देश / पूर्ण लॉकडाउन लगाने को तैयार हैं: प्रदूषण नियंत्रण के उपायों को लेकर एससी से दिल्ली सरकार

Zoom News : Nov 15, 2021, 01:15 PM
Delhi Lockdown: दिल्ली की जहरीली हवा और लोगों की परेशानी को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने आज केंद्र और दिल्‍ली, दोनों सरकारों को कड़ी फटकार लगाई है और कल तक प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे उपायों पर हलफनामा देने को कहा है. कोर्ट ने कहा कि हम चाहते हैं कि प्रदूषण कम हो, हमें राजनीति से कोई मतलब नहीं है. कोर्ट ने सॉलिसिटर जनरल से कहा कि हमने पिछली सुनवाई में कहा था कि स्थिति बहुत खराब है, तत्काल उपाय करने की जरूरत है. आपने जो बताए हैं वे सारे लॉन्ग टर्म सॉल्यूशन हैं. हमें तत्काल सॉल्यूशन चाहिए. दिल्‍ली-एनसीआर में प्रदूषण मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट अब फिर से बुधवार को सुनवाई करेगा.

फुल लॉकडाउन को तैयार दिल्ली सरकार, केंद्र ने कहा-ये सही नहीं

दिल्ली-NCR में प्रदूषण (Delhi-NCR Air Pollution) के मामले को लेकर सुप्रीम कोर्ट में दिए हलफनामें सरकार ने कहा कि, दिल्ली सरकार पूर्ण लॉकडाउन जैसे कदम उठाने के लिए तैयार है, लेकिन NCR के लिए भी लॉकडाउन की जरूरत है. हालांकि दिल्ली सरकार ने कहा कि लॉकडाउन का केवल सीमित प्रभाव होगा. वायु प्रदूषण के मुद्दे को एयरशेड स्तर पर हल करने की जरूरत है.

वहीं, केंद्र सरकार दिल्ली में लॉकडाउन के पक्ष में नहीं. सॉलिसिटर जनरल ने कोर्ट में कहा कि दिल्ली सरकार को दो उपायों पर सोचना था ऑड इवन और दिल्ली में ट्रकों की एंट्री पर बैन. लॉक डाउन कड़ा कदम होगा.

सुप्रीम कोर्ट ने लगाई फटकार-आरोप प्रत्यारोप नहीं, प्रदूषण नियंत्रण करिए

सुप्रीम कोर्ट ने प्रदूषण मामले को लेकर केंद्र और दिल्ली दोनों सरकारों को जमकर फटकार लगाई है. कोर्ट ने कहा कि हम आप को फोर्स नहीं कर रहे लेकिन आप किसानों से बात करें कि कम से कम एक हफ्ते तक पराली न जलाएं. सुप्रीम कोर्ट ने कहा किन इंडस्ट्री को बंद किया जा सकता है, किन गाड़ियों की इंट्री बंद की जा सकती है, किन पॉवर प्लांट को बंद किया जा सकता है और बिजली सप्लाई का अल्टरनेट क्या होगा इन सबके बारे में कल तक हमें बताइए.

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्ली सरकार को लगाई फटकार

सुप्रीम कोर्ट ने दिल्‍ली-एनसीआर में गंभीर होती वायु प्रदूषण की समस्‍या को लेकर दिल्‍ली सरकार को जबरदस्‍त फटकार लगाई है. कोर्ट ने केजरीवाल सरकार से कहा कि, प्रचार कम, काम ज्यादा कीजिए, कितना पैसा आप अपना प्रचार करने के लिए खर्च करते हैं और कितना पैसा प्रदूषण नियंत्रण के लिए, इसके ऑडिट करने का आदेश देने के लिए हमें मजबूर मत करिए.

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