दुनिया / यूरोप का वो होटल, जहां करवट लेते ही टूरिस्ट एक देश से दूसरे देश पहुंच जाते हैं

News18 : Jan 06, 2020, 11:23 AM
वैसे तो दुनिया में कई ऐसे होटल हैं जो अपने अनोखेपन की वजह से जाने जाते हैं लेकिन एक ऐसा होटल भी है, जहां सिर्फ करवट बदलने पर आप एक देश से दूसरे देश पहुंच जाते हैं। Hotel Arbez Franco-Suisse के नाम से ये होटल फ्रांस और स्विटजरलैंड की सीमा पर बना हुआ है। अर्बेज होटल के दो-दो पते हैं, एक दिशा में ये फ्रांसीसी होटल कहलाता है तो दूसरी दिशा में ये स्विस होटल हो जाता है।

स्विटजरलैंड के जिनेवा से कुछ किलोमीटर की दूरी पर बसे गांव La Cure में बने इस होटल की खासियत ये है कि इसके भीतर से ही दोनों देशों की सीमाएं गुजरती हैं। साल 1862 से पहले होटल अर्बेज का आधा हिस्सा राशन की दुकान की तरह (जो स्विटजरलैंड में आता है) और दूसरा हिस्सा पब (फ्रांस में आने वाला) की तरह इस्तेमाल होता था। इसका मालिक एक फ्रेंच शख्स Ponthus था जिसने क्रॉस-बॉर्डर ट्रैफिक यानी दोनों देशों के लोगों को आकर्षित करने के लिए इस तरह की व्यवस्था की थी।

बाद के साल 1921 में जूल्स-जीन अर्बेजे नामक शख्स ने इस जगह को खरीद लिया और यहां होटल बना दिया।दूसरे विश्वयुद्द के दौरान जर्मनी की सेना फ्रांसीसी हिस्से का तो इस्तेमाल कर पाती थी लेकिन स्विस हिस्से में घुस नहीं पाती थी। तब जर्मन सैनिकों से जान बचाने के लिए भागे हुए लोग इसी होटल के उस हिस्से में ठहर जाते थे, जो स्विटजरलैंड में आता है। इसी तरह की दिक्कतें बाद के सालों में भी आती रहीं। तब बॉर्डर एडजस्टमेंट की कोशिश की गई लेकिन यही तय हो पाया कि होटल का जो हिस्सा जिस देश में है, उसे वहीं रखा जाए।

अर्बेज होटल के सभी कमरों को दो हिस्सों में बांटा गया है, एक स्विस ट्रेडिशन के मुताबिक है तो दूसरा फ्रेंच तकनीक पर सजा हुआ है। जैसे कमरों में बिस्तर ऐसे लगाए गए हैं कि एक तरफ के तकियों पर फ्रांसीसी चिन्ह तो दूसरी तरफ स्विटजरलैंड की सजावट है। होटल के अंदर पहुंचते ही सैलानियों को दोनों देशों में एक साथ रहने का लुत्फ आता है। होटल का बार पूरी तरह से फ्रांस में आता है, वहीं बाथरूम स्विटजरलैंड में पड़ता है।

डेढ़ सौ सालों से भी ज्यादा पुराना ये होटल 2-स्टार होटल की श्रेणी में आता है लेकिन इसकी खासियत की वजह से दुनियाभर के सैलानी यहां आते रहते हैं। दिलचस्प बात ये है कि होटल में पहुंचते ही सैलानियों से पूछा जाता है कि आप कौन से देश के कल्चर का आनंद लेना चाहेंगे और उसी मुताबिक उसे सुविधाएं दी जाती हैं।

आजकल इस होटल को एक फ्रेंच कंपनी देख रही है, जो दोनों देशों को बराबर का टैक्स अदा करती है। साल 2008 में जब फ्रांसीसी सरकार ने पब और रेस्त्रां में स्मोकिंग पर बैन लगाया तब काफी विवाद हुआ कि स्विस हिस्से से आने वाले धुएं को कैसे रोका जाए, जबकि एक ही कमरे में आधा-आधा हिस्सा दोनों देशों में आता है। बाद में स्विस हिस्से में भी स्मोकिंग बंद कर दी गई।

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