Illegal immigrants: अमेरिका ने हाल ही में 104 अवैध अप्रवासियों को निर्वासित किया, जिन्हें लेकर आया सैन्य विमान पंजाब के अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरा। निर्वासित लोगों में 30 पंजाब से, 33-33 हरियाणा और गुजरात से, तीन-तीन महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से, तथा दो चंडीगढ़ से थे। इनमें 19 महिलाएं, 13 नाबालिग (जिसमें चार वर्षीय एक बच्चा और पांच व सात वर्षीय दो लड़कियां शामिल हैं) भी थे।
आप ने उठाए सवाल
अमृतसर में विमान की लैंडिंग को लेकर आम आदमी पार्टी (आप) ने केंद्र सरकार पर सवाल उठाए हैं। पंजाब आप के अध्यक्ष अमन अरोड़ा ने पूछा कि जब निर्वासित लोग पूरे देश से हैं, तो विमान को अमृतसर में ही क्यों उतारा गया? उन्होंने कहा कि यह निर्णय पंजाब के खिलाफ एक नैरेटिव खड़ा करने का प्रयास हो सकता है।
अरोड़ा ने आगे कहा कि यदि यह उड़ान राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में उतरती, तो यह केंद्र सरकार के लिए एक बड़ी शर्मिंदगी होती, जो अमेरिका के साथ मजबूत संबंधों का दावा करती है। उनका मानना है कि यह विशेष रूप से पंजाबियों की छवि को धूमिल करने का एक प्रयास हो सकता है।
अवैध प्रवासन और डंकी रूट
अमेरिका में डोनाल्ड ट्रंप के राष्ट्रपति पद संभालने के बाद अवैध प्रवासियों के खिलाफ कार्रवाई तेज कर दी गई है। पंजाब के कई लोग डंकी रूट या अन्य अवैध तरीकों से अमेरिका में प्रवेश कर चुके हैं और अब निर्वासन का सामना कर रहे हैं।
बेड़ियां पहनाकर लाए गए निर्वासित
104 निर्वासितों में से जसपाल सिंह ने बताया कि पूरे यात्रा के दौरान उन्हें हथकड़ी और पैरों में बेड़ियां बांधी गईं, जिन्हें अमृतसर हवाई अड्डे पर उतरने के बाद ही खोला गया। जसपाल ने दावा किया कि एक ट्रैवल एजेंट ने उसे कानूनी तरीके से अमेरिका भेजने का वादा किया था, लेकिन बाद में धोखा देकर अवैध रूप से सीमा पार करने के लिए मजबूर किया गया।
निष्कर्ष
अमेरिका से निर्वासित किए गए लोगों की वापसी पर राजनीतिक विवाद बढ़ रहा है। यह घटना न केवल अवैध प्रवासन की गंभीरता को उजागर करती है, बल्कि यह भी दिखाती है कि इस मुद्दे पर राजनीतिक दलों के अलग-अलग दृष्टिकोण हैं। केंद्र सरकार को स्पष्ट करना होगा कि विमान की लैंडिंग अमृतसर में ही क्यों हुई और भविष्य में ऐसे मामलों को कैसे संभाला जाएगा।