US / भारत-चीन तनाव पर अमेरिका ने कहा- हम शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं

ABP News : Sep 02, 2020, 09:28 PM
नई दिल्ली: भारत-चीन सीमा पर तनातनी जारी है। इस तनाव को कम करने के लिए कई दौर की बैठकें हो चुकी है। इस बीच अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा कि हम भारत-चीन सीमा पर स्थिति के शांतिपूर्ण समाधान की उम्मीद कर रहे हैं।

बता दें कि सोमवार को भारतीय थल सेना ने कहा था कि चीनी सेना ने 29 और 30 अगस्त की दरम्यानी रात पैंगोंग झील के दक्षिण तट पर यथा स्थिति में एकतरफा तरीके से बदलाव करने के लिये ‘‘उकसाने वाली सैन्य गतिविधियां’’ की। अभी भी इलाके में स्थिति संवेदनशील बनी हुई है।

इसके बाद मंगलवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अनुराग श्रीवास्ताव ने कहा था कि चीनी पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (पीएलए) ने सोमवार को एक बार फिर ‘‘उकसाने वाली कार्रवाई’’ की, जब दोनों पक्षों के कमांडर दो दिन पहले पैंगोंग झील इलाके में यथास्थिति बदलने की चीनी कोशिशों के बाद तनाव घटाने के लिये बातचीत कर रहे थे।

इससे पहले पोम्पिओ ने कहा था कि चीन के अनुचित रुख के खिलाफ पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है और हर मोर्चे पर चीन को पीछे धकेलने के लिये भारत, ऑस्ट्रेलिया, जापान और दक्षिण कोरिया जैसे देश अमेरिका के साथ साझेदारी कर रहे हैं।

अमेरिका वीजा पाबंदियों, प्रतिबंधों और अन्य माध्यमों से चीन दबाव बढ़ा रहा है जिससे दुनिया की दो सबसे बड़ी अर्थव्यवस्थाओं के पहले से तल्ख रिश्तों में और कड़वाहट आई है।

‘फॉक्स न्यूज’ को मंगलवार को दिये एक साक्षात्कार में पोम्पिओ ने कहा, “मुझे लगता है कि आप देख रहे हैं कि इस मूल समझ को लेकर पूरी दुनिया एकजुट होना शुरू हो गई है कि चीन की कम्युनिस्ट पार्टी निष्पक्ष, परस्पर और पारदर्शी तरीके से प्रतिस्पर्धा करने से इनकार करने जा रही है।”

चीन की विस्तारवादी नीति को लेकर अमेरिका बीजिंग पर निशाना साधता रहा है। मंगलवार को ही पेंटागन की एक रिपोर्ट में यह दावा किया गया कि भारत के तीन पड़ोसी देशों समेत करीब एक दर्जन देशों में चीन मजबूत ठिकाना स्थापित करने का प्रयास कर रहा है ताकि उसकी पीएलए लंबी दूरी तक अपना सैन्य दबदबा बनाये रख सके।

पेंटागन ने रिपोर्ट में दावा किया कि भारत के तीन पड़ोसी देशों--पाकिस्तान, श्रीलंका और म्यामां के अलावा चीन थाईलैंड, सिंगापुर, इंडोनेशिया, संयुक्त अरब अमीरात, केन्या, सेशल्स, तंजानिया, अंगोला और तजाकिस्तान में अपने सैन्य ठिकाने बनाने पर विचार कर रहा है।

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