Zoom News : Dec 20, 2020, 05:02 PM
Delhi: अमित शाह ने बंगाल दौरे के पहले दिन मिदनापुर में किसान सनातन सिंह के घर पर दोपहर का भोजन किया, और दूसरे दिन दोपहर में, अमित शाह बीरभूम में बाउल गायक के घर भोजन करने पहुंचे। अमित शाह ने एक बाउल सिंगर के घर पर सादा खाना खाया। अमित शाह बीरभूम के वासुदेव बौल के घर पहुंचे। यहां पहले बुल गायकों ने पारंपरिक संगीत के साथ अमित शाह का स्वागत किया। इसके बाद अमित शाह समेत कई भाजपा नेता भोजन पर बैठ गए।
अमित शाह अन्य भाजपा नेताओं के साथ जमीन पर बैठे और दोपहर का भोजन किया। भाजपा नेताओं को केले के पत्ते पर चावल, दाल, रोटी, लौकी की सब्जी, खजूर की चटनी, खीर, मिठाई परोसी गई।
अमित शाह अन्य भाजपा नेताओं के साथ जमीन पर बैठे और दोपहर का भोजन किया। भाजपा नेताओं को केले के पत्ते पर चावल, दाल, रोटी, लौकी की सब्जी, खजूर की चटनी, खीर, मिठाई परोसी गई।
बता दें कि पश्चिम बंगाल में बौल समुदाय की आबादी लगभग 5000 है। उनका संगीत बंगाल में बहुत लोकप्रिय है। राज्य सरकार उन्हें रहने के लिए 2 हजार रुपये देती है। बंगाल के लोग उनके गीत संगीत पर नाचते-गाते हैं। इसलिए कम संख्या में इस समुदाय के साथ बीजेपी की नजदीकी बढ़ रही है।दरअसल, बीजेपी बंगाल की स्थानीय संस्कृति और रीति-रिवाजों को अपनाकर बंगाल के दिल में उतरने की कोशिश कर रही है। फिर बीजेपी को यहां से सत्ता का रास्ता तय करना है। इन उपायों के जरिए बीजेपी टीएमसी के आरोपों का जवाब भी दे रही है, जहां टीएमसी बार-बार कह रही है कि बीजेपी के लोग बाहरी हैं। यही वजह है कि अमित शाह बंगाली पहचान के सभी नायकों को नमन कर रहे हैं। फिर उनके बीच स्वामी विवेकानंद, खुदीराम बोस, रवींद्रनाथ टैगोर क्यों नहीं हैं? सुभाष चंद्र बोस पहले ही भाजपा के नायकों में शामिल हो चुके हैं। बीरभूम को लाल मिट्टी की भूमि भी कहा जाता है। यहां दो लोकसभा और 11 विधानसभा सीटें हैं।West Bengal: Union Home Minister & BJP leader Amit Shah & other party leaders including Mukul Roy & Dilip Ghosh having lunch at the residence of a Baul singer at Bolpur, Birbhum district. pic.twitter.com/cYuEdDGmsV
— ANI (@ANI) December 20, 2020