IND vs ENG / पूरी टेस्ट सीरीज में बेंच पर बैठे रहे ये 3 भारतीय प्लेयर्स, कप्तान गिल ने नहीं दिया एक मौका

भारत-इंग्लैंड टेस्ट सीरीज 2-2 से बराबर रही। केएल राहुल, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज ने शानदार प्रदर्शन किया। वहीं, कुलदीप यादव, अभिमन्यु ईश्वरन और अर्शदीप सिंह को एक भी मैच खेलने का मौका नहीं मिला। ये तीनों खिलाड़ी पूरी सीरीज बेंच पर ही बैठे रह गए, जिससे निराशा हुई।

IND vs ENG: भारत और इंग्लैंड के बीच हाल ही में समाप्त हुई टेस्ट सीरीज रोमांचक रही, जो 2-2 से बराबरी पर खत्म हुई। इस सीरीज में भारतीय खिलाड़ियों ने शानदार प्रदर्शन किया, जिसमें केएल राहुल, शुभमन गिल और मोहम्मद सिराज जैसे सितारों ने अपनी छाप छोड़ी। अभिमन्यु ईश्वरन और अंशुल कम्बोज ने इस सीरीज में टेस्ट डेब्यू किया, लेकिन तीन खिलाड़ी ऐसे रहे जो पूरी सीरीज में बेंच पर बैठे रहे और उन्हें कप्तान शुभमन गिल ने एक भी मौका नहीं दिया। ये खिलाड़ी थे कुलदीप यादव, अभिमन्यु ईश्वरन और अर्शदीप सिंह। आइए, इन तीनों खिलाड़ियों की कहानी और उनके बेंच पर रहने के कारणों पर नजर डालते हैं।

1. कुलदीप यादव: स्पिनर की अनदेखी

कुलदीप यादव, एक प्रतिभाशाली चाइनामैन गेंदबाज, इस सीरीज में पूरी तरह बेंच पर रहे। भारतीय टीम ने स्पिन डिपार्टमेंट में रवींद्र जडेजा और वॉशिंगटन सुंदर पर भरोसा जताया। ये दोनों न केवल अपनी गेंदबाजी के लिए जाने जाते हैं, बल्कि निचले क्रम में उपयोगी बल्लेबाजी भी करते हैं। इस सीरीज में इन दोनों ने बल्ले और गेंद दोनों से अच्छा प्रदर्शन किया। दूसरी ओर, कुलदीप यादव एक विशुद्ध गेंदबाज हैं, जिनका बल्लेबाजी पक्ष अपेक्षाकृत कमजोर है। यही कारण रहा कि टीम मैनेजमेंट ने उन्हें प्लेइंग इलेवन में शामिल करने के बजाय जडेजा और सुंदर को प्राथमिकता दी। कुलदीप ने अब तक 13 टेस्ट मैचों में 56 विकेट लिए हैं, लेकिन इस सीरीज में उनकी प्रतिभा का उपयोग नहीं हो सका।

2. अभिमन्यु ईश्वरन: घरेलू क्रिकेट का सितारा, फिर भी अनदेखा

अभिमन्यु ईश्वरन का टेस्ट डेब्यू इस सीरीज में हुआ, लेकिन उन्हें एक भी मैच में प्लेइंग इलेवन में जगह नहीं मिली। इससे पहले बॉर्डर-गावस्कर ट्रॉफी में ऑस्ट्रेलिया दौरे पर भी वह भारतीय टेस्ट स्क्वाड का हिस्सा थे, लेकिन वहां भी उन्हें मौका नहीं मिला। घरेलू क्रिकेट में उनका रिकॉर्ड शानदार है। उन्होंने 103 फर्स्ट क्लास मैचों में 7841 रन बनाए हैं, जिसमें 27 शतक शामिल हैं। इसके अलावा, 89 लिस्ट-ए मैचों में उनके नाम 3857 रन हैं। इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद, कप्तान और टीम मैनेजमेंट ने साई सुदर्शन और करुण नायर जैसे खिलाड़ियों को प्राथमिकता दी, जिसके चलते ईश्वरन को पूरे टूर में निराशा झेलनी पड़ी।

3. अर्शदीप सिंह: चोट ने छीना डेब्यू का मौका

युवा तेज गेंदबाज अर्शदीप सिंह को पहली बार भारतीय टेस्ट स्क्वाड में शामिल किया गया था। उनकी गति और स्विंग गेंदबाजी की क्षमता ने उन्हें इस मौके तक पहुंचाया, लेकिन दुर्भाग्य ने उनका साथ नहीं दिया। चौथे टेस्ट में उनके पास प्लेइंग इलेवन में शामिल होने का मौका था, लेकिन हाथ में लगी चोट के कारण वह उस मैच से बाहर हो गए। इसके बाद पांचवें टेस्ट में भी उन्हें मौका नहीं मिला। नतीजतन, वह पूरी सीरीज में एक भी मैच की प्लेइंग इलेवन का हिस्सा नहीं बन सके। अर्शदीप की प्रतिभा को देखते हुए यह उम्मीद की जा रही थी कि वह टेस्ट क्रिकेट में अपनी छाप छोड़ेंगे, लेकिन चोट और टीम चयन ने उनके डेब्यू के सपने को इस सीरीज में अधूरा छोड़ दिया।