सुपरमून / दुनियाभर के हिस्सों में दिखा 2021 का आखिरी सुपरमून 'स्ट्रॉबेरी मून'; तस्वीरें सामने आईं

Zoom News : Jun 25, 2021, 12:37 PM
नई दिल्ली: दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में 24 जून को अद्भुत खगोलीय घटना देखने को मिली, जिसे स्‍ट्राबेरी मून के तौर पर भी जाना जाता है। इसे साल 2021 का आखि‍री सुपरमून कहा गया है, ज‍िसकी तस्‍वीरें मन मोह लेनी वाली हैं।

स्‍ट्राबेरी मून एक अद्भुत खगोलीय घटना है। इसे हनी-मून, ब्लूमिंग मून, ग्रीन कॉर्न मून, एग लेयिंग मून, हैचिंग मून, होएर मून, बर्थ मून और मीड मून के नाम से भी जाना जाता है। दुनिया के विभिन्‍न हिस्‍सों में 24 जून, 2021 को नजर आया स्‍ट्राबेरी मून इस साल का तीसरा और आखिरी सुपरमून बताया गया है। वैज्ञानिकों के अनुसार, अगला सुपरमून अब 14 जून 2022 को नजर आएगा।

आसमान में गुरुवार को जब चांद निकला तो इसका आकार अन्‍य सामान्‍य पूर्णिमा के चांद के मुकाबले अधिक बड़ा रहा। शाम लगभग 7 बजे पूरब की दिशा से चांद निकला, जिसकी चमक भी अन्‍य दिनों में पूर्णिमा के चांद के मुकाबले अधिक रही। वैज्ञानिकों के अनुसार, चांद अन्‍य दिनों के मुकाबले पृथ्वी के अधिक करीब रहा, जिस वजह से यह बड़े आकार का नजर आया।

इस अद्भुत खगोलीय घटना को स्‍ट्रॉबेरी मून नाम दिए जाने की वजह बेहद दिलचस्‍प बताई जाती है। कहा जाता है कि यह पश्चिमी देशों में स्ट्रॉबेरी की हार्वेस्टिंग का मौसम होता है। इसलिए इसे स्‍ट्रॉबेरी मून नाम दिया गया। इसे हनी मून कहे जाने के पीछे भी यह वजह बताई जाती है कि इस मौसम में उत्‍तरी अमेरिका के कुछ हिस्‍सों में हनी हार्वेस्ट करने के लिए तैयार हो जाता है।

कुछ पश्चिमी देशों में इस खगोलीय घटना को रोजमून भी कहा जाता है। यह नाम उगने के दौरान चांद की लालिमा और कुछ क्षेत्रों में इस समय खिलने वाले गुलाब के कारण दिया गया है। यहां उल्‍लेखनीय है कि साल 1930 में पहली बार फार्मर अलमैनेक ने सुपरमून के नाम निर्धारित किए थे। इसी के अनुसार, अप्रैल में नजर आने वाले सुपरमून नाम को 'पिंक मून' रखा गया था।

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