देश / वाहनों की खुले आवागमन के लिए केंद्र सरकार का बड़ा फैसला, भारत होगा टोल-नाके मुक्त

Zoom News : Dec 17, 2020, 08:08 PM
नई दिल्ली | देश में वाहनों की खुले आवागमन के लिए केन्द्र सरकार सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है। केन्द्रीय सड़क, परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नीतिन गडकरी ने कहा कि आने वाले दो वर्षों में भारत को टोल और नाकाओं से मुक्त कर दिया जाएगा। गडकरी ने गुरुवार को कहा कि इसके लिए सरकार जीपीएस (ग्लोबल पॉजिशनिंग सिस्टम) को अंतिम रूप देने जा रही है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि आने वाले दो सालों में वाहनों का टोल सिर्फ आपके लिंक्ड बैंक खाते से काटा जाएगा।

उन्होंने उद्योग संगठन एसोचैम के एक कार्यक्रम में कहा कि टोल के लिए जीपीएस प्रणाली पर काम जारी है, जिसमें टोल का भुगतान स्वचालित रूप से तय की गई दूरी पर काटा जाएगा।

गडकरी ने कहा कि रूस सरकार की मदद से हम जल्द ही GPS सिस्टम को अंतिम रूप दे दिया जाएगा। इसक बाद 2 वर्षों में भारत पूरी तरह से टोल नाका मुक्त हो जाएगा। गौरतलब है कि इस वक्त देश में सभी कॉमर्शियल वाहन ट्रैंकिग सिस्टम से लैस हैं। वहीं, सरकार सभी पुराने वाहनों में भी जीपीएस सिस्टम टेक्नोलॉजी लगाने के लिए तेजी से काम करेगी। पिछले एक साल के दौरान वाहनों के स्वतंत्र आवागमन की दिशा में महत्वपूर्ण पहले करते हुए केंद्र सरकार ने देश के सभी टोल प्लाजा पर फास्टैग अनिवार्य कर दिया है। फास्टैग की अनिवार्यता के बाद ईधन की खपत में आई है और इसके अलावा प्रदूषण पर भी लगाम लगी है।

फास्ट टैग का उपयोग पिछले कुछ महीनों के दौरान काफी तेजी के साथ बढ़ा है। नवंबर में जारी किए गए एनएचएआई के एक बयान के अनुसार, फैस्टैग अब तक के कुल टोल कलेक्शन में लगभग तीन-चौथाई का योगदान देता है। वहीं, एक साल पहले 70 करोड़ रुपये की तुलना में 92 करोड़ रुपये पर था। गडकरी ने कहा, "कल सड़क परिवहन और राजमार्ग और अध्यक्ष, एनएचएआई की मौजूदगी में, टोल संग्रह के लिए जीपीएस तकनीक का इस्तेमाल करके एक प्रस्तुति दी गई थी। हम उम्मीद कर रहे हैं कि अगले पांच सालों में हमारी टोल आय 1,34,000 करोड़ रुपए होगी।"

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