उतर प्रदेश / 5 शहरों में लॉकडाउन के HC के निर्देश के खिलाफ आज SC जाएगी योगी सरकार

Zoom News : Apr 20, 2021, 06:38 AM
उत्तर प्रदेश में कोरोना पॉजिटिव की संख्या लगातार बढ़ती जा रही है। सूबे में मेडिकल सुविधाएं बुरी तरह प्रभावित हैं। इस बीच योगी सरकार ने साफ कर दिया है कि प्रदेश में संपूर्ण लॉकडाउन नहीं लगाया जा सकता है। योगी सरकार इस आदेश के खिलाफ आज (20 अप्रैल) को सुबह सुप्रीम कोर्ट जाएगी। आज सुप्रीम कोर्ट में हाईकोर्ट के इस आदेश के खिलाफ योगी सरकार अपना पक्ष दायर करेगी।

योगी सरकार की तरफ से कहा गया है कि प्रदेश में कोरोना के मामले बढ़े हैं और सख्ती कोरोना के नियंत्रण के लिए आवश्यक है। सरकार ने कई कदम उठाए हैं और आगे भी सख्त कदम उठाए जा रहे हैं। जीवन बचाने के साथ गरीबों की आजीविका भी बचानी है। ऐसे में शहरों में संपूर्ण लॉकडाउन अभी नहीं लगेगा। लोग स्वतः स्फूर्ति भाव से कई जगह बंदी कर रहे हैं। यह जानकारी एससीएस सूचना, नवनीत सहगल की तरफ से दी गई।

गौरतलब है कि कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप के बीच इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी के पांच शहरों में लॉकडाउन लगाने का आदेश दिया था। हाईकोर्ट ने वाराणसी, कानपुर नगर, गोरखपुर, लखनऊ और प्रयागराज में 26 अप्रैल तक लॉकडाउन लगाने का आदेश जारी किया था।


हाईकोर्ट ने लगाई थी योगी सरकार को फटकार

इलाहाबाद HC ने सुनावई के दौरान कहा कि किसी भी सभ्य समाज में अगर जन स्वास्थ्य प्रणाली चुनौतियों का सामना नहीं कर पाती और दवा के अभाव में लोग मरते हैं तो इसका मतलब है कि समुचित विकास नहीं हुआ है। स्वास्थ्य और शिक्षा एक साथ चलते हैं,  शासन के मामलों के शीर्ष में रहने वाले लोगों को वर्तमान अराजक स्वास्थ्य समस्याओं के लिए दोषी ठहराया जा सकता है। ऐसे समय जबकि लोकतंत्र मौजूद है जिसका अर्थ है लोगों की सरकार, लोगों द्वारा और लोगों के लिए।

अपने आदेश में कोर्ट की तरफ से यूपी के मुख्य सचिव को खुद निगरानी करने के लिए निर्देश दिए गए थे। कोर्ट की तरफ से दिया गया यह आदेश आज रात से लागू होना था। इस दौरान इन शहरों में जरूरी सेवाओं वाली दुकानों को छोड़कर कोई भी दुकान, होटल, ऑफिस और सार्वजनिक स्थल नहीं खुलने की बात कही गई थी। साथ ही मंदिरों में पूजा और आयोजनों पर भी रोक लगाने का आदेश दिया गया था।

कोर्ट की तरफ से जारी आदेश के मुताबिक प्रयागराज, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर नगर और गोरखपुर में आर्थिक संस्थानों, मेडिकल और हेल्थ सर्विस, इंडस्ट्रियल और वैज्ञानिक संस्थानों और जरूरी सेवाओं वाले संस्थानों को छोड़कर सभी चीजें बंद रखने के लिए कहा गया था।

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