नई दिल्ली / सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:- बीएचयू मामले पर ट्वीट में प्रियंका

कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा ने बीएचयू में संस्कृत के मुस्लिम प्रोफेसर के विरोध पर ट्वीट किया है, "संस्कृत में ही लिखा गया है 'सर्वे भवन्तु सुखिन:, सर्वे सन्तु निरामया:'...विश्वविद्यालय में संस्कृत कोई भी अध्यापक पढ़ा सकता है।" बसपा प्रमुख मायावती ने कहा, "पीएचडी स्कॉलर फिरोज़ खान पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है।"

Jansatta : Nov 21, 2019, 04:16 PM
Banaras Hindu University, Firoze Khan, Mayawati: बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (BHU) में मुस्लिम संस्कृत टीचर को लेकर उपजे विवाद पर सियासी घमासान तेज हो गया। अब इस मुद्दे पर बसपा सुप्रीमो मायावती ने भी बयान दिया है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से इस मसले पर ध्यान देने की मांग करते हुए कहा कि बीएचयू द्वारा एक अति-उपयुक्त मुस्लिम संस्कृत विद्वान को अपने शिक्षक के रूप में नियुक्त करना टैलेन्ट को सही प्रश्रय देना ही माना जाएगा और इस सम्बंध में मनोबल गिराने वाला कोई भी काम किसी को करने की इजाजत बिल्कुल नहीं दी जानी चाहिए।

क्या बोलीं मायावती: बसपा प्रमुख ने ट्वीट कर कहा- बनारस हिन्दू केन्द्रीय विवि में संस्कृत के टीचर के रूप में पीएचडी स्कालर फिरोज खान को लेकर विवाद पर शासन/प्रशासन का ढुलमुल रवैया ही मामले को बेवजह तूल दे रहा है। कुछ लोगों द्वारा शिक्षा को धर्म/जाति की अति-राजनीति से जोड़ने के कारण उपजे इस विवाद को कतई उचित नहीं ठहराया जा सकता है। उन्होंने केंद्र की मोदी सरकार से इस मसले पर ध्यान देने की मांग की है।

फिरोज खान के समर्थन में उतरे कुछ छात्र: जहां एक ओर संस्कृत विद्या धरम विज्ञान में दो सप्ताह पहले असिस्टेंट प्रोफेसर के रूप में नियुक्त होने वाले फिरोज खान के विरोध में छात्रों का एक धड़ा मुखर है वहीं अब उनके समर्थन में भी कुछ छात्र सामने आए हैं। नियुक्ति को लेकर विरोध झेल रहे मुस्लिम प्रोफेसर फिरोज कुछ समय पहले अंडरग्राउंड हो गए थे। बताया जा रहा है कि वह बुधवार को अपने गृह नगर जयपुर के लिए रवाना हो गए। हालांकि अब फिरोज खान को छात्रों के एक अन्य धड़े का समर्थन मिल रहा है।

क्या बोले प्रोफेसर फिरोज: बता दें कि दो दिन पहले इस पूरे घटनाक्रम से हताश फिरोज खान ने उम्मीद जताई थी कि उनका विरोध कर रहे छात्र मान जाएंगे। इस बीच उन्होंने इंडियन एक्सप्रेस से बातचीत में कहा कि मैं पूरी जिंदगी संस्कृत पढ़ता रहा लेकिन कभी यह महसूस नहीं हुआ कि मैं एक मुस्लिम हूं लेकिन अब अचानक से यह मुद्दा उठ गया है।