Ganesh Chaturthi 2020 / कोरोना ने फीका किया गणेश चतुर्थी का रंग, भक्तों के लिए ऑनलाइन आरती, पूजा और दर्शनों की व्यवस्था

ABP News : Aug 22, 2020, 08:04 AM
मुंबई: देश भर में आज गणेश चतुर्थी का त्यौहार मनाया जाएगा।महाराष्ट्र समेत पूरे देश में गणपति का ये पर्व धूमधाम से मनाया जाता है। गणेश चतुर्थी का उत्सव 10 दिनों तक चलता है जो चतुर्थी को शुरु होकर अनंत चतुर्दशी के दिन समाप्त होता है। हालांकि कोरोना संकट के चलते इस साल गणेश उत्सव अलग रुप में मनाया जाएगा।

भक्तों के लिए ऑनलाइन आरती, पूजा और दर्शनों की व्यवस्था

गणेशोत्सव समारोह में मुंबई के लालबाग समेत पुणे और अन्य शहरों में हमेशा की तरह 15 फीट से अधिक वाली विशालयकाय मूर्तियां नजर नहीं आएंगी। साथ ही ज्यादातर मंडल भक्तों के लिए ऑनलाइन आरती, पूजा और दर्शनों की व्यवस्था करेंगे। गणेश चतुर्थी पर कई लोग अपने घरों में गणेश भगवान की प्रतिमा बैठाते हैं और उसकी प्राण प्रतिष्ठा करते हैं। गणेश चतुर्थी तक रतजगा, गणेश भगवान के भजन, अखंड दीपक और पूजा-पाठ चलता है। अनंत चतुर्दशी के दिन गणेश भगवान को विदाई दी जाती है।

क्या है मान्यता

भगवान गणेश जी को बुद्धि, विवेक, धन-धान्य, रिद्धि-सिद्धि का कारक माना जाता है। मान्यता है कि गणेश जी को प्रसन्न करने से घर में सुख, समृद्धि और शांति की स्थापना होती है।

मान्यता है कि इसी दिन गौरीपुत्री श्रीगणेश का जन्म हुआ था। इस दिन घर-घर में मंगलमूर्ति की स्थापना होती है। गणेश जी का जन्म मध्याह्न में हुआ है इसलिए गणेशजी को मध्याह्न में बिठाया जाता है। गणेश जी को बिठाने के बाद 10 दिनों तक उनकी पूजा होती है। वहीं आज गणेश चतुर्थी के दिन चन्द्र दर्शन वर्जित होता है। ऐसा माना जाता है कि इस दिन चांद को देखने पर मिथ्या दोष लगता है जिसकी वजह से देखने वाले को चोरी का झूठा इल्जाम सहना पड़ता है।

सरकार ने लोगों से सादे समारोह का आह्वान किया

महाराष्ट्र के गृह मंत्री अनिल देशमुख ने शुक्रवार को लोगों से अनुरोध किया कि गणेश उत्सव को कोविड-19 महामारी के मद्देनजर सादगी से मनाएं और भीड़ जुटाने से बचें। एक आधिकारिक बयान में उन्होंने मुस्लिम समुदाय से भी अनुरोध किया कि महीने के अंत में पड़ने वाले मुहर्रम के दौरान भीड़-भाड़ से बचें। सरकार ने गणेशोत्सव आयोजन के लिये दिशानिर्देश भी जारी किये हैं, जिसके तहत प्रतिमा स्थापित किये जाने से पहले और विसर्जन के दौरान जुलूस नहीं निकाले जाने चाहिए।

दिशानिर्देश में कहा गया कि इस साल सार्वजनिक मंडल और घरों में स्थापित की जाने वाली गणेश प्रतिमाओं की ऊंचाई क्रमश: चार फीट और दो फीट से ज्यादा नहीं होनी चाहिए। बयान में कहा गया कि सभी मंडलों को नगर निगमों और स्थानीय प्रशासन द्वारा निर्धारित नीतियों की तर्ज पर ही मंडप स्थापित करने होंगे।

बयान में देशमुख को उद्धृत करते हुए कहा गया कि इस साल गणेश उत्सव सादगी से मनाया जाना चाहिए जिससे सार्वजनिक मंडलों या लोगों द्वारा घरों पर की जा रही प्रतिमा स्थापना के दौरान सजावट को लेकर बहुत तामझाम न किया जाए। सरकार ने कहा कि लोगों को इस बार परंपरागत प्रतिमा स्थापित करने के बजाए यथासंभव धातु, संगमरमर या अन्य तत्वों से बनी प्रतिमाओं की पूजा करनी चाहिए। बयान में कहा गया कि मिट्टी या पर्यावरण अनुकूल सामग्री से बनी प्रतिमाओं को घर पर ही विसर्जित किया जाना चाहिए।

 लोगों को सामाजिक दूरी का पालन करने की अपील

बृहन्मुंबई सार्वजनिक गणेशोत्सव समन्वय समिति ने शुक्रवार को कहा कि गणपति उत्सव के दौरान खरीदारी करते समय लोगों को सामाजिक दूरी के नियमों का पालन करना चाहिए। सोशल मीडिया पर डाले गए कई वीडियो में लोग गणेश चतुर्थी से पहले दादर क्षेत्र में सब्जी और फूल बाजार में खरीदारी करते दिखाई दिए। समिति के अध्यक्ष नरेश दहीबावकर ने कहा कि लोगों को भगवान में विश्वास होना चाहिए लेकिन साथ में कोरोना वायरस को फैलने से रोकने के लिए एहतियाती कदम भी उठाने चाहिए।

समिति, सार्वजनिक रूप से पंडाल में उत्सव मनाने वाले मंडलों (समूहों) का प्रतिनिधित्व करती है। दहीबावकर ने कहा, “हमें आशा थी कि पर्व से पहले लोग सामाजिक का दूरी का ध्यान रखेंगे। लेकिन ऐसा हो नहीं रहा है।” उन्होंने कहा,“ पिछले चार पांच दिन से लोगों का एक वर्ग बाजार में सामाजिक दूरी का पालन करना भूल गया है।” उन्होंने कहा कि शहर में गणेश मंडलों ने पर्व के दौरान सामाजिक दूरी का पालन सुनिश्चित करने के लिए कदम उठाने का निर्णय लिया है।

गणेश चतुर्थी मुहूर्त

भाद्रपद मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्थी ति​थि 21 अगस्त शुक्रवार की रात 11 बजकर 02 मिनट से शुरू होगी और 22 अगस्त शनिवार को शाम 07 बजकर 57 मिनट तक रहेगी।

धार्मिक मान्यता है कि गणेश चतुर्थी की पूजा हमेशा दोपहर के मुहूर्त में की जाती है क्योंकि गणेश जी का जन्म दोपहर में हुआ था। 22 अगस्त को दिन में 11 बजकर 06 मिनट से दोपहर 01 बजकर 42 मिनट के मध्य भगवान गणेश की पूजा की जा सकती है।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER