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- 18-Jun-2025 06:00 PM IST
IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच टेस्ट सीरीज का रोमांच 20 जून से शुरू हो रहा है। इंग्लिश सरज़मीं पर खेली जा रही इस सीरीज में भले ही इंग्लैंड को घरेलू फायदा मिलने की बात कही जा रही हो, लेकिन आंकड़े एक अलग ही कहानी कह रहे हैं। दरअसल, आंकड़ों पर गौर करें तो साफ दिखता है कि इंग्लैंड अपने ही घर में दबाव में है और भारत का पलड़ा इस बार ज़्यादा भारी नज़र आ रहा है।
घर में ही बेबस ‘अंग्रेज़’
इंग्लैंड की टीम ने जब से बेन स्टोक्स की कप्तानी में 'बाज़बॉल' शैली अपनाई है, वो काफी आक्रामक अंदाज़ में क्रिकेट खेल रही है। लेकिन इस रणनीति का असर हर बार सकारात्मक नहीं रहा। बीते पांच वर्षों में इंग्लैंड ने अपने घर पर 11 टेस्ट सीरीज खेली हैं जिनमें से सिर्फ एक सीरीज गंवाई है – ये आंकड़ा सुनने में प्रभावशाली लगता है, लेकिन जब इसकी गहराई में उतरें तो स्थिति अलग नज़र आती है।
जीत का सच: कमज़ोर टीमों पर भारी, दिग्गजों के आगे ढीली
इन पांच वर्षों में इंग्लैंड ने जिन टीमों को हराया है, वे अधिकांशतः अपेक्षाकृत कमज़ोर मानी जाने वाली टीमें थीं – जैसे वेस्टइंडीज, पाकिस्तान, श्रीलंका और हाल ही में जिम्बाब्वे। लेकिन जब मुकाबला बड़ी टीमों से हुआ, तो इंग्लैंड की जीत की गाड़ी पटरी से उतरती दिखी।
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भारत के खिलाफ 2021-22 में हुई सीरीज 2-2 से ड्रॉ रही।
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एशेज 2023 में ऑस्ट्रेलिया से भिड़ंत भी 2-2 पर खत्म हुई।
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न्यूजीलैंड ने 2021 में इंग्लैंड को 1-0 से पटखनी दी।
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सिर्फ एक बार इंग्लैंड ने न्यूजीलैंड और साउथ अफ्रीका को हराया, लेकिन वह भी काफी संघर्ष के बाद।
इन आंकड़ों से स्पष्ट है कि इंग्लैंड की टीम घरेलू मैदानों पर दिग्गज टीमों से जूझते समय स्थिरता नहीं दिखा पा रही है।
हरी पिच नहीं, ‘पाटा विकेट’ मांगी इंग्लैंड ने – डर का सबूत?
इस बार लीड्स टेस्ट से पहले जो खबर सामने आई है, वह और भी चौंकाने वाली है। इंग्लैंड की टीम ने लीड्स के मैदान पर हरी और तेज़ गेंदबाज़ों को मदद करने वाली पिच की जगह ‘पाटा विकेट’ की मांग की है। यह मांग सीधे तौर पर भारतीय तेज गेंदबाज़ों – जसप्रीत बुमराह, मोहम्मद सिराज, प्रसिद्ध कृष्णा और शार्दुल ठाकुर – के खौफ को दर्शाती है।
भारतीय पेस अटैक इस वक्त दुनिया के सर्वश्रेष्ठ यूनिट्स में से एक है, और हरी पिचों पर उनका कहर किसी से छिपा नहीं है। यही वजह है कि इंग्लैंड अब कंडीशंस को अपने हक में मोड़ने की कोशिश कर रहा है।
डर ले न डूबे अंग्रेज़ों को?
इंग्लैंड की ये रणनीति अगर कामयाब होती है तो शायद उन्हें शुरुआती बढ़त मिल सके, लेकिन भारतीय टीम की ताकत सिर्फ गेंदबाज़ी तक सीमित नहीं है। बल्लेबाज़ी में भी रोहित शर्मा, विराट कोहली, शुभमन गिल और रिषभ पंत जैसे खिलाड़ी इंग्लिश गेंदबाज़ों के छक्के छुड़ा सकते हैं।