Sridevi Sarees / श्रीदेवी की सिफॉन साड़ियां: तीन सुपरहिट फिल्मों का राज और हीरो से ज्यादा फीस का दौर

बॉलीवुड की पहली लेडी सुपरस्टार श्रीदेवी ने 80 के दशक में अपनी सिफॉन साड़ियों से फैशन ट्रेंड स्थापित किया। 'मिस्टर इंडिया', 'चांदनी' और 'जांबाज' जैसी तीन सुपरहिट फिल्मों में एक जैसी साड़ियां पहनकर उन्होंने बॉक्स ऑफिस पर धूम मचाई और हीरो से भी ज्यादा फीस ली।

बॉलीवुड फिल्मों का असर फैशन पर हमेशा से ही गहरा रहा है। सिल्वर स्क्रीन पर अभिनेत्रियों द्वारा पहने गए परिधान, साड़ियां और गहने अक्सर फैशन जगत में नए ट्रेंड सेट करते हैं। 80 के दशक में, जब भारतीय सिनेमा ने एक नया मुकाम हासिल किया, तब एक ऐसी अदाकारा थीं जिन्होंने न केवल अपने अभिनय से दर्शकों के दिलों पर राज किया, बल्कि अपने फैशन सेंस से भी लोगों को अपना दीवाना बनाया। यह कोई और नहीं बल्कि बॉलीवुड की पहली लेडी सुपरस्टार श्रीदेवी थीं, जिन्होंने एक ही तरह की सिफॉन साड़ियों को तीन अलग-अलग फिल्मों में पहनकर उन्हें न सिर्फ सुपरहिट बनाया, बल्कि खुद भी बॉक्स ऑफिस पर हीरो से ज्यादा फीस लेने वाली अदाकारा बन गईं।

सिफॉन साड़ियों का जादू और तीन ब्लॉकबस्टर

श्रीदेवी ने 80 के दशक में अपनी फिल्मों के जरिए सिफॉन साड़ी को एक नया जीवन दिया। उनकी मोहक अदाएं और सिफॉन साड़ियों का हल्कापन, दोनों मिलकर। एक ऐसा जादू रचते थे कि दर्शक मंत्रमुग्ध हो जाते थे। खास बात यह है कि उन्होंने तीन अलग-अलग फिल्मों में सिफॉन की साड़ियां पहनीं, और तीनों ही फिल्में बॉक्स ऑफिस पर जबरदस्त सफल साबित हुईं, जिसने उनके स्टारडम को और भी मजबूत किया और यह सिर्फ इत्तेफाक नहीं था, बल्कि उनकी स्टाइल और फिल्मों की कहानी का एक अनूठा संगम था जिसने उन्हें हमेशा भीड़ से अलग रखा।

'मिस्टर इंडिया' की नीली सिफॉन साड़ी

29 मई 1987 को रिलीज हुई फिल्म 'मिस्टर इंडिया' भारतीय सिनेमा की सबसे प्रतिष्ठित फिल्मों में से एक है। इस फिल्म का गाना 'काटे नहीं कटते दिन और रात... ' आज भी लोगों की जुबान पर है। इस गाने में श्रीदेवी ने नीले रंग की सिफॉन साड़ी। पहनी थी, जिसमें वह बेहद खूबसूरत और आकर्षक लगी थीं। उनकी इस अदा ने न केवल गाने को एक अलग ही पहचान दी बल्कि नीली सिफॉन साड़ी को भी एक फैशन स्टेटमेंट बना दिया। मात्र 3 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने बॉक्स ऑफिस पर 10 करोड़ से अधिक की। कमाई कर सुपरहिट का दर्जा हासिल किया, जिसमें श्रीदेवी का लुक और प्रदर्शन प्रमुख कारकों में से एक था।

'चांदनी' में पीली सिफॉन का जलवा

15 सितंबर 1989 को रिलीज हुई रोमांटिक म्यूजिकल ड्रामा 'चांदनी' उस दौर की एक और बड़ी सुपरहिट फिल्म थी। इस फिल्म में भी श्रीदेवी ने सिफॉन की साड़ियां पहनी थीं, जिनमें पीली रंग की सिफॉन साड़ी ने विशेष रूप से दर्शकों का ध्यान खींचा और पीले रंग की सिफॉन साड़ी में श्रीदेवी की मासूमियत और सुंदरता ने उन्हें 'चांदनी' के किरदार में पूरी तरह ढाल दिया। यह फिल्म श्रीदेवी के करियर में एक मील का पत्थर साबित हुई और कहीं न कहीं, उन्होंने अपनी फिल्मों के माध्यम से सिफॉन साड़ी के चलन को भारतीय फैशन में गहराई से स्थापित किया।

'जांबाज' की लाल सिफॉन और दमदार कैमियो

1986 में रिलीज हुई फिरोज खान की फिल्म 'जांबाज' अपने समय से काफी आगे की फिल्म मानी जाती है। अनिल कपूर और डिंपल कपाड़िया जैसे दिग्गज कलाकारों के बावजूद, फिल्म में श्रीदेवी का कैमियो रोल यादगार रहा और शुरुआत में श्रीदेवी ने इस फिल्म में काम करने से मना कर दिया था, लेकिन फिरोज खान के मनाने पर वह राजी हो गईं। 'जांबाज' में उन्होंने लाल रंग की सिफॉन साड़ी पहनी थी, जिस पर 'हर किसी को नहीं मिलता यहां प्यार जिंदगी में' जैसा पॉपुलर गाना फिल्माया गया था। यह गाना और उसमें श्रीदेवी का लुक आज भी लोगों को खूब पसंद है। 2 करोड़ के बजट में बनी इस फिल्म ने लगभग 6 करोड़ का बिजनेस किया। और हिट साबित हुई, जिसमें श्रीदेवी के छोटे लेकिन प्रभावशाली रोल का भी बड़ा योगदान था।

हीरो से ज्यादा फीस लेने वाली पहली अदाकारा

80 के दशक में बॉलीवुड में पुरुषों का दबदबा था, जहां अभिनेताओं को अभिनेत्रियों की तुलना में अधिक फीस मिलना आम बात थी। लेकिन श्रीदेवी ने इस परिपाटी को तोड़ा। अपनी अपार लोकप्रियता और बॉक्स ऑफिस पर अपनी फिल्मों की सफलता के दम पर उन्होंने कई फिल्मों में अपने मेल को-स्टार्स से ज्यादा फीस ली। यह उनकी स्टार पावर और इंडस्ट्री में उनके कद का प्रमाण था, जिसने उन्हें सचमुच 'लेडी सुपरस्टार' बनाया। उनका प्रभाव सिर्फ फैशन और अभिनय तक ही सीमित नहीं था, बल्कि उन्होंने फीस के मामले में भी महिलाओं के लिए नए मानक स्थापित किए।