संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को घोषणा की कि वह सऊदी अरब को दुनिया का सबसे आधुनिक लड़ाकू विमान F-35 बेचेंगे और यह महत्वपूर्ण घोषणा सऊदी क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान की सात साल बाद पहली वॉशिंगटन यात्रा से ठीक एक दिन पहले हुई है, जो उच्च-स्तरीय राजनयिक वार्ताओं के लिए मंच तैयार करती है। ट्रंप ने स्पष्ट रूप से कहा, "हाँ, हम ऐसा करेंगे। हम F-35 बेच रहे हैं। " यह कदम ट्रंप प्रशासन द्वारा मध्य पूर्व में गठबंधनों और सुरक्षा गतिशीलता को। नया आकार देने के उद्देश्य से एक जटिल भू-राजनीतिक रणनीति को रेखांकित करता है।
क्राउन प्रिंस की मांगें और राजनयिक एजेंडा
क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान अमेरिकी राजधानी में स्पष्ट मांगों के साथ पहुंच रहे हैं, जिनमें से एक प्रमुख मांग संयुक्त राज्य अमेरिका से सऊदी अरब की सैन्य सुरक्षा की लिखित गारंटी है। उनके एजेंडे में दूसरा महत्वपूर्ण बिंदु परिष्कृत F-35 विमानों की खरीद के समझौते को अंतिम रूप देना है। ये मांगें सऊदी अरब की रणनीतिक प्राथमिकताओं को उजागर करती हैं, जो क्षेत्रीय अनिश्चितताओं और विकसित होती वैश्विक शक्ति गतिशीलता के बीच अपनी रक्षा क्षमताओं को मजबूत करने और अपने प्रमुख पश्चिमी सहयोगी से दीर्घकालिक सुरक्षा आश्वासन प्राप्त करने की मांग कर रही हैं।
सऊदी-चीन संबंधों पर चिंताएं
प्रस्तावित हथियार सौदे के बावजूद, ट्रंप प्रशासन के भीतर कुछ अधिकारियों को सऊदी अरब के चीन के साथ बढ़ते करीबी संबंधों को लेकर महत्वपूर्ण चिंताएं हैं और अधिकारियों को कथित तौर पर चिंता है कि F-35 जैसे उन्नत अमेरिकी सैन्य तकनीक चीन के हाथों में पड़ सकती है। यह आशंका हाल के घटनाक्रमों से बढ़ी है, जिसमें पिछले महीने सऊदी अरब और चीन द्वारा किए गए संयुक्त नौसेना अभ्यास शामिल हैं। इसके अलावा, चीन ने 2023 में सऊदी अरब और ईरान के बीच राजनयिक संबंधों को बहाल करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी, जो क्षेत्र में बीजिंग के बढ़ते प्रभाव और रियाद के साथ उसके गहरे जुड़ाव का संकेत देता है।
इजरायल संबंधों पर सऊदी अरब का रुख
राष्ट्रपति ट्रंप F-35 सौदे को सऊदी अरब पर इजरायल के साथ अपने संबंधों को सामान्य करने के लिए दबाव डालने के एक रणनीतिक उपकरण के रूप में देखते हैं, जिससे वह अब्राहम समझौते में शामिल हो सके। उन्होंने अपनी आशा व्यक्त करते हुए कहा, "मुझे उम्मीद है कि सऊदी अरब जल्द ही अब्राहम समझौते में शामिल हो जाएगा। " ट्रंप के पिछले राष्ट्रपति कार्यकाल के दौरान शुरू किए गए अब्राहम समझौते से इजरायल और कई अरब देशों के बीच संबंधों का सामान्यीकरण हुआ था और इस ढांचे में सऊदी अरब को शामिल करना मध्य पूर्वी कूटनीति में एक ऐतिहासिक बदलाव और अमेरिका के लिए एक महत्वपूर्ण विदेश नीति उपलब्धि का प्रतिनिधित्व करेगा।
हालांकि, सऊदी अरब ने इजरायल के साथ संबंधों को सामान्य करने के मुद्दे पर अपना दृढ़ रुख बनाए रखा है और रियाद ने स्पष्ट रूप से कहा है कि वह तब तक संबंध सामान्य नहीं करेगा जब तक एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य के लिए स्पष्ट रास्ता स्थापित नहीं हो जाता। यह स्थिति ट्रंप के राजनयिक उद्देश्यों के लिए एक महत्वपूर्ण बाधा प्रस्तुत करती है, यह दर्शाता है कि जबकि F-35 सौदा एक शक्तिशाली प्रोत्साहन हो सकता है, यह इजरायली-फिलिस्तीनी संघर्ष के संबंध में सऊदी अरब की लंबे समय से चली आ रही नीति को बदलने के लिए अपने आप में पर्याप्त नहीं हो सकता है। फिलिस्तीनी मुद्दे के प्रति साम्राज्य की प्रतिबद्धता उसकी विदेश नीति का एक आधारशिला बनी हुई है।
विशेषज्ञों की राय और मानवाधिकार आपत्तियां
विशेषज्ञों ने प्रस्तावित F-35 बिक्री के निहितार्थों पर विचार किया है और रक्षा विशेषज्ञ ब्रैडली बोमन ने सलाह दी कि "ट्रंप को यह स्पष्ट करना चाहिए कि पहला F-35 तब तक नहीं दिया जाएगा जब तक सऊदी अरब इजरायल के साथ संबंध सामान्य नहीं कर लेता। अन्यथा, वे अपनी ही ताकत कम कर रहे होंगे। " यह परिप्रेक्ष्य बताता है कि अमेरिका को अपने व्यापक राजनयिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए F-35 का लाभ उठाना चाहिए। साथ ही, यह सौदा मानवाधिकार कार्यकर्ताओं के कड़े विरोध का सामना कर रहा है। वे क्राउन प्रिंस मोहम्मद बिन सलमान पर पत्रकार जमाल खशोगी की 2018 में हुई हत्या से संबंधित चल रहे आरोपों का हवाला देते हैं, एक आरोप जिसे उन्होंने लगातार नकारा है। ये मानवाधिकार संबंधी चिंताएं रणनीतिक हथियार बिक्री में नैतिक जटिलता की एक परत जोड़ती हैं।
F-35 लाइटनिंग-II की उन्नत क्षमताएं
F-35 लाइटनिंग-II को विश्व स्तर पर सबसे उन्नत पांचवीं पीढ़ी के स्टील्थ फाइटर जेट के रूप में जाना जाता है। इसकी स्टील्थ क्षमताएं इसे रडार द्वारा लगभग अदृश्य बनाती हैं,। जिससे युद्ध परिदृश्यों में एक महत्वपूर्ण सामरिक लाभ मिलता है। स्टील्थ के अलावा, F-35 में सुपरसॉनिक गति, लंबी दूरी तक हथियार ले जाने की क्षमता और उपलब्ध सबसे आधुनिक सेंसर तकनीक का एकीकरण है और यह बहु-भूमिका वाला विमान जमीन, समुद्र और हवा तीनों डोमेन में लक्ष्यों को अद्वितीय सटीकता और प्रभावशीलता के साथ संलग्न करने के लिए डिज़ाइन किया गया है। इसकी परिष्कृत प्रणालियाँ पायलट को युद्धक्षेत्र का 360 डिग्री दृश्य प्रदान करती हैं और अन्य विमानों और ड्रोनों के साथ सीधे डेटा साझा करने में सक्षम बनाती हैं, जिससे स्थितिजन्य जागरूकता और समन्वित संचालन बढ़ता है। संयुक्त राज्य अमेरिका ने ऐतिहासिक रूप से इस अत्याधुनिक विमान की बिक्री को विशेष रूप से अपने सबसे करीबी सहयोगियों। के लिए आरक्षित रखा है, जो सऊदी अरब के साथ प्रस्तावित सौदे के रणनीतिक महत्व और संवेदनशीलता को रेखांकित करता है।