NITI Aayog Meeting / ऐसे बनेगा भारत तीसरी बड़ी इकोनॉमी... नीति आयोग की बैठक में क्या तय हुआ?

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल बैठक हुई, जिसमें 36 में से 31 राज्यों ने भाग लिया। बैठक का मुख्य विषय था "विकसित भारत के लिए विकसित राज्य"। पीएम ने राज्यों से अपने-अपने विजन दस्तावेज तैयार करने का आग्रह किया और ऑपरेशन सिंदूर की सराहना हुई।

NITI Aayog Meeting: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में शनिवार को नीति आयोग की 10वीं गवर्निंग काउंसिल की बैठक आयोजित हुई, जिसमें देश के विकास की दिशा तय करने के लिए ऐतिहासिक भागीदारी देखने को मिली। 36 में से 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने इस बैठक में भाग लिया, जो अब तक की सबसे अधिक भागीदारी रही। यह बैठक न केवल भारत के संघीय ढांचे को मज़बूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम थी, बल्कि ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ की परिकल्पना को साकार करने का अवसर भी बनी।

अनुपस्थित रहे कुछ राज्य, फिर भी दिखा राष्ट्रीय एकता का संकल्प

नीति आयोग के सीईओ बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने जानकारी दी कि कर्नाटक, केरल, पश्चिम बंगाल, बिहार और पुडुचेरी इस बार बैठक में शामिल नहीं हो पाए। बावजूद इसके, बाकी राज्यों ने उत्साहपूर्वक भागीदारी की और अपने-अपने राज्यों के विकास के विज़न को साझा किया। यह भारत के संघीय ढांचे की ताकत को दर्शाता है, जहां विभिन्न राज्य अपनी विशिष्टताओं के साथ एक राष्ट्रीय उद्देश्य के लिए एकजुट होते हैं।

तेजी से विकास की ओर अग्रसर भारत

बैठक में बीवीआर सुब्रह्मण्यम ने भारत के आर्थिक परिदृश्य पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत आज $4 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्था बन चुका है और जापान को पीछे छोड़ चुका है। उन्होंने आशा जताई कि यदि योजनाओं पर अमल जारी रहा, तो भारत अगले तीन वर्षों में दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

इस दिशा में प्रगति करते हुए 17 राज्यों ने अपने विकास के विज़न दस्तावेज तैयार कर लिए हैं। उत्तर प्रदेश, पंजाब, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु और गुजरात जैसे राज्यों ने पहले ही अपने दस्तावेज़ सार्वजनिक कर दिए हैं, जबकि अन्य राज्य अगस्त तक ऐसा करने की तैयारी में हैं।

गवर्निंग काउंसिल का प्रमुख एजेंडा: ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’

इस बैठक का मुख्य विषय ‘विकसित भारत के लिए विकसित राज्य’ रहा। प्रधानमंत्री ने सभी मुख्यमंत्रियों से आग्रह किया कि वे अपने राज्यों के लिए दीर्घकालिक दृष्टिकोण तैयार करें, जो समग्र रूप से भारत के लिए एक व्यापक राष्ट्रीय विज़न का हिस्सा बने। यह दृष्टिकोण नीति निर्माण की विकेन्द्रीकृत प्रक्रिया को सशक्त बनाता है और राज्यों को केंद्र के साथ मिलकर विकास की यात्रा में सहभागी बनाता है।

ऑपरेशन सिंदूर पर राष्ट्रीय एकता का परिचय

बैठक में ‘ऑपरेशन सिंदूर’ को लेकर सभी प्रतिभागियों ने एकमत सराहना व्यक्त की। रक्षा बलों की रणनीतिक सफलताओं और प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए इसे राष्ट्रीय सुरक्षा की दिशा में एक सशक्त पहल बताया गया। प्रधानमंत्री ने इस ऑपरेशन को केवल सैन्य सफलता नहीं, बल्कि सामाजिक ताकत में तब्दील करने की आवश्यकता पर बल दिया।

भविष्य की दिशा: विनिर्माण और सेवाओं पर ज़ोर

प्रधानमंत्री मोदी ने यह भी स्पष्ट किया कि यदि भारत को अगले चरण के विकास में पहुंचना है, तो राज्यों को विनिर्माण और सेवा क्षेत्र पर विशेष ध्यान देना होगा। इससे रोजगार, निवेश और नवाचार को बढ़ावा मिलेगा और भारत वैश्विक प्रतिस्पर्धा में अग्रणी बन सकेगा।