India-US Trade Deal / ट्रंप ने ट्रेड डील से पहले दिखाई नरमी, भारत पर टैरिफ की तलवार 1 अगस्त तक टाला

अमेरिका-भारत ट्रेड डील पर सस्पेंस बरकरार है, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नरम रुख अपनाते हुए भारत पर जवाबी टैरिफ 1 अगस्त तक टाल दिया है। इससे भारतीय निर्यातकों को राहत मिलेगी। यह कदम भारत-अमेरिका को लंबित मुद्दों पर बातचीत का समय देगा, जिससे ट्रेड समझौते की राह आसान हो सकती है।

India-US Trade Deal: अमेरिका और भारत के बीच प्रस्तावित ट्रेड डील को लेकर अनिश्चितता बनी हुई है, लेकिन इस बीच अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने नरम रुख अपनाते हुए भारत पर जवाबी टैरिफ लगाने के फैसले को 1 अगस्त तक टाल दिया है। यह निर्णय भारतीय निर्यातकों के लिए बड़ी राहत लेकर आया है, साथ ही दोनों देशों को लंबित व्यापारिक मुद्दों को सुलझाने के लिए अतिरिक्त समय भी मिल गया है।

ट्रंप का पत्र और टैरिफ स्थगन

ट्रंप प्रशासन ने सोमवार को विभिन्न देशों को पत्र भेजे, जिसमें उनके उत्पादों पर अमेरिका द्वारा लगाए जाने वाले शुल्कों का विवरण दिया गया। विशेष रूप से, इन देशों में भारत को शामिल नहीं किया गया। गौरतलब है कि 2 अप्रैल को अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर 26% अतिरिक्त टैरिफ लगाने की घोषणा की थी, जिसे 90 दिनों के लिए स्थगित कर दिया गया था। यह अवधि 9 जुलाई को समाप्त होने वाली थी, लेकिन अब इसे 1 अगस्त तक बढ़ा दिया गया है।

इसके अलावा, ट्रंप ने एक कार्यकारी आदेश के माध्यम से बांग्लादेश, बोस्निया एंड हर्जेगोविना, कंबोडिया, इंडोनेशिया, जापान, कजाकिस्तान, लाओ पीपुल्स डेमोक्रेटिक रिपब्लिक, मलेशिया, सर्बिया, दक्षिण अफ्रीका, दक्षिण कोरिया, थाईलैंड और ट्यूनीशिया जैसे देशों पर बढ़ाए गए शुल्कों को भी 1 अगस्त तक टाल दिया है। निर्यातकों का कहना है कि यह कदम अमेरिका की अपने व्यापारिक साझेदारों के साथ रचनात्मक बातचीत की इच्छा को दर्शाता है।

भारत-अमेरिका व्यापार: एक नजर

वित्त वर्ष 2021-22 से अमेरिका भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार रहा है। वित्त वर्ष 2024-25 में दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार 131.84 अरब अमेरिकी डॉलर तक पहुंचा। इसमें भारत का निर्यात 86.51 अरब डॉलर और आयात 45.33 अरब डॉलर रहा, जिसके परिणामस्वरूप भारत को 41.18 अरब डॉलर का व्यापार अधिशेष प्राप्त हुआ। यह आंकड़ा दोनों देशों के बीच मजबूत व्यापारिक रिश्तों को दर्शाता है।

भारतीय निर्यातकों की प्रतिक्रिया

अंतरराष्ट्रीय व्यापार विशेषज्ञ विश्वजीत धर ने इस स्थगन को भारत के लिए राहत की बात बताया। उन्होंने कहा, "यह भारत के लिए एक सकारात्मक कदम है। यह निर्णय भारत द्वारा कुछ मुद्दों पर सख्त रुख अपनाने का परिणाम हो सकता है।" वहीं, मुंबई स्थित निर्यातक और टेक्नोक्राफ्ट इंडस्ट्रीज (इंडिया) के संस्थापक शरद कुमार सराफ ने कहा कि ट्रंप का व्यवहार "बेहद अप्रत्याशित" है। उन्होंने सुझाव दिया कि भारतीय निर्यातकों को नए बाजारों की तलाश करनी चाहिए, क्योंकि शुल्क स्थगन की अवधि बहुत कम है।

ट्रेड डील की दिशा में प्रगति

भारत और अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत कर रहे हैं, जिसका पहला चरण इस साल सितंबर-अक्टूबर तक पूरा करने का लक्ष्य है। भारतीय अधिकारियों ने अंतरिम व्यापार समझौते पर अपना रुख स्पष्ट कर दिया है, और अब गेंद अमेरिका के पाले में है। इस समझौते से दोनों देशों के बीच व्यापारिक संबंध और मजबूत होने की उम्मीद है, लेकिन लंबित मुद्दों को सुलझाना अभी भी एक चुनौती बना हुआ है।