Tamannaah Bhatia News / ओजैंपिक के आरोपों पर तमन्ना भाटिया ने तोड़ी चुप्पी, बताया वजन घटने का असली कारण

तमन्ना भाटिया ने अपने हालिया वजन घटाने को लेकर ओजैंपिक के इस्तेमाल के आरोपों पर प्रतिक्रिया दी है। अभिनेत्री ने स्पष्ट किया कि उनका शरीर हमेशा से ऐसा ही रहा है और कोविड-19 के दौरान वजन बनाए रखना मुश्किल हो गया था। उन्होंने भारतीय कर्व्स को अपनाने पर जोर दिया।

अभिनेत्री तमन्ना भाटिया इन दिनों अपने उल्लेखनीय शारीरिक परिवर्तन और वजन घटाने को लेकर सुर्खियों में हैं। पिछले कुछ महीनों में उन्होंने कई किलो वजन कम किया है, जिसने उनके प्रशंसकों और सोशल मीडिया उपयोगकर्ताओं दोनों का ध्यान खींचा है। जहां कुछ प्रशंसक उनके नए रूप से खुश हैं, वहीं कई सोशल मीडिया यूजर्स ने उन पर वजन घटाने वाली दवा ओजैंपिक का इस्तेमाल करने का आरोप लगाया है। इन आरोपों पर अब तमन्ना भाटिया ने खुद सामने आकर अपनी चुप्पी तोड़ी है और अपने वजन घटाने के। पीछे की असली वजह बताई है, साथ ही ब्यूटी स्टैंडर्ड्स पर खरा उतरने के दबाव पर भी बात की है।

कैमरे के सामने बड़ी हुई हूं

हार्पर बाजार के साथ एक विशेष बातचीत में, तमन्ना भाटिया ने अपने वजन घटाने और शरीर के बारे में खुलकर बात की। उन्होंने ओजैंपिक लेने के आरोपों पर प्रतिक्रिया देते हुए कहा कि वह 15 साल की उम्र से कैमरे के सामने रही हैं और उनके पास छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि उनके शरीर के कर्व्स कहीं नहीं जा रहे हैं। तमन्ना ने बताया कि उनके 20 के दशक के अंत तक, उनका शरीर दुबला-पतला ही था, और उनका शरीर हमेशा से ऐसा ही रहा है। उन्होंने स्पष्ट किया कि यह उनके लिए कोई नई बात नहीं है, बल्कि वह हमेशा से ऐसी ही रही हैं और इसी तरह पली-बढ़ी हैं। यह बयान उन लोगों के लिए एक सीधा जवाब है। जो उनके शरीर में अचानक बदलाव पर सवाल उठा रहे हैं।

कोरोना का शरीर पर पड़ा असर

तमन्ना भाटिया ने आगे कहा कि भले ही हिंदी बेल्ट के दर्शकों के लिए उनका यह दुबला-पतला रूप नया हो सकता है, लेकिन उन्होंने लगभग 100 फिल्में की हैं। इन फिल्मों में लोगों ने उन्हें अलग-अलग शारीरिक रूपों में देखा है। उन्होंने बताया कि ज्यादातर फिल्मों में वह दुबली-पतली ही रही हैं। तमन्ना ने इस बात पर जोर दिया कि लोगों को यह समझने की जरूरत है कि महिलाओं का शरीर समय के साथ बदलता रहता है और हर पांच साल में हम खुद का एक अलग रूप देखते हैं। यह एक प्राकृतिक प्रक्रिया है जिसे स्वीकार किया जाना चाहिए। उनका यह बयान महिलाओं के शरीर में होने वाले प्राकृतिक परिवर्तनों को सामान्य बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। तमन्ना भाटिया ने खुलासा किया कि कैसे कोरोना महामारी ने उनके शरीर को सबसे ज्यादा प्रभावित किया। उन्होंने बताया कि इस दौरान उनके लिए अपना वजन बनाए रखना मुश्किल हो गया था। तमन्ना ने कहा कि वह अपने 20 के दशक के अंत में। थीं और उन्हें अपना वजन बनाए रखने में काफी संघर्ष करना पड़ा। उन्हें अपना दाल, चावल और रोटी खाना बहुत पसंद है, और इन सभी। स्वस्थ चीजों को खाते हुए भी उन्हें कैमरे के सामने जाना पड़ता था। उन्हें लगने लगा था कि वह किसी खास साइज में नहीं रहना चाहतीं और वह लगातार इसे ठीक करने की कोशिश कर रही थीं और एक समय ऐसा भी आया जब उनका पेट बाहर आने लगा था, और वह सोच में पड़ गई थीं कि उनके शरीर को क्या हो रहा है। यह उनके लिए एक चुनौतीपूर्ण दौर था, जहां उन्हें अपने शरीर के साथ एक नई लड़ाई लड़नी पड़ी।

हर 5 साल में खुद के अलग वर्जन से मिलती हूं

तमन्ना ने आगे इंफ्लेमेशन (सूजन) पर भी बात की, जिसे उन्होंने एक वास्तविक समस्या बताया। उन्होंने कहा कि इस चक्र से गुजरने वाली हर महिला को ऐसा लगता है जैसे उसका शरीर बदल रहा है। तमन्ना ने बताया कि वह भी अपने शुरुआती तीसवें दशक में इसी दौर से गुजर चुकी हैं और उन्होंने फिर से जोर देकर कहा कि उनके शरीर के कर्व्स कहीं नहीं जा रहे हैं क्योंकि वह सिंधी हैं। उनके हिप्स और कमर कहीं नहीं जा रहे हैं क्योंकि यह उनकी हड्डियों का स्ट्रक्चर है। तमन्ना को नहीं लगता कि कोई उन्हें कभी ग्लोबल ब्यूटी स्टैंडर्ड का पालन करते हुए देखेगा, क्योंकि भारतीय होना एक आकांक्षा है। लोग भारतीय महिलाओं के कर्व्स को पसंद करते हैं, और उन्हें लगता है कि अब समय आ गया है कि हम इसे अपनाएं और अपनी प्राकृतिक सुंदरता पर गर्व करें और यह बयान आत्म-स्वीकृति और शरीर की सकारात्मकता का एक मजबूत संदेश देता है।