Rajasthan / बाल विवाह रजिस्ट्रेशन बिल पर गहलोत सरकार का यूटर्न, राजभवन से वापस मंगाने की घोषणा

Vikrant Shekhawat : Oct 12, 2021, 06:30 AM
Rajasthan : बाल विवाह के रजिस्ट्रेशन से जुड़े विवादित बिल को लेकर बैकफुट पर आ चुकी राजस्थान सरकार इसे वापस लेने की तैयार शुरू कर चुकी है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि यह बिल सुप्रीम कोर्ट के उस फैसले के मद्देनजर लाया गया था कि हर शादी का रजिस्ट्रेशन करवाना जरूरी है। उन्होंने कहा, "लेकिन बिल को लेकर विवाद पैदा हो गया है कि राजस्थान में बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन करवाया जा रहा है। हम राज्यपाल से आग्रह करेंगे कि वह सरकार को बिल वापस भेज दें।"

17 सितंबर को राजस्थान विधानसभा में शादियों का अनिवार्य रजिस्ट्रीकरण संशोधन बिल को पारित किया गया था। इसमें बाल विवाह के  रजिस्ट्रेशन का भी प्रावधान है। बीजेपी ने इसके खिलाफ विधानसभा से वॉकआउट किया था। राज्यपाल कलराज मिश्र ने भी इसको मंजूरी नहीं दी है और पिछले सप्ताह से ही रोक रखा है, वहीं इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट में भी याचिक दायर की जा चुकी है।

मुख्यमंत्री गहलोत ने अंतर्राष्ट्रीय बालिका दिवस पर हुए वर्चुअल समारोह में कहा,  "विधानसभा में हाल ही पारित राजस्थान अनिवार्य विवाह पंजीकरण (संशोधन) विधयेक 2021 पर कानूनविदों से सलाह ली जाएगी और सुझाव के बाद जरूरत पड़ने पर उसे आगे बढ़ाने के संबंध में फैसला लिया जाएगा।"

गहलोत ने कहा, "इस कानून को लेकर पूरे देश में विवाद हुआ कि इससे बाल विवाह को प्रोत्साहन मिलेगा। यह हमारे के लिए प्रतिष्ठा का सवाल नहीं है। हम राज्यपाल से इसे वापस भेजने का अनुरोध करेंगे और इस पर फिर से विचार करेंगे।" उन्होंने कहा कि राजस्थान में किसी कीमत पर बाल विवाह नहीं हो, यह सुनिश्चित किया जाएगा और इसमें  कोई रियायत नहीं दी जाएगी।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER