- भारत,
- 22-Jan-2025 09:33 AM IST
Justin Trudeau: अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कनाडा और मैक्सिको से आयातित उत्पादों पर 25 प्रतिशत टैरिफ लगाने की योजना का ऐलान कर अंतरराष्ट्रीय व्यापार में नई हलचल पैदा कर दी है। इस घोषणा ने कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो को अमेरिका के इस कदम पर कड़ा रुख अपनाने के लिए मजबूर कर दिया। ट्रूडो ने स्पष्ट चेतावनी दी है कि अगर ट्रंप इस योजना को अमल में लाते हैं, तो कनाडा इसका कड़ा और निर्णायक जवाब देगा।
अमेरिका और कनाडा के बीच इस व्यापारिक टकराव से वैश्विक बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। जहां ट्रंप अपनी नीतियों के जरिए अमेरिका को आर्थिक बढ़त दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं ट्रूडो इस दबाव के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं। यह स्थिति न केवल इन दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक संकेतक बन सकती है।
ट्रूडो की सख्त चेतावनी
जस्टिन ट्रूडो ने क्यूबेक के मोंटेबेलो में एक कैबिनेट बैठक में कहा कि कनाडा, ट्रंप की धमकियों के सामने झुकने वाला नहीं है। उन्होंने जोर देकर कहा कि अमेरिका को "आर्थिक दर्द" देने के लिए कनाडा पूरी तरह तैयार है। ट्रूडो का कहना है कि उनका मुख्य लक्ष्य इस टैरिफ से बचने और अमेरिका के साथ सकारात्मक व्यापार संबंध बनाए रखना है। लेकिन अगर ट्रंप अपने फैसले पर अड़े रहते हैं, तो कनाडा मजबूती से जवाब देगा।ट्रंप की ‘अमेरिका फर्स्ट’ नीति
डोनाल्ड ट्रंप ने अपने नए कार्यकाल की शुरुआत "अमेरिका फर्स्ट" व्यापार नीति पर हस्ताक्षर कर की, जिसके तहत कनाडा और अन्य देशों से आयात पर टैरिफ लगाने की प्रक्रिया तेज करने के निर्देश दिए गए हैं। ट्रंप का दावा है कि यह कदम अमेरिका की अर्थव्यवस्था को मजबूती देगा। उन्होंने 1 फरवरी से टैरिफ लागू करने की बात कही है। हालांकि, विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि इस कदम से उपभोक्ताओं पर महंगाई का बोझ बढ़ सकता है।कनाडा के प्राकृतिक संसाधनों की अहमियत
जस्टिन ट्रूडो ने कहा कि अमेरिका की समृद्ध अर्थव्यवस्था को बनाए रखने के लिए कनाडा के प्राकृतिक संसाधनों—जैसे तेल, स्टील, एल्युमिनियम, और लकड़ी—की आवश्यकता है। उन्होंने यह भी कहा कि अमेरिका की धमकियों से कनाडा को अपनी रणनीति बदलने की आवश्यकता नहीं है, बल्कि यह उसके लिए एक मौका भी हो सकता है।पहले भी दी गई टैरिफ की धमकियां
यह पहली बार नहीं है जब डोनाल्ड ट्रंप ने टैरिफ लगाने की धमकी दी है। 2024 के राष्ट्रपति चुनाव अभियान के दौरान भी उन्होंने इसी तरह की नीति का जिक्र किया था। इसके बाद, नई व्यापार नीति के तहत अवैध प्रवास और चीन जैसे देशों से होने वाले आर्थिक घाटे को कम करने के उपायों की घोषणा की गई।व्यापक प्रभाव और विशेषज्ञों की राय
विशेषज्ञों का मानना है कि यदि यह टैरिफ लागू किया जाता है, तो इससे केवल कनाडा ही नहीं, बल्कि अमेरिकी उपभोक्ताओं और व्यापार जगत को भी नुकसान होगा। टैरिफ के कारण वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी होगी, जिसका सीधा असर अमेरिकी नागरिकों पर पड़ेगा।आने वाले समय में व्यापार संबंधों की दिशा
डोनाल्ड ट्रंप की आक्रामक व्यापार नीति ने अमेरिका और कनाडा के बीच पहले से मौजूद तनाव को और बढ़ा दिया है। हालांकि जस्टिन ट्रूडो का कड़ा रुख यह संकेत देता है कि कनाडा इस चुनौती के लिए पूरी तरह तैयार है। आने वाले हफ्तों में दोनों देशों के बीच संबंधों की दिशा क्या होगी, यह देखना बेहद दिलचस्प होगा।निष्कर्षअमेरिका और कनाडा के बीच इस व्यापारिक टकराव से वैश्विक बाजार पर गहरा असर पड़ सकता है। जहां ट्रंप अपनी नीतियों के जरिए अमेरिका को आर्थिक बढ़त दिलाने की कोशिश कर रहे हैं, वहीं ट्रूडो इस दबाव के सामने झुकने को तैयार नहीं हैं। यह स्थिति न केवल इन दोनों देशों के लिए, बल्कि पूरी दुनिया के लिए एक महत्वपूर्ण व्यापारिक संकेतक बन सकती है।