Russia-Ukraine War / US और NATO का यूक्रेन की मदद के लिए सीक्रेट प्लान लीक

Zoom News : Apr 08, 2023, 08:58 AM
Russia-Ukraine War: यूक्रेन युद्ध से जुड़े कुछ दस्तावेज ऑनाइन लीक हो गए हैं. इन लीक हुए दस्तावेजों ने अमेरिका और नाटो की एक बड़ी योजना की पोल खोल दी है. दरअसल यूक्रेन युद्ध में रूस के खिलाफ कीव की मदद के लिए अमेरिका और नाटो एक योजना बनाई थी. इसी योजना से जुड़े दस्तावेज ऑनलाइन लीक हो गए हैं. इन दस्तावेजों के लीक होने से अमेरिका की जमकर फजीहत हो रही है. बाइडेन प्रशासन ने इसे सुरक्षा में चूक का मामला मानते हुए पेंटागन को जांच के आदेश दे दिए हैं.

पेंटागन ने कही यह बात

पेंटागन ने कहा कि वह कथित सुरक्षा उल्लंघन का आकलन कर रहा है. उप प्रेस सचिव सबरीना सिंह ने कहा, ‘हम सोशल मीडिया पोस्ट की खबरों से अवगत हैं और विभाग मामले की समीक्षा कर रहा है.‘

जमकर शेयर किए जा रहे हैं दस्तावेज

न्यूयॉर्क टाइम्स के मुताबिक दस्तावेज़ ट्विटर और टेलीग्राम पर जमकर शेयर किए जा रहे हैं, और इनमें कथित तौर पर चार्ट और हथियारों की डिलीवरी, बटालियन की ताकत और अन्य संवेदनशील जानकारी के बारे में विवरण शामिल थे.

रिपोर्ट में कहा गया है कि दस्तावेजों में जानकारी कम से कम पांच सप्ताह पुरानी है, जिसमें सबसे हालिया तारीख 1 मार्च है.

क्या है लीक हुए दस्तावेजों में?

अखबार ने कहा कि दस्तावेजों में से एक में यूक्रेन के 12 लड़ाकू ब्रिगेड के प्रशिक्षण कार्यक्रमों को संक्षेप में बताया गया है. इसमें कहा गया है कि इनमें से नौ को अमेरिका और नाटो बलों द्वारा प्रशिक्षित किया जा रहा था.

रिपोर्ट के मुताबिक दस्तावेज़ - जिनमें से कम से कम एक टॉप सीक्रेट लेबल वाला था - रूस समर्थक सरकारी चैनलों पर प्रसारित किया गया था.

गोला-बारूद के खर्च का भी विवरण

इसमें कहा गया है कि दस्तावेजों में दी गई जानकारी में यूक्रेन के सैन्य नियंत्रण के तहत गोला-बारूद के खर्च की दरों का भी विवरण है, जिसमें हिमार्स रॉकेट सिस्टम, अमेरिका निर्मित आर्टिलरी रॉकेट सिस्टम शामिल हैं, जो रूसी सेना के खिलाफ अत्यधिक प्रभावी साबित हुए हैं.

सैन्य विश्लेषकों ने दी है ये चेतावनी

रिपोर्ट में सैन्य विश्लेषकों के हवाले से चेतावनी दी गई है कि कुछ दस्तावेजों को रूस द्वारा एक दुष्प्रचार अभियान के तहत बदल दिया गया है, एक दस्तावेज़ में यूक्रेनी सैनिकों की मौतों को बढ़ा-चढ़ा कर दिखाया गया है और रूसी युद्धक्षेत्र के नुकसान को कम किया गया है.

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