Indian Army / भारतीय सेना का 15 दिन में बदलेगा चेहरा, दुश्मन के लिए तैयार घातक प्लान

भारतीय सेना अगले 15 दिनों में ‘डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन’ के पहले चरण को पूरा कर नई ताकत दिखाने को तैयार है। अगस्त अंत तक दिव्यास्त्र बैटरी, शक्तिबाण रेजिमेंट और भैरव बटालियन पूरी तरह ऑपरेशनल होंगी। इनसे सेना की मारक क्षमता, तकनीकी ताकत और युद्ध प्रतिक्रिया समय कई गुना बढ़ेगा।

Indian Army: भारतीय सेना अपनी सैन्य क्षमताओं को अभूतपूर्व स्तर तक ले जाने के लिए तैयार है। डीकेड ऑफ ट्रांसफॉर्मेशन एक्शन प्लान के तहत पहले चरण की समयसीमा अगस्त 2025 के अंत तक निर्धारित की गई है। इस महत्वाकांक्षी योजना के तहत सेना युद्धस्तर पर दिव्यास्त्र बैटरी, भैरव बटालियन, और शक्तिबाण रेजिमेंट को पूरी तरह ऑपरेशनल करने की दिशा में तेजी से काम कर रही है। हाल ही में ऑपरेशन सिंदूर में भारतीय सेना ने अपनी संयुक्त युद्ध क्षमता का शानदार प्रदर्शन करते हुए दुश्मन देशों को करारा जवाब दिया। इस सफलता ने सेना के परिवर्तन योजना को और गति दी है।

चीन और पाकिस्तान की संयुक्त चुनौती

चीन ने अपनी सैन्य संरचना को और मजबूत करने के लिए अपने सैन्य क्षेत्रों को 5 थियेटर कमांड में पुनर्गठित किया है। भारतीय सीमा से सटे क्षेत्रों का नियंत्रण वेस्टर्न थियेटर कमांड के पास है, जिसमें चीनी थल सेना और वायुसेना एकीकृत रूप से तैनात हैं। इसके अतिरिक्त, चीन ने अपनी कई सैन्य डिवीजनों को कंबाइंड आर्म्ड ब्रिगेड (CAB) में बदल दिया है, जो आधुनिक युद्ध की आवश्यकताओं को पूरा करने में सक्षम हैं।

वहीं, पाकिस्तान भी चीनी हथियारों के दम पर भारत के खिलाफ अपनी सैन्य तैयारियों को तेज कर रहा है। पाकिस्तान अपनी आर्मी रॉकेट फोर्स कमांड स्थापित करने की प्रक्रिया में है, जिससे उसकी आक्रामक क्षमता में इजाफा होगा। इन दोनों देशों की संयुक्त चुनौतियों का सामना करने के लिए भारतीय सेना अपनी रणनीति और तकनीक को और उन्नत कर रही है।

आर्टिलरी का आधुनिकीकरण: दिव्यास्त्र और शक्तिबाण का उदय

भारतीय सेना की आर्टिलरी को आधुनिक बनाने की दिशा में तेजी से काम चल रहा है। दिव्यास्त्र बैटरी और शक्तिबाण रेजिमेंट के गठन के साथ आर्टिलरी यूनिट्स को नया स्वरूप दिया जा रहा है।

  • दिव्यास्त्र बैटरी: इस बैटरी में आधुनिक आर्टिलरी गन के साथ-साथ लॉयटरिंग म्यूनिशन और ड्रोन शामिल होंगे। पहले चरण में 5 ऐसी बैटरियां तैयार की जा रही हैं, जो अगस्त 2025 तक पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगी।

  • शक्तिबाण रेजिमेंट: इस रेजिमेंट में पारंपरिक तोपों की जगह केवल ड्रोन और लॉयटरिंग म्यूनिशन का उपयोग होगा। पहले चरण में 3 शक्तिबाण रेजिमेंट स्थापित किए जाएंगे।

ये दोनों यूनिट्स भारतीय सेना की मारक क्षमता को कई गुना बढ़ाएंगी और आधुनिक युद्ध की चुनौतियों से निपटने में सक्षम होंगी।

भैरव बटालियन: सीमाओं पर दुश्मन का काल

भैरव बटालियन के रूप में भारतीय सेना एक ऐसी लाइट कमांडो यूनिट तैयार कर रही है, जो स्पेशल फोर्स और इंफेंट्री यूनिट के बीच एक कड़ी का काम करेगी। पहले चरण में 5 भैरव बटालियन स्थापित की जाएंगी। ये यूनिट्स भारी हथियारों पर निर्भर न होकर तेज, सटीक, और आकस्मिक हमलों पर ध्यान केंद्रित करेंगी, जिससे दुश्मन को चौंकाने में मदद मिलेगी।

इसके अतिरिक्त, सेना की प्रत्येक इंफेंट्री बटालियन में एक ड्रोन प्लाटून जोड़ा जा रहा है। ये प्लाटून निगरानी और आक्रामक कार्रवाइयों दोनों में सक्षम होंगे। अगस्त 2025 के अंत तक सभी ड्रोन प्लाटून पूरी तरह सक्रिय हो जाएंगे।

रुद्र ब्रिगेड: ऑल आर्म्स स्ट्राइक फोर्स

ऑपरेशन सिंदूर की सफलता के बाद रुद्र ब्रिगेड के गठन की प्रक्रिया को और तेज किया गया है। अब तक 2 इंफेंट्री ब्रिगेड को ऑल आर्म्स रुद्र ब्रिगेड में परिवर्तित किया जा चुका है। ये ब्रिगेड इंफेंट्री, मैकेनाइज्ड इंफेंट्री, टैंक, आर्टिलरी, स्पेशल फोर्सेस, और अनमैन्ड एरियल सिस्टम (UAS) के एकीकृत संचालन पर आधारित हैं। यह संयुक्त युद्ध शक्ति भारतीय सेना को किसी भी परिस्थिति में निर्णायक बढ़त प्रदान करेगी।