- भारत,
- 23-Aug-2025 10:00 AM IST
Pragyan Ojha: 14 नवंबर 2013, मुंबई का वानखेड़े स्टेडियम. क्रिकेट के भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर अपने इंटरनेशनल करियर का आखिरी मैच खेल रहे थे. वेस्टइंडीज के खिलाफ इस टेस्ट मैच में भारत के दिग्गज स्पिनर प्रज्ञान ओझा ने कमाल कर दिखाया था. ओझा ने इस मैच में 10 विकेट चटकाए, जिसमें पहली पारी में 5/40 और दूसरी पारी में 5/49 शामिल थे. उनकी शानदार गेंदबाजी की बदौलत भारत ने वेस्टइंडीज को एक पारी और 126 रनों से रौंदकर सचिन को यादगार विदाई दी. लेकिन किसे पता था कि यह मैच न केवल सचिन का आखिरी इंटरनेशनल मैच होगा, बल्कि प्रज्ञान ओझा का भी आखिरी इंटरनेशनल मुकाबला साबित होगा. इसके बाद ओझा को फिर कभी भारतीय टीम में जगह नहीं मिली.
BCCI में नई भूमिका की ओर
रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब प्रज्ञान ओझा भारतीय क्रिकेट में एक नई और बड़ी जिम्मेदारी संभालने के लिए तैयार हैं. भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (BCCI) अपनी पुरुष और महिला राष्ट्रीय चयन समितियों में बदलाव की योजना बना रहा है. खबर है कि प्रज्ञान ओझा साउथ जोन से पुरुष नेशनल सेलेक्टर बनने के प्रबल दावेदार हैं. वह श्रीधरन शरत की जगह ले सकते हैं, जिनका कार्यकाल इस महीने समाप्त हो रहा है. BCCI ने 22 अगस्त 2025 को अपनी वेबसाइट पर कई पदों के लिए वैकेंसी निकाली है, जिसके लिए आवेदन की अंतिम तारीख 10 सितंबर 2025 है.
इसके साथ ही, श्रीधरन शरत को जूनियर चयन समिति में चीफ सेलेक्टर की भूमिका मिल सकती है, जहां वह तिलक नायडू की जगह ले सकते हैं. दूसरी ओर, नीतू डेविड की अगुवाई वाली महिला नेशनल सेलेक्शन कमेटी में भी बड़े बदलाव की तैयारी है. ओझा का अनुभव और क्रिकेट के प्रति उनकी समझ उन्हें इस भूमिका के लिए मजबूत दावेदार बनाती है.
प्रज्ञान ओझा का इंटरनेशनल करियर
प्रज्ञान ओझा ने अपने इंटरनेशनल करियर में कुल 24 टेस्ट मैच खेले, जिसमें उन्होंने 113 विकेट हासिल किए. टर्निंग पिचों पर उनकी फिरकी गेंदबाजी विपक्षी बल्लेबाजों के लिए काल बनकर उभरी. उन्होंने सात बार एक पारी में पांच विकेट लेने का कारनामा किया. इसके अलावा, 19 वनडे मैचों में उन्होंने 21 विकेट और 6 टी20 इंटरनेशनल में 10 विकेट अपने नाम किए. ओझा की गेंदबाजी का लोहा खासकर टेस्ट क्रिकेट में देखने को मिला, जहां उनकी सटीक लाइन-लेंथ और स्पिन ने कई बार भारत को जीत दिलाई.
आखिरी मैच और अनसुलझा रहस्य
सचिन तेंदुलकर के विदाई टेस्ट में ओझा का प्रदर्शन शानदार था, लेकिन यह उनके करियर का भी आखिरी पड़ाव बन गया. उस मैच के बाद उन्हें फिर कभी भारतीय टीम में मौका नहीं मिला. कई क्रिकेट पंडितों और फैंस के लिए यह एक अनसुलझा रहस्य रहा कि इतने शानदार प्रदर्शन के बावजूद ओझा को क्यों नजरअंदाज किया गया. अब, जबकि वह BCCI में सेलेक्टर की भूमिका निभाने की ओर बढ़ रहे हैं, यह उनके क्रिकेट करियर का एक नया और रोमांचक अध्याय हो सकता है.
नई पारी की शुरुआत
प्रज्ञान ओझा का संभावित सेलेक्टर बनना भारतीय क्रिकेट के लिए एक सकारात्मक कदम हो सकता है. उनकी गहरी क्रिकेट समझ, तकनीकी विशेषज्ञता और अनुभव से भारतीय टीम को नए सितारे तलाशने में मदद मिल सकती है. साउथ जोन से उनकी दावेदारी मजबूत है, और अगर वह इस भूमिका में चुने जाते हैं, तो यह उनके लिए मैदान के बाहर एक नई पारी की शुरुआत होगी. भारतीय क्रिकेट फैंस को उम्मीद है कि ओझा की यह नई जिम्मेदारी भारतीय क्रिकेट को और मजबूत करेगी.
