देश / शादी का वादा करके सेक्स करना हमेशा बलात्कार नहीं होता है- दिल्ली उच्च न्यायालय

Zoom News : Dec 18, 2020, 07:33 AM
दिल्ली उच्च न्यायालय ने अपने एक फैसले में कहा है कि शादी के वादे पर शारीरिक संबंध बनाना हर बार बलात्कार नहीं है। दिल्ली उच्च न्यायालय ने एक महिला की ओर से दायर बलात्कार मामले की सुनवाई करते हुए यह आदेश दिया। महिला 2008 से 2015 तक एक पुरुष के साथ संबंध में थी। बाद में पुरुष ने महिला को छोड़ दिया और दूसरी महिला से शादी कर ली। महिला ने आरोप लगाया था कि शादी का वादा करके उसके साथ कई महीनों तक शारीरिक संबंध बनाए गए।

पहले यह मामला ट्रायल कोर्ट में था। वहां से आरोपी शख्स को बलात्कार के आरोप से बरी कर दिया गया। इसके बाद, शिकायतकर्ता ने उच्च न्यायालय का रुख किया। अब हाईकोर्ट ने भी ट्रायल कोर्ट के फैसले को मंजूरी दे दी है।

न्यायमूर्ति विभु बाखरू की पीठ ने कहा कि कुछ मामले ऐसे हैं जिनमें महिलाएं शादी के वादे पर आती हैं और कुछ मौकों पर शारीरिक संबंध बनाने के लिए सहमत हो जाती हैं, जब उसमें उनकी पूरी सहमति नहीं होती। यह 'क्षणिक' है और ऐसे मामलों में आईपीसी की धारा 375 (बलात्कार) के तहत मुकदमा चलाया जा सकता है।

अदालत ने आगे कहा कि अगर कोई लंबे समय से लगातार यौन संबंध बना रहा है, तो यह नहीं माना जा सकता है कि इतने लंबे समय से यह केवल शादी के वादे पर किया जा रहा था।

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