- भारत,
- 20-Sep-2025 09:45 AM IST
India-Canada Relations: जस्टिन ट्रूडो के कनाडा के प्रधानमंत्री रहते हुए भारत और कनाडा के बीच संबंधों में काफी तल्खी देखने को मिली थी। इस दौरान कनाडा ने भारत पर कई गंभीर आरोप लगाए, जिनमें खालिस्तानी अलगाववादी हरदीप सिंह निज्जर की हत्या में भारत सरकार का हाथ होने का दावा शामिल था। सितंबर 2024 में ट्रूडो के इस बयान ने दोनों देशों के बीच तनाव को और बढ़ा दिया। इसके अलावा, कनाडा की राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) नथाली ड्रोइन और उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने द वाशिंगटन पोस्ट को जानकारी लीक करते हुए दावा किया था कि अलगाववादियों को निशाना बनाने के ऑपरेशन के पीछे भारत के केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह का हाथ है। भारत ने इन आरोपों को "बेतुका और निराधार" बताते हुए तीखा विरोध दर्ज किया था।
संबंधों में खटास की वजह
भारत और कनाडा के बीच पहले अच्छे संबंध थे, लेकिन ट्रूडो के नेतृत्व में खालिस्तानी मुद्दे ने दोनों देशों के बीच तनाव पैदा कर दिया। खास तौर पर निज्जर की हत्या को लेकर लगाए गए आरोपों ने स्थिति को और जटिल बना दिया। भारत ने इन आरोपों को सिरे से खारिज करते हुए कनाडा पर खालिस्तानी उग्रवादियों को पनाह देने का आरोप लगाया। इस विवाद ने दोनों देशों के बीच राजनयिक संबंधों को गहरा प्रभावित किया।
सुधार की दिशा में कदम
हाल ही में दोनों देशों ने संबंधों को सुधारने की दिशा में कदम उठाना शुरू किया है। कनाडा की एनएसए नथाली ड्रोइन और उप विदेश मंत्री डेविड मॉरिसन ने भारत का दौरा किया और भारत के राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल से मुलाकात की। इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच तनाव कम करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम माना जा रहा है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इस मुलाकात की पुष्टि करते हुए कहा कि कनाडाई एनएसए ने डोभाल के साथ सकारात्मक बातचीत की।
एनएसए स्तर की बातचीत का महत्व
डोभाल और ड्रोइन के बीच हुई इस उच्च-स्तरीय बैठक में दोनों पक्षों ने सकारात्मक रुख अपनाया। बातचीत में सुरक्षा, व्यापार और ऊर्जा जैसे क्षेत्रों को प्राथमिकता दी गई। भारत ने खालिस्तानी उग्रवाद और कनाडा में आतंकवादियों के प्रत्यर्पण का मुद्दा उठाया, जबकि कनाडा ने खुफिया जानकारी साझा करने और आतंकवाद विरोधी अभियानों में सहयोग की प्रतिबद्धता जताई। इस बैठक को दोनों देशों के बीच विश्वास बहाली और सहयोग बढ़ाने की दिशा में एक बड़ा कदम माना जा रहा है।
भविष्य की संभावनाएं
भारत और कनाडा के बीच संबंधों में सुधार की यह पहल दोनों देशों के लिए लाभकारी हो सकती है। दोनों देशों के बीच व्यापार, ऊर्जा और सुरक्षा जैसे क्षेत्रों में सहयोग की अपार संभावनाएं हैं। यदि दोनों पक्ष सकारात्मक दृष्टिकोण बनाए रखते हैं और आपसी विश्वास को मजबूत करते हैं, तो भविष्य में द्विपक्षीय संबंध और मजबूत हो सकते हैं। इस मुलाकात ने न केवल तनाव को कम करने की दिशा में एक ठोस शुरुआत की है, बल्कि दोनों देशों के बीच सहयोग के नए द्वार भी खोले हैं।
