- भारत,
- 27-Aug-2025 10:04 AM IST
Ganesh Chaturthi 2025: हर साल की तरह इस साल भी गणेश चतुर्थी 2025 पूरे देश में बड़े ही हर्ष और उल्लास के साथ मनाई जा रही है। महाराष्ट्र से लेकर उत्तर भारत तक बप्पा के जयकारों की गूंज सुनाई दे रही है। खासकर मुंबई, पुणे और हैदराबाद जैसे शहरों में गणपति पंडालों की भव्यता देखते ही बनती है। 10 दिनों तक चलने वाले इस उत्सव में लोग गणपति बप्पा की मूर्ति अपने घरों में स्थापित करते हैं और पूरे विधि-विधान से उनकी पूजा-अर्चना करते हैं। अगर आप भी पहली बार अपने घर में बप्पा का स्वागत कर रहे हैं, तो यह जानना ज़रूरी है कि उनकी स्थापना और पूजा का सही तरीका क्या है।
घर में बप्पा का स्वागत कैसे करें?
प्रतिमा स्थापना का शुभ मुहूर्त
गणपति जी की स्थापना चतुर्थी तिथि के शुभ मुहूर्त में करनी चाहिए। इस साल 2025 में पूजा का शुभ समय सुबह से लेकर मध्याह्न तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, स्थानीय ज्योतिषी से सटीक समय की पुष्टि कर लें।
स्थापना की तैयारी
घर की सफाई: मूर्ति स्थापित करने से पहले, घर को अच्छी तरह से साफ करें। पूजा के लिए एक साफ और ऊंचे स्थान का चयन करें।
चौकी की व्यवस्था: एक लकड़ी का पाटा या चौकी रखें और उसे गंगाजल से शुद्ध करें।
कपड़ा और चावल: पाटे पर लाल या पीले रंग का एक साफ कपड़ा बिछाएं। इसके बाद, पाटे पर थोड़े से चावल रखें और उनके ऊपर गणेश जी की मूर्ति को स्थापित करें।
कलश स्थापना
गणेश मूर्ति के दायीं ओर एक कलश रखें।
कलश में पानी भरकर उसमें एक सुपारी, कुछ सिक्के और आम के पत्ते डालें।
कलश के ऊपर एक नारियल रखें। यह कलश पूजा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा माना जाता है और इसे समृद्धि का प्रतीक माना जाता है।
गणेश जी की पूजा की सही विधि
गणेश चतुर्थी के दिन पूजा की शुरुआत सुबह जल्दी स्नान करने के बाद करें।
ध्यान और संकल्प
पूजा शुरू करने से पहले, भगवान गणेश का ध्यान करें।
मन ही मन अपनी पूजा का संकल्प लें, जैसे कि परिवार की सुख-समृद्धि और बाधाओं के निवारण के लिए।
आवाहन
भगवान गणेश का आवाहन करें और उन्हें आसन ग्रहण करने के लिए कहें।
मंत्रों के साथ फूल और अक्षत (चावल) अर्पित करें। आप निम्न मंत्र का जाप कर सकते हैं:
ॐ गं गणपतये नमः
पंचामृत स्नान
मूर्ति को पंचामृत (दूध, दही, घी, शहद और शक्कर का मिश्रण) से स्नान कराएं।
इसके बाद, शुद्ध जल से स्नान कराकर साफ कपड़े से पोंछें।
वस्त्र और आभूषण
मूर्ति को नए वस्त्र पहनाएं।
फूलों की माला, मुकुट और अन्य आभूषणों से सजाएं।
गणेश जी को उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें
दूर्वा: गणेश जी को दूर्वा अति प्रिय है। 21 दूर्वा के जोड़े अर्पित करें।
गुड़हल का फूल: यह फूल विशेष रूप से चढ़ाया जाता है।
मोदक और लड्डू: ये भगवान गणेश के सबसे प्रिय व्यंजन हैं। इन्हें भोग के रूप में अर्पित करें।
जनेऊ, चंदन, सिंदूर: ये सभी चीजें पूजा में अर्पित करें।
आरती का महत्व
पूजा के आखिर में गणेश जी की आरती का विशेष महत्व है।
मान्यता के अनुसार, गणेश जी की आरती से ही पूजा पूरी मानी जाती है।
आरती करने से वातावरण शुद्ध होता है और मन में सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है।
लोकप्रिय गणेश आरती:
गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी का त्योहार केवल एक पूजा नहीं, बल्कि एक उत्सव है, जो परिवार और समाज को एक साथ लाता है। यह त्योहार बुद्धि, समृद्धि और विघ्न विनाशक गणपति के प्रति श्रद्धा का प्रतीक है। इस अवसर पर लोग एक-दूसरे के साथ खुशियां बांटते हैं और सामाजिक एकता को बढ़ावा देते हैं।
नोट: इस लेख में दी गई जानकारी धार्मिक मान्यताओं पर आधारित है। Zoom News इसकी पुष्टि नहीं करता है।
