और कार्यकर्ताओं के बारे में बात करेगी लेकिन क्षेत्रीय दलों के बारे में बात नहीं करेगी। क्योंकि वे जानते हैं कि क्षेत्रीय दलों के पास जगह है, लेकिन वे बीजेपी को नहीं हरा सकते। क्योंकि उनकी कोई विचारधारा नहीं है। उनके अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। हमारे पास एक केंद्रीकृत दृष्टिकोण है और हमारी लड़ाई विचारधारा को लेकर है। यह कोई राजनीतिक लड़ाई नहीं है। यह देश के भविष्य और देश को बचाने की लड़ाई है…हमारी जिम्मेदारी है कि हम लोगों के

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