- भारत,
- 09-Apr-2025 09:55 AM IST
Share Market Today: अमेरिका और चीन के बीच फिर से भड़की टैरिफ वॉर ने वैश्विक बाजारों में तूफान ला दिया है। जहां एक ओर भारत में निवेशकों की नजर भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की आगामी मौद्रिक नीति पर है, वहीं अमेरिका द्वारा चीन से आयातित वस्तुओं पर 104% तक की टैरिफ बढ़ोतरी ने विश्व अर्थव्यवस्था में हलचल मचा दी है।
ट्रंप का बड़ा कदम और चीन की प्रतिक्रिया
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने चीन पर पहले ही टैरिफ लगाए थे, जिसके जवाब में चीन ने अमेरिका पर 34% टैरिफ लगा दिया था। ट्रंप प्रशासन ने 8 अप्रैल तक इन टैरिफ को हटाने की चेतावनी दी थी, जिसे चीन ने अनसुना कर दिया। इसके बाद अमेरिका ने चीन से आयात होने वाले उत्पादों पर 104% तक की भारी टैरिफ की घोषणा कर दी, जिससे व्यापार जगत में एक बार फिर तनाव चरम पर पहुंच गया है।
भारतीय बाजारों पर सीधा असर
इस टैरिफ वॉर की गूंज भारतीय शेयर बाजार में भी सुनाई दी। बुधवार को कारोबारी सप्ताह के तीसरे दिन बाजार रेड जोन में खुला। बीएसई सेंसेक्स 409 अंकों की गिरावट के साथ 73,817.30 पर खुला, जबकि एनएसई निफ्टी 0.34% की गिरावट के साथ 22,460.30 पर दर्ज हुआ। फार्मा सेक्टर समेत कई क्षेत्रों के शेयरों में गिरावट देखने को मिली।
आरबीआई की भूमिका अहम
बाजार की नजर अब भारतीय रिजर्व बैंक के मौद्रिक नीति निर्णय पर टिकी है। निवेशकों को उम्मीद है कि ब्याज दरों में 0.25% की कटौती की जा सकती है, लेकिन अगर यह कटौती 0.5% तक पहुंचती है, तो यह बाजार के लिए सकारात्मक संकेत हो सकता है, जो फिलहाल अंतरराष्ट्रीय दबावों से जूझ रहा है।
फार्मा सेक्टर पर गहराया संकट
डोनाल्ड ट्रंप द्वारा फार्मास्युटिकल प्रोडक्ट्स पर टैरिफ बढ़ाने के संकेत के बाद भारतीय फार्मा कंपनियों की चिंता बढ़ गई है। अब तक अमेरिकी बाजार में इन कंपनियों को रेसिप्रोकल टैरिफ नीति के तहत छूट मिली हुई थी, लेकिन इस नीति के दायरे के विस्तार की संभावना से शेयरों पर दबाव बन गया है।
प्रभावित कंपनियां:
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Sun Pharma
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Lupin
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Dr. Reddy’s
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Aurobindo Pharma
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Gland Pharma
ये कंपनियां अमेरिकी बाजार से भारी राजस्व प्राप्त करती हैं, और किसी भी टैरिफ परिवर्तन का इन पर सीधा असर पड़ता है।
अमेरिकी शेयर बाजार भी दबाव में
टैरिफ तनाव का असर अमेरिका के अपने बाजार पर भी साफ दिख रहा है। मंगलवार को लगातार चौथे दिन अमेरिकी बाजार में गिरावट रही। S&P 500 इंडेक्स 4,982.77 पर बंद हुआ, जो पिछले वर्ष के मुकाबले पहली बार 5,000 के नीचे आया। डॉउ जोन्स इंडस्ट्रियल एवरेज भी 320 अंक की गिरावट के साथ 37,645.59 पर बंद हुआ। S&P अब अपने रिकॉर्ड हाई से 18.9% नीचे है, जो मंदी का संकेत देता है।