Velupillai Prabhakaran / 'प्रभाकरन जिंदा है' इस पर श्रीलंका ने कहा- ये मजाक के सिवा कुछ भी नहीं, हमारे पास मौत का DNA सबूत

लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन (Velupillai Prabhakaran) जिंदा होने की बात को श्रीलंका (Sri Lanka) सरकार ने मजाक करार दिया है. दरअसल, प्रभाकरन की मौत के ऐलान के 14 साल बाद तमिल नेता पाझा नेदुमारन ने दावा किया कि लिट्टे (LTTE) प्रमुख अभी भी जिंदा है और सही समय पर वो सबसे सामने आएगा. पाझा ने सोमवार को इस बात का दावा किया और कहा कि हमारे नेता के आने का ये अनुकूल समय है.

Velupillai Prabhakaran: लिबरेशन टाइगर्स ऑफ तमिल ईलम (लिट्टे) नेता वेलुपिल्लई प्रभाकरन (Velupillai Prabhakaran) जिंदा होने की बात को श्रीलंका (Sri Lanka) सरकार ने मजाक करार दिया है. दरअसल, प्रभाकरन की मौत के ऐलान के 14 साल बाद तमिल नेता पाझा नेदुमारन ने दावा किया कि लिट्टे (LTTE) प्रमुख अभी भी जिंदा है और सही समय पर वो सबसे सामने आएगा. पाझा ने सोमवार को इस बात का दावा किया और कहा कि हमारे नेता के आने का ये अनुकूल समय है.

पाझा के दावे के बाद पूरी दुनिया में प्रभाकरण को लेकर चर्चा चल पड़ी और लोग संभावना जताने लगे कि जल्द ही लिट्टे ग्रुप एक बार फिर सक्रिय हो जाएगा. हालांकि, इस दावे को मजाक बताकर श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय ने इस सिरे से खारिज कर दिया. श्रीलंका ने डीएनए सबूत का हवाला देकर कहा कि 2009 में प्रभाकरन की मौत हो गई थी.

श्रीलंका के रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता कर्नल नलिन हेराथ ने एक बयान में कहा, 14 साल पहले ही इस बात की पुष्टि हो चुकी है कि प्रभाकरण की मौत हो चुकी है. 19 मई 2009 को उसे मार गिराया गया था. प्रभाकरण के डीएनए से भी इस बात की पुष्टि हुई थी.

श्रीलंका के उत्तरी और पूर्वी जिलों में लिट्टे ने तमिलों के अधिकारों की लड़ाई के लिए झंडा बुलंद किया था. हालांकि, विरोध की घटनाओं के बीच श्रीलंकाई सेना ने प्रभाकरन को मौत के घाट उतारने का ऐलान किया था. सेना ने उसकी मौत का ऐलान 19 मई, 2009 को की थी.

श्रीलंका में सिंहली लोगों ने राजपक्षे परिवार का उग्र विरोध किया है और वहां राजनीतिक तौर पर भी अस्थिरता का माहौल है. पाझा ने बताया कि प्रभाकरन के प्रकट होने के लिए ये माहौल बेहतर है. हालांकि, इससे पहले भी कई बार तमिलनाडु के नेताओं ने दावा किया कि प्रभाकरन जिंदा है.