COVID-19 / US ने फिर उड़ाया WHO का मज़ाक, कहा- हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन खाकर फिट हैं ट्रंप

News18 : May 29, 2020, 03:17 PM
वाशिंगटन। वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन (WHO) के मलेरिया की दवा हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन (Hydroxychloroquine) के कोरोना संक्रमण (Coronavirus) में इस्तेमाल पर अस्थायी रोक लगाने के बावजूद अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) इसके समर्थन में डटे हुए हैं। इस बार व्हाइट हाउस की एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा है कि ट्रंप बीते दो हफ्ते से हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन दवा ले रहे हैं और ये दवा खाने के बाद 'बहुत अच्छा' महसूस कर रहे हैं। व्हाइट हाउस ने ये भी कहा है कि ट्रंप को अगर फिर इस बात का शक हुआ कि वे किसी संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं तो फिर इसी दवा का सेवन करेंगे।

मलेरिया की रोकथाम और उसके उपचार के लिए इस्तेमाल की जाने वाली हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को अमेरिकी खाद्य एवं औषधि प्रशासन (एफडीए) ने कोविड-19 के उपचार के लिए मंजूरी नहीं दी है, लेकिन इसे संक्रमण के संभावित उपचार के तौर पर पहचाना गया है और अमेरिका सरकार ने इसकी तत्काल उपलब्धता का अनुरोध किया है। ट्रंप ने कोरोना वायरस से निपटने में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन को 'पासा पलट देने वाली' दवा करार दिया है। व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव केयलेग मैकेननी से जब बृहस्पतिवार को पूछा गया कि मलेरिया रोधी दवा लेने के बाद ट्रम्प कैसा महसूस कर रहे हैं, तो उन्होंने कहा, 'मैं यहां आने से पहले ही उनसे मिली थी और मैंने उनसे यही सवाल पूछा था। उन्होंने कहा- वह बहुत बढ़िया महसूस कर रहे हैं। यदि उन्हें लगता है कि वह संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आए हैं, तो वह दोबारा यह दवा लेंगे।'

US में दवा पर चल रहा है परीक्षण

केयलेग मैकेननी ने कहा कि कई विशेषज्ञों ने संक्रमण रोकने में हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के उपयोग को रेखांकित किया है। 'साइंसन्यूजडॉटओआरजी' में टीना हेस्मैन साय ने अपने एक शोध में लिखा है कि उपचार में इसकी उपयोगिता के दुनिया में करीब 200 परीक्षण चल रहे हैं। प्रेस सचिव ने बताया कि मिशिगन स्थित हेनरी फोर्ड अस्पताल में भी 3,000 स्वास्थ्य कर्मी परीक्षण के तौर पर इस दवा को ले रहे हैं और इस दवा के उपयोग के शानदार परिणामों की सूचना मिली है।

उन्होंने एक अन्य प्रश्न के उत्तर में कहा कि कई चिकित्सक और अनुसंधानकर्ता हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन के समर्थन में आगे आ रहे हैं। मैकेननी ने साथ ही कहा कि यदि कोई हाइड्रॉक्सीक्लोरोक्वीन लेना चाहता है, तो उसका चिकित्सक से सलाह लेना महत्वपूर्ण है। उन्होंने कहा, 'न्यूयॉर्क में एक महामारी रोग विशेषज्ञ और परीक्षण कर रहे अन्य लोगों ने कहा है कि उन्हें इस दवा से जुड़े मिथकों के कारण लोगों को परीक्षण के काम में नियुक्त करने में दिक्कत का सामना करना पड़ रहा है। इसलिए यह समझना जरूरी है कि लाखों लोग लंबे समय से इस दवा का उपयोग कर रहे हैं और यह सुरक्षित है।'

क्यों खतरनाक मानी जा रही है मलेरिया की दवा?

बता दें कि जॉन हॉपकिंस यूनिवर्सिटी समेत कई अन्य सस्थानों ने हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन के इस्तेमाल से पहले परीक्षण करने की सलाह दी है। एक स्टडी के अनुसार जो कैंसर के मरीज़ कोरोना वायरस से संक्रमित हैं उनके लिए मलेरिया की दवाई हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन ख़तरनाक है। अमेरिकी शोधकर्ताओं ने कहा है कि जिन कैंसर के मरीज़ों को कोविड 19 के इलाज में हाइड्रॉक्सिक्लोरोक्विन दी जा रही है, उनके लिए यह ख़तरनाक साबित हो सकती है। रिसर्चरों का कहना है कि इस दवाई से इलाज में मरने की आशंका तीन गुना ज़्यादा है।

अमेरिकन सोसाइटी ऑफ क्लिनिकल ओंकोलॉजी के प्रमुख डॉ होवार्ड बर्रिज का कहना है, 'इड्रॉक्सिक्लोरोक्विन और एंटिबायोटिक अज़िथ्रोमाइसिन के साथ कोविड 19 का इलाज जोखिम भरा है।' शुरुआत में यह कहा जा रहा था कि इससे कोरोना मरीज़ों को मदद मिलेगी। वांडरबिल्ट यूनिवर्सिटी मेडिकल सेंटर के डॉक्टर जर्मी वॉर्नर ने पत्रकारों से कहा है कि 'जिन कोरोना मरीज़ों का इलाज हाइड्रॉक्सिक्लरोक्विन और एंटीबायोटिक से हो रहा है उनमें 30 दिनों में बाक़ी के इलाज की तुलना में मरने का ख़तरा तीन गुना ज़्यादा हो है।'


 

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