नई दिल्ली / उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता की दुर्घटना पर विपक्ष की नारेबाजी- बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ का क्या हुआ

Dainik Bhaskar : Jul 30, 2019, 12:00 PM
नई दिल्ली/लखनऊ. उन्नाव दुष्कर्म पीड़िता के सड़क हादसे को लेकर मंगलवार को लोकसभा में हंगामा हुआ। विपक्षी सांसदों ने सदन में ‘प्रधानमंत्री जवाब दो’ और ‘बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ’ के नारे लगाए। वहीं, प्रियंका ने ट्वीट कर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की, ‘‘भगवान के लिए इस अपराधी (भाजपा विधायक कुलदीप सेंगर) और उसके भाई को राजनीतिक संरक्षण देना बंद कीजिए। अभी भी देर नहीं हुई है।’’

रविवार को पीड़िता और परिवार रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने जा रहा था। तभी रास्ते में एक ट्रक ने उनकी कार को टक्कर मार दी। इसमें चाची और मौसी की मौत हो गई। पीड़िता और गाड़ी चला रहा वकील गंभीर रूप से घायल हो गए थे। पीड़िता ने सेंगर पर दुष्कर्म का आरोप लगाया था।

पीड़िता का परिवार धरने पर बैठा

इस बीच पीड़िता का परिवार लखनऊ में हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठ गया है। उनकी मांग है कि रायबरेली जेल में बंद पीड़िता के चाचा के खिलाफ दर्ज मुकदमों को वापस लिया जाए और उन्हें पैरोल पर रिहा किया जाए। उधर, पीड़िता की हालत नाजुक बनी हुई है। डॉक्टरों के मुताबिक पीड़िता को वेंटीलेटर पर रखा गया है।

'चाची का अंतिम संस्कार नहीं करेंगे'

हॉस्पिटल के बाहर धरने पर बैठी पीड़िता की बहन ने आरोप लगाया कि जेल में बंद विधायक सेंगर इस केस को खत्म करवाने के लिए पूरे परिवार की हत्या करवाना चाहता है। परिवार को लगातार धमकियां मिल रही थी।अगर चाचा को पैरोल नहीं मिलती तो चाची का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा। सोमवार को सेशन कोर्ट ने चाचा की पैरोल खारिज कर दी थी। मंगलवार को हाईकोर्ट में उनकी पैरोल पर सुनवाई होगी। पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं। उन पर विधायक के भाई पर जानलेवा हमला करने का आरोप है।

विधायक के खिलाफ केस दर्ज

इससे पहले सोमवार को पीड़िता के चाचा की शिकायत पर पुलिस ने कुलदीप, उनके भाई मनोज सिंह सेंगर और 8 अन्य के खिलाफ आईपीसी की धारा 302 (हत्या), 307 (हत्या के प्रयास), 506 (धमकी) और 120 बी (आपराधिक साजिश) के तहत रायबरेली के गुरबख्शगंज थाने में केस दर्ज किया था। पीड़िता के चाचा की मांग पर डीजीपी ओपी सिंह ने घटना की सीबीआई जांच की सिफारिश की है।

विधायक का हादसे से लिंक तलाश रही पुलिस

पुलिस ने ट्रक ड्राइवर, क्लीनर और उसके मालिक को हिरासत में लेकर पूछताछ कर रही है। उनके कॉल रिकॉर्ड से कुलदीप सिंह सेंगर या उसके करीबियों से लिंक तलाशे जा रहे हैं। उधर, सोमवार दोपहर ट्रामा सेंटर में सीबीआई की पांच सदस्यीय टीम ने पीड़िता से मुलाकात की। करीब 1 बजे डीजीपी ओपी सिंह ट्रामा सेंटर पहुंचे, लेकिन आधे घंटे बाद मीडिया से बात किए बगैर निकल गए। पुलिस ने घटनास्थल की फॉरेसिंक जांच भी करवाई है। 

सुरक्षाकर्मी साथ नहीं थे

पुलिस के अनुसार, जिस ट्रक से पीड़िता की कार की टक्कर हुई। वह फतेहपुर का है। ट्रक मालिक को भी पकड़ा गया है। बताया जा रहा है कि नियमित तौर पर पीड़िता सुरक्षा के लिए रहने वाले गनर भी दो दिन से साथ नहीं थे। हालांकि, पुलिस का कहना है कि कार में जगह नहीं होने के चलते पीड़िता के परिवार ने ही सुरक्षाकर्मियों को साथ नहीं चलने के लिए कहा था। 

पहले हो चुकी हैं दो संदिग्ध मौतें

उन्नाव दुष्कर्म मामले में दो मौतें पहले भी हो चुकी हैं। पीड़िता के पिता की जेल में ही अप्रैल 2018 में एक हमले के बाद मौत हो गई थी। इस हमले के चश्मदीद गवाह की अगस्त 2018 में संदेहास्पद हालत में मौत हो गई थी।

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