India-US Trade Deal / अगले दौर की बातचीत के लिए अगस्त में अमेरिकी दल आएगा भारत, जानें डिटेल्स

भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार समझौते पर बातचीत के अगले दौर के लिए अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगस्त के अंत में भारत आएगा। 1 अगस्त से पहले अंतरिम समझौते को अंतिम रूप देने की कोशिशें जारी हैं। कृषि और डेयरी उत्पादों पर भारत अमेरिकी मांगों को लेकर सख्त रुख अपनाए हुए है।

India-US Trade Deal: भारत और अमेरिका के बीच प्रस्तावित द्विपक्षीय व्यापार समझौते को लेकर चर्चा तेज हो गई है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने सोमवार को जानकारी दी कि अगस्त के उत्तरार्ध में अमेरिकी प्रतिनिधिमंडल अगले दौर की बातचीत के लिए भारत का दौरा करेगा। दोनों देश 1 अगस्त, 2025 से पहले एक अंतरिम व्यापार समझौते को अंतिम रूप देने के लिए प्रतिबद्ध हैं। यह समझौता दोनों देशों के बीच व्यापारिक रिश्तों को और मजबूत करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम हो सकता है।

पांचवें दौर की वार्ता: प्रमुख मुद्दे और प्रगति

पिछले हफ्ते वॉशिंगटन में दोनों देशों के प्रतिनिधिमंडलों ने पांचवें दौर की बातचीत पूरी की। भारत की ओर से वाणिज्य विभाग के विशेष सचिव राजेश अग्रवाल और अमेरिका की ओर से दक्षिण एवं पश्चिम एशिया क्षेत्र के सहायक व्यापार प्रतिनिधि ब्रेंडन लिंच ने अपने-अपने दलों का नेतृत्व किया। इस दौर में कृषि, वाहन क्षेत्र, गैर-बाजार अर्थव्यवस्थाओं, और स्कोमेट (विशेष रसायन, जीव, सामग्री, उपकरण और प्रौद्योगिकी) से संबंधित मुद्दों पर गहन चर्चा हुई।

हालांकि, दोनों पक्षों के बीच कुछ मुद्दों पर मतभेद बने हुए हैं। खास तौर पर, भारत ने कृषि और डेयरी उत्पादों पर शुल्क रियायतों की अमेरिकी मांग को लेकर सख्त रुख अपनाया है। भारत ने अब तक किसी भी व्यापार समझौते में डेयरी क्षेत्र में रियायत देने से परहेज किया है, और इस बार भी यह रुख कायम रखने की संभावना है। कुछ किसान संगठनों ने सरकार से कृषि से संबंधित मुद्दों को समझौते से बाहर रखने की मांग की है, जिससे भारत का रुख और मजबूत हुआ है।

अमेरिका का टैरिफ और भारत की प्रतिक्रिया

इस साल अप्रैल में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारत सहित कई देशों पर उच्च जवाबी सीमा शुल्क लगाने की घोषणा की थी। भारत पर 26% अतिरिक्त शुल्क लागू किया गया था, जिसे पहले 9 जुलाई तक और बाद में 1 अगस्त, 2025 तक के लिए स्थगित कर दिया गया। यह निलंबन दोनों देशों को व्यापार समझौते पर सहमति बनाने का अवसर देता है। यदि अंतरिम समझौता समय पर पूरा नहीं होता, तो इन शुल्कों का लागू होना भारत के निर्यात पर असर डाल सकता है।

चुनौतियां और संभावनाएं

भारत और अमेरिका के बीच व्यापार समझौता दोनों देशों के लिए आर्थिक और रणनीतिक रूप से महत्वपूर्ण है। भारत का सख्त रुख, विशेष रूप से कृषि और डेयरी क्षेत्र में, घरेलू हितों की रक्षा के लिए है। दूसरी ओर, अमेरिका भारत से अपने उत्पादों के लिए बेहतर बाजार पहुंच चाहता है। दोनों पक्षों के बीच संतुलन बनाना इस समझौते की सफलता की कुंजी होगा।

अधिकारी ने बताया कि 1 अगस्त से पहले अंतरिम समझौता होने की संभावना पर अभी भी बातचीत जारी है। अगस्त में होने वाली अगली बैठक में इन मुद्दों पर और प्रगति की उम्मीद है। यह समझौता न केवल व्यापारिक रिश्तों को मजबूत करेगा, बल्कि दोनों देशों के बीच रणनीतिक साझेदारी को भी नई दिशा दे सकता है।