Maharashtra Politics / आज चलेगा पता किस पवार के पास पावर- किसके साथ हैं NCP के विधायक? दोनों गुटों ने बुलाई बैठक

Vikrant Shekhawat : Jul 05, 2023, 08:09 AM
Maharashtra Politics: पार्टी एक, नेता दो. फैसला एक, चॉइस दो. विधायक, नेता और कार्यकर्ता आखिर चुनेंगे किसको? आज (बुधवार, 5 जुलाई) यह तय हो जाएगा कि किसमें कितना है दम? आज फैसला हो जाएगा कि एनसीपी के 53 विधायकों में से कितने विधायक शरद पवार के साथ हैं और कितने अजित पवार के साथ. अजित पवार गुट से चीफ व्हिप चुने जाने के बाद अनिल पाटील ने व्हिप जारी करते हुए सभी नेताओं, कार्यकर्ताओं और विधायकों को बांद्रा के एमईटी सेंटर में सुबह 11 बजे मीटिंग के लिए बुलाया है.

दूसरी तरफ शरद पवार के गुट से चीफ व्हिप के तौर पर चुने गए जितेंद्र आव्हाड ने व्हिप जारी कर सबको दोपहर 1 बजे वाई.बी. चव्हाण सेंटर में बुलाया है. कहा गया है कि यही फैसले की घड़ी है. विधायकों के लिए वाकई फैसले की घड़ी सामने आ गई है. शरद पवार से वफादारी निभाएं कि अजित पवार के नेतृत्व में भविष्य की उम्मीद का दीया जलाएं. किस मीटिंग में कितने नेता पहुंचेंगे यह इस बात की गवाही होगी कि किनके साथ कितने लोग हैं. एनसीपी पर किसका दावा कितना मजबूत है?

विधायकों की परेड हुई नहीं, शरद गुट ने भी समर्थकों की लिस्ट दी नहीं; दम देखने का तरीका यही

दोनों ही गुट ने अपनी-अपनी तरफ से बस दावे किए हैं. शरद पवार गुट से प्रदेशाध्यक्ष जयंत पाटील ने दावा किया है कि एनसीपी के 53 विधायकों में से मंत्रीपद की शपथ लेने वाले 9 विधायकों को छोड़कर बाकी 44 विधायक शरद पवार के साथ हैं. अजित पवार गुट से प्रफुल्ल पटेल ने दावा किया है कि अजित पवार के समर्थन में 40 विधायक हैं. अब तक दोनों ही तरफ से बस दावे हुए हैं, दावे के समर्थन में सबूत नहीं दिखाई दिए हैं. न तो राजभवन में अजित पवार ने विधायकों की लिस्ट सौंपते वक्त उनका परेड करा कर दिखाया और न ही शरद पवार गुट ने अपनी किसी प्रेस कॉन्फ्रेंस में अपने समर्थक विधायकों को सामने लाकर दिखाया. ऐसे में अब दोनों तरफ की असली स्ट्रेंथ कितनी है, यह पता करने का एक ही तरीका बचता है. जिसकी मीटिंग में जितने विधायक मौजूद होंगे, वही संबंधित गुट का एक्चुअल स्ट्रेंथ होगा.

विधान परिषद के 9 में से 5 सदस्य अजित पवार के साथ!

विधानसभा के विधायकों के साथ-साथ जितेंद्र आव्हाड के साथ-साथ शरद पवार गुट से विधानपरिषद के लिए शशिकांत शिंदे ने भी व्हिप जारी किया. विधानपरिषद के एनसीपी के 9 विधायकों में से फिलहाल अजित पवार के साथ 5 और शरद पवार के साथ 4 विधायक खड़े नजर आ रहे हैं. रामराजे निंबालकर, अमोल मिटकरी, विक्रम काले, सतीश चव्हाण अजित पवार के साथ हैं तो एकनाथ खडसे, शशिकांत शिंदे, अरूण लाड, बाबा जानी दुरानी शरद पवार के साथ हैं.

अलग-अलग जिलाध्यक्ष भी मुंबई के लिए रवाना, जानिए किसे किसकी मीटिंग में है जाना

आज अलग-अलग जिलों के जिलाध्यक्ष और पार्टी पदाधिकारी भी मुंबई के लिए रवाना हो गए हैं. जलगांव और चंद्रपुर जिले के जिलाध्यक्ष और पदाधिकारियों ने शरद पवार के साथ बने रहने का फैसला किया है. नागपुर शहर के पार्टी पदाधिकारियों ने भी शरद पवार का साथ देने का मन बनाया है. दूसरी तरफ यवतमाल जिले के जिलाध्यक्ष अजित पवार को समर्थन देने की बात कर चुके हैं. मंगलवार को शरद पवार ने अलग-अलग जिलों से आने वाले पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात की और एक अहम बैठक की. इसके बाद शरद पवार ने खुद कई विधायकों को कॉल किया और बुधवार की मीटिंग में शामिल होने को कहा.

‘साहेब’ या फिर ‘दादा’, आज फैसला होकर रहेगा

ज्यादा सांसद, विधायक, जिलाध्यक्ष किस खेमे में रहेंगे मौजूद, इस पर न सिर्फ पूरे महाराष्ट्र बल्कि राष्ट्र की नजरें लगी होंगी. सुप्रिया सुले ने ट्वीट कर अपना वीडियो संदेश जारी किया है. मराठी में दिए संदेश में उन्होंने कहा है कि, ‘महाराष्ट्र की स्वाभिमानी जनता ने आदरणीय पवार साहेब को जी भर कर प्यार दिया है. साहेब की जान भी उनकी जनता है. यह रिश्ता अटूट और पहाड़ की तरह मजबूत है. मौजूदा हालात में आप सबकी राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी की आगे की दिशा तय करने के लिए 83 साल के युवा योद्धा, मतलब आप आप सबके आदरणीय पवार साहेब कल सभी पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का मार्गदर्शन करने वाले हैं. इस बैठक में आप सब प्रचंड संख्या में मौजूद रहें. यह आपसे नम्र निवेदन है.’

आगे चलकर ऐसे होने वाली है पवार VS पवार फाइट

शरद पवार के गुट की ओर से पार्टी पदाधिकारियों, कार्यकर्ताओं, जिलाध्यक्षों को बड़ी तादाद में शामिल होने को कहा गया है. शरद पवार का गुट हुबहू उद्धव ठाकरे गुट की रणनीति पर काम कर रहा है. रणनीति यह है कि अगर अजित पवार ज्यादा विधायकों का समर्थन हासिल कर पार्टी और इसके निशान पर दावा करें तो शरद पवार गुट झट से चुनाव आयोग के सामने यह दलील देगा कि पार्टी विधायकों और सांसदों से नहीं होती, पार्टी तो संगठन से जुड़े हजारों-लाखों कार्यकर्ताओं, पदाधिकारियों और नेताओं से होती है. अजित पवार के पास भले ही विधायकों का बहुमत ज्यादा हो, पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं का बहुमत सीनियर पवार के पास. इसलिए एनसीपी का चुनाव चिन्ह और पार्टी का नाम शरद पवार वाले गुट के पास रहेगा. यही वजह है कि एनसीपी ने मंगलवार से ही चुनाव आयोग में भविष्य में होने वाली लड़ाई को ध्यान में रखते हुए शपथपत्र पर हस्ताक्षर अभियान की शुरुआत कर दी है.

2 मुद्दों पर संग्राम! विधायकों को अयोग्य ठहराने की मांग, किसके साथ पार्टी निशान

अजित पवार की रणनीति फिलहाल विधायकों का बहुमत जुटाने की है. अजित पवार अगर 40 विधायकों का समर्थन जुटा लेते हैं तो शरद पवार का उनके विधायकों को अयोग्य ठहराने की उम्मीद धरी रह जाएगी. हालांकि संविधान के टेंथ शेड्यूल की शर्तों के मुताबिक अगर शरद पवार गुट यह साबित करने में कामयाब होता है कि ये सारे विधायक राजनीतिक लाभ के लिए शिंदे-बीजेपी सरकार के साथ मिल गए हैं, तब दल बदल कानून के तहत अजित पवार गुट पर गाज गिर सकती है. लेकिन शिवसेना मामले में एक बार फिर सुप्रीम कोर्ट ने यह साफ किया है कि यह तय करने का अधिकार विधानसभा स्पीकर का है कि संबंधित विधायकों को विधायकी से अयोग्य ठहराया जाए या नहीं. ऐसे में बीजेपी नेता और स्पीकर राहुल नार्वेकर क्या फैसला करते हैं, इस पर सबकी नजरें होंगी.

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