कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने हाल ही में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के माध्यम से चुनाव आयोग पर गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने विशेष रूप से हरियाणा राज्य में 25 लाख वोटों की चोरी का दावा किया, जिससे राजनीतिक गलियारों में हलचल मच गई है। राहुल गांधी के इन आरोपों ने भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को तुरंत पलटवार करने। का मौका दिया है, जिसने इन दावों को सिरे से खारिज कर दिया है।
बीजेपी का तीखा पलटवार
केंद्रीय मंत्री किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के आरोपों को उनकी अपनी राजनीतिक विफलताओं को छिपाने का एक प्रयास बताया है। रिजिजू ने कहा कि राहुल गांधी ने अपनी विफलता छुपाने के लिए प्रेस को संबोधित किया है। उन्होंने राहुल गांधी के बयानों को 'हाइड्रोजन बम' की संज्ञा दी, जो उनके अनुसार कभी फटता नहीं है, यह दर्शाता है कि राहुल के दावे खोखले और प्रभावहीन होते हैं और रिजिजू ने यह भी आरोप लगाया कि राहुल गांधी इस तरह के निराधार आरोपों के माध्यम से युवा पीढ़ी, जिसे Gen-Z कहा जाता है, को भड़काने की कोशिश कर रहे हैं।
'हाइड्रोजन बम' और 'एटम बम' का जिक्र
किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी के पुराने बयानों का भी हवाला दिया, जहां राहुल अक्सर 'एटम बम' या 'हाइड्रोजन बम' फटने की बात करते रहे हैं। रिजिजू ने व्यंग्यात्मक लहजे में पूछा कि राहुल गांधी का एटम बम कभी फटता क्यों नहीं है? यह टिप्पणी राहुल गांधी की विश्वसनीयता और उनके दावों की गंभीरता पर सवाल उठाती है और रिजिजू का मानना है कि राहुल गांधी केवल फालतू की बातें करते हैं और उनका कोई ठोस आधार नहीं होता।
बिहार चुनाव से ध्यान भटकाने का आरोप
रिजिजू ने राहुल गांधी के आरोपों के समय पर भी सवाल उठाया। उन्होंने कहा कि बिहार में दो दिन बाद मतदान होने वाला है,। और ऐसे समय में राहुल गांधी हरियाणा की कहानी सुना रहे हैं। रिजिजू ने इसे बिहार चुनाव से ध्यान भटकाने की एक चाल बताया, क्योंकि उनके अनुसार कांग्रेस के पास बिहार में कहने के लिए कुछ खास नहीं बचा है। यह आरोप कांग्रेस की चुनावी रणनीति पर सवाल खड़े करता है और यह सुझाव देता है कि पार्टी महत्वपूर्ण चुनावों से पहले जनता का ध्यान भटकाने की कोशिश कर रही है।
विदेशी प्रेरणा और अतीत के संदर्भ
किरेन रिजिजू ने राहुल गांधी पर विदेशी प्रेरणा से बयान देने का भी आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि राहुल गांधी विदेश जाते रहते हैं और वहां से जो प्रेरणा मिलती है, उसे आकर देश में बताते रहते हैं, जिससे समय व्यर्थ होता है और रिजिजू ने राहुल गांधी के अतीत के एक प्रसंग का भी जिक्र किया, जहां उन्होंने पिछले सत्र में एक महिला का नाम टी-शर्ट पर छपवा कर पहना था, और बाद में उस महिला ने उन्हें डांटा था। यह संदर्भ राहुल गांधी के सार्वजनिक आचरण और उनके बयानों की गंभीरता पर सवाल उठाता है।
ओपिनियन और एग्जिट पोल पर बीजेपी का रुख
रिजिजू ने 2004 के चुनावों का उदाहरण देते हुए कहा कि उस समय ओपिनियन और एग्जिट पोल दोनों में बीजेपी की जीत का अनुमान था, लेकिन वे हार गए थे और इसके बावजूद, बीजेपी ने कभी भी इन पोल्स को गाली नहीं दी या उनके खिलाफ नहीं बोला। उन्होंने कहा कि कांग्रेस और राहुल गांधी का रवैया अलग है; जब पोल उनके पक्ष में होते हैं तो वे ठीक मानते हैं, वरना उन्हें गाली देते हैं। यह टिप्पणी कांग्रेस के दोहरे मापदंडों पर प्रकाश डालती है।
कांग्रेस की आंतरिक कलह और राहुल की नेतृत्व क्षमता
रिजिजू ने कांग्रेस के भीतर की आंतरिक कलह पर भी टिप्पणी की। उन्होंने हरियाणा में कुमारी शैलजा और राव जैसे कांग्रेस नेताओं के बीच आपसी लड़ाई का जिक्र किया। रिजिजू ने दावा किया कि कांग्रेस के कई नेता उनसे निजी तौर पर कहते हैं कि जब तक राहुल गांधी उनके नेता रहेंगे, वे चुनाव नहीं जीत सकते। यह बयान कांग्रेस के भीतर राहुल गांधी के नेतृत्व को लेकर असंतोष की ओर इशारा करता है।
चुनाव आयोग का जवाब और बीजेपी की कार्यशैली
किरेन रिजिजू ने स्पष्ट किया कि चुनाव आयोग राहुल गांधी के आरोपों का अपना जवाब देगा। उन्होंने कहा कि बीजेपी इसलिए बोल रही है क्योंकि राहुल गांधी ने बीजेपी और उनके नेताओं पर आरोप लगाए हैं। रिजिजू ने बीजेपी की सफलता का श्रेय पार्टी कार्यकर्ताओं की कड़ी मेहनत को दिया। उन्होंने कहा कि बीजेपी नेता हमेशा मेहनत करते हैं, और इसी वजह से वे जीतते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि बीजेपी के नेता काम के चलते तीन-चार महीने तक अपने गांव और शहर नहीं जा पाते हैं, जो उनकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है। बिहार में 'SIR' को लेकर सभी खुश हैं और 'शुद्धिकरण' को गलत। नहीं माना जाना चाहिए, जबकि समस्या केवल कांग्रेस और राहुल गांधी में है।