भारतीय क्रिकेट टीम के कप्तान सूर्यकुमार यादव इन दिनों अपनी बल्लेबाजी फॉर्म को लेकर संघर्ष कर रहे हैं, लेकिन इसके बावजूद वह T20 क्रिकेट में दो बड़े और महत्वपूर्ण मुकाम हासिल करने के बेहद करीब हैं। दक्षिण अफ्रीका के खिलाफ चल रही पांच मैचों की T20I सीरीज के दूसरे मुकाबले में, जो मुल्लांपुर में खेला जाएगा, सूर्यकुमार के पास इतिहास रचने का शानदार अवसर है। पहले T20I में टीम इंडिया ने कटक में दक्षिण अफ्रीका को 101 रनों के बड़े अंतर से हराकर सीरीज में 1-0 की बढ़त। बना ली है, लेकिन सूर्यकुमार यादव बल्ले से कुछ खास कमाल नहीं दिखा पाए थे और सिर्फ 12 रन बनाकर आउट हो गए थे। अब सभी की निगाहें दूसरे मुकाबले पर टिकी हैं, जहां उनसे एक बड़ी और निर्णायक पारी की उम्मीद है, जो न केवल टीम को मजबूती देगी बल्कि उन्हें व्यक्तिगत रिकॉर्ड बुक में भी एक खास जगह दिलाएगी।
9000 T20 रन का ऐतिहासिक मुकाम
सूर्यकुमार यादव T20 क्रिकेट में 9000 रन पूरे करने के बेहद करीब हैं। इस ऐतिहासिक आंकड़े तक पहुंचने के लिए उन्हें केवल 47 रनों की दरकार है। वर्तमान में, उनके नाम T20 क्रिकेट के 343 मैचों की 317 पारियों में कुल 8953 रन दर्ज हैं। यह एक ऐसी उपलब्धि है जो T20 क्रिकेट में उनकी निरंतरता और प्रभाव। को दर्शाती है, भले ही हालिया फॉर्म उनके पक्ष में न रही हो। अगर वह दूसरे T20I में यह आंकड़ा छूने में सफल होते हैं, तो वह T20 क्रिकेट में 9000 रन बनाने वाले चौथे भारतीय बल्लेबाज बन जाएंगे। यह उन्हें विराट कोहली, रोहित शर्मा और शिखर धवन जैसे भारतीय क्रिकेट के दिग्गजों के साथ एक विशेष क्लब में। शामिल कर देगा, जो T20 प्रारूप में उनकी बल्लेबाजी क्षमता और लंबे समय तक प्रदर्शन करने की क्षमता का प्रमाण होगा।
भारतीय बल्लेबाजी के दिग्गजों के क्लब में एंट्री
सूर्यकुमार यादव का 9000 T20 रन का आंकड़ा छूना उन्हें भारतीय क्रिकेट के कुछ सबसे सफल T20 बल्लेबाजों की सूची में शामिल कर देगा। इस सूची में विराट कोहली 13543 रनों के साथ शीर्ष पर। हैं, जो T20 क्रिकेट में उनकी अद्वितीय महारत को दर्शाता है। रोहित शर्मा 12248 रनों के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि शिखर धवन 9797 रनों के साथ तीसरे स्थान पर काबिज हैं। सुरेश रैना 8624 रनों के साथ पांचवें स्थान पर हैं। इन दिग्गजों के बीच सूर्यकुमार का स्थान बनाना उनकी बल्लेबाजी की गुणवत्ता और T20 प्रारूप में उनके योगदान को रेखांकित करता है। यह उपलब्धि न केवल उनके व्यक्तिगत करियर में एक मील का पत्थर होगी, बल्कि भारतीय क्रिकेट के लिए भी एक। महत्वपूर्ण क्षण होगा, क्योंकि यह दर्शाता है कि कैसे नए खिलाड़ी भी इस प्रारूप में अपनी छाप छोड़ रहे हैं।
कैचिंग का रिकॉर्ड: एबी डिविलियर्स को पछाड़ने की तैयारी
बल्लेबाजी के अलावा, सूर्यकुमार यादव फील्डिंग में भी अपनी छाप छोड़ने के लिए तैयार हैं। वह T20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच लेने के मामले में दक्षिण अफ्रीका के महान बल्लेबाज एबी डिविलियर्स को पीछे छोड़ने के कगार पर हैं। सूर्यकुमार ने अब तक T20 क्रिकेट में कुल 170 कैच लपके हैं, जो एबी डिविलियर्स के कैचों की संख्या के बराबर है। हालांकि, डिविलियर्स ने यह कमाल सूर्यकुमार से 3 मैच कम खेलकर। किया था, जो उनकी फील्डिंग की असाधारण क्षमता को दर्शाता है। सूर्यकुमार को डिविलियर्स को पछाड़ने के लिए सिर्फ एक और कैच की आवश्यकता है। यह उपलब्धि T20 क्रिकेट में एक ऑलराउंडर के रूप में उनके महत्व को उजागर करेगी, जहां बल्लेबाजी के साथ-साथ फील्डिंग भी मैच का रुख बदलने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है।
सुरेश रैना के रिकॉर्ड पर भी नजर
एबी डिविलियर्स को पीछे छोड़ने के साथ ही, सूर्यकुमार यादव के पास। मौजूदा सीरीज में सुरेश रैना को भी पछाड़ने का बेहतरीन मौका है। सुरेश रैना ने T20 क्रिकेट में कुल 172 कैच लपके हैं, जो उन्हें भारतीय खिलाड़ियों की सूची में तीसरे स्थान पर रखता है। सूर्यकुमार को रैना से आगे निकलने के लिए केवल तीन और कैचों की आवश्यकता है। यह दर्शाता है कि वह न केवल एक विस्फोटक बल्लेबाज हैं, बल्कि एक उत्कृष्ट फील्डर भी हैं जो टीम के लिए हर विभाग में योगदान देने को तैयार रहते हैं। T20 क्रिकेट में चुस्त फील्डिंग और महत्वपूर्ण कैच लपकना अक्सर मैच का परिणाम तय। करता है, और सूर्यकुमार इस पहलू में भी अपनी क्षमता साबित कर रहे हैं।
T20 क्रिकेट में सबसे ज्यादा कैच लेने वाले भारतीय खिलाड़ियों की सूची में विराट कोहली 185 कैचों के साथ शीर्ष पर हैं, जो उनकी फिटनेस और फील्डिंग कौशल का प्रमाण है। रोहित शर्मा 175 कैचों के साथ दूसरे स्थान पर हैं, जबकि सुरेश रैना 172 कैचों के साथ तीसरे स्थान पर हैं और सूर्यकुमार यादव 170 कैचों के साथ चौथे स्थान पर हैं और मनीष पांडेय 149 कैचों के साथ पांचवें स्थान पर हैं। इस सूची में सूर्यकुमार का नाम शामिल होना उनकी फील्डिंग की गुणवत्ता और T20 प्रारूप में उनके समग्र योगदान को दर्शाता है। यह आंकड़े बताते हैं कि भारतीय क्रिकेट में शीर्ष स्तर पर फील्डिंग का महत्व कितना बढ़ गया है और खिलाड़ी इसमें भी उत्कृष्टता प्राप्त करने का प्रयास कर रहे हैं।
मौजूदा फॉर्म और सीरीज का संदर्भ
सूर्यकुमार यादव पिछले एक साल से खराब फॉर्म से गुजर रहे हैं। उनके बल्ले से आखिरी अर्धशतक पिछले साल अक्टूबर 2024 में बांग्लादेश के खिलाफ हैदराबाद में आया था। तब से लेकर अब तक एक साल से ज्यादा का समय बीत चुका है और उनके प्रशंसक एक बड़ी पारी का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। पहले T20I में 12 रन पर आउट होने के बाद, दूसरे मुकाबले में उनसे एक कप्तान और प्रमुख बल्लेबाज के रूप में बड़ी पारी की उम्मीदें और भी बढ़ गई हैं। भारतीय टीम ने कटक में शानदार प्रदर्शन करते हुए दक्षिण अफ्रीका को 101 रनों से हराया था, जिससे टीम का आत्मविश्वास बढ़ा है। अब मुल्लांपुर में होने वाले दूसरे T20I में टीम इंडिया अपनी बढ़त को दोगुना करने के इरादे से उतरेगी।
दूसरे T20I से उम्मीदें
मुल्लांपुर में होने वाला दूसरा T20I मैच सूर्यकुमार यादव के लिए व्यक्तिगत रूप से और टीम के लिए भी बेहद महत्वपूर्ण है और एक कप्तान के रूप में, वह टीम को सीरीज में 2-0 की अजेय बढ़त दिलाना चाहेंगे। वहीं, एक बल्लेबाज के रूप में, वह अपनी खराब फॉर्म को खत्म कर 9000 T20 रन और कैचिंग के रिकॉर्ड को अपने नाम करना चाहेंगे। यह मैच उनके करियर में एक महत्वपूर्ण मोड़ साबित हो सकता है, जहां वह अपनी बल्लेबाजी और फील्डिंग दोनों से अपनी छाप छोड़ सकते हैं। प्रशंसकों को उम्मीद है कि 'स्काई' एक बार फिर अपने पुराने रंग में लौटेंगे और अपने विस्फोटक अंदाज से मैदान पर धूम। मचाएंगे, जिससे न केवल टीम को जीत मिलेगी बल्कि वह खुद भी T20 क्रिकेट के इतिहास में अपना नाम दर्ज करा पाएंगे।