खेल / मानसिक रूप से तैयार न होने पर हमने बाइल्स की सराहना की, भारत में यह बोलकर दिखाएं: विनेश

Zoom News : Aug 14, 2021, 07:15 AM
खेल डेस्क: टोक्यो ओलंपिक में मेडल से चूकने के बाद भारत की स्टार पहलवान विनेश फोगाट काफी निराश हैं। भारत लौटने के बाद उनपर अनुशासनहीनता के आरोप लगे और कारण बताओ नोटिस देते हुए भारतीय कुश्ती महासंघ (WFI) ने उन्हें ‘अस्थाई रूप से निलंबित’ कर दिया है। अब इसको लेकर पहली बार विनेश फौगाट ने खुलकर बात की है और सिस्टम पर सवाल खड़े किए हैं।

‘द इंडियन एक्सप्रेस’ पर लिखे एक लेख में उन्होंने कहा “मुझे ऐसा लगता है कि मैं सपने में सो रही हूं और अभी कुछ शुरू ही नहीं हुआ है। मैं ब्लैंक हो गई हूँ। मुझे नहीं पता कि जीवन में क्या हो रहा है। पिछले एक हफ्ते से मेरे अंदर इतना कुछ चल रहा है। मैंने कुश्ती को अपना सब कुछ दिया है लेकिन अब लगता है इसे छोड़ने का समय आ गया है। लेकिन फिर लगता है अगर मैंने उसे छोड़ दिया तो मैं कमजोर दिखूंगी और यह मेरे लिए एक बड़ी हार होगी।”

फौगाट ने लिखा “अभी, मैं वास्तव में अपने परिवार पर ध्यान देना चाहती हूं। लेकिन बाहर हर कोई मेरे साथ ऐसा व्यवहार कर रहा है जैसे मैं मरी हुई चीज हूं। मैं जानती थी कि भारत में आप जितनी तेजी से उठते हैं, उतनी ही तेजी से गिरते हैं। एक पदक खोया और सब कुछ समाप्त हो गया।”

विनेश फौगाट ने कहा सब मुझे बता रहे हैं कि मैच के दौरान मैंने क्या गलत किया। कोई नहीं पूछता कि वहां गलत क्या हुआ। सब अपनी धारणा बना रहे हैं और कुछ भी कह रहे हैं। आप अपने शब्द मेरे मुंह में क्यों डाल रहे हैं। मैं ऐसा नहीं सोचती।

फौगाट ने कहा, “मैट पर तो मैं थी ना तो मुझे पता है मेरी क्या हालत थी और मैं किन चीजों से गुज़र रही थी। मैंने टोक्यो के लिए तैयार की थी। मुझे 2017 में कन्कशन हुआ था, तब से मैं इससे पीड़ित हूं। कभी कभी सब धुंधला हो जाता हैं। यह बहुत कुछ ठीक हो गया है लेकिन जब मेरा सिर किसी चीज से टकराता है तो वापस आ जाता है।”

भारत की स्टार पहलवान ने बताया “मैं अपना वजन कम कर रही थी। जिसके चलते मुझे साल्ट कैप्सूल लेना पड़ता था, मुझे उनकी आदत हो गई है। लेकिन टोक्यो में उनसे मदद नहीं मिली। यहां में अकेली थी। मैं खुद फिजियो थी और खुद पहलवान भी। मुझे शूटिंग टीम से एक फिजियो सौंपा गया था। वह मेरे शरीर को नहीं समझता था। उसमें उनकी कोई गलती नहीं है।”

विनेश ने कहा ” बाउट के दिन मुझे कुछ फील नहीं हो रहा था। मैंने बाउट से एक दिन पहले खाना नहीं खाया था। मैंने कुछ न्यूट्रीशन सप्लीमेंट पिए थे। लेकिन मैं चिंतित महसूस कर रही थी। जिसके चलते मुझे उल्टियाँ भी हुई। ”

विनेश ने बताया कि स्टेडियम जाते वक़्त उन्हें बस में भी उल्टियाँ हुई। जिसके बाद उन्होंने अपने फिजियो पूर्णिमा को फोन कर पूछा कि वह क्या करें। उन्होंने कहा, ”दूसरे मुकाबले में मुझे पता था कि मैं हार रही हूं। मैं देख सकती हूं कि सब कुछ दूर जा रहा है, लेकिन मैं कुछ नहीं कर सकती। मेरा दिमाग उस स्तर तक अवरुद्ध हो गया था कि मुझे नहीं पता था कि टेकडाउन कैसे पूरा किया जाए।मुझे आश्चर्य हुआ कि मैं ब्लैंक थी।”

फोगाट का कहना है कि पिछले 14 महीनों में वह दो बार कोरोना पॉजिटिव हुई थी और ओलंपिक में आने से पहले सब का सात दिनों तक रोज टेस्ट हुआ लेकिन उनका एक बार भी नहीं हुआ। इसीलिए वे दूसरे खिलाड़ियों की सेफ़्टी और यह सुनिश्चित करने के लिए कि वे पॉज़िटिव नहीं हैं 2-3 दिनों के लिए टीम से दूर रह रही थी।

विनेश ने बताया कि उनकी मेंटल हेल्थ भी ठीक नहीं है। उन्होंने अपनी मर्जी से कुश्ती शुरू की थी और इसके लिए उन्हों ने बहुत मेहनत की है। फोगाट ने कहा “हम सिमोन बाइल्स के निर्णय का जश्न मनाते हैं क्योंकि उन्होंने कहा कि मैं ओलंपिक में प्रदर्शन करने के लिए मानसिक रूप से तैयार नहीं हूं और उन्होंने खेलने से माना कर दिया। लेकिन क्या आप भारत में ऐसा कुछ कह सकते हैं? कुश्ती नहीं खेलना यह छोड़ो सिर्फ इतना बोलकर दिखाओ कि तुम तैयार नहीं हो।”

विनेश ने कहा, ‘मैं मानसिक रूप से ठीक नहीं हुआ हूं। घर पहुंचने के बाद से मैं एक बार ढंग से सोई नहीं हूं। मैंने फ्लाइट में दो घंटे सोया था। अब गांव मैं अकेली रहूँगी और कॉफी पीऊँगा। जब सूरज उगता है तो मुझे नींद आती है। मैं नहीं जानती कि मैट पर कब वापस लौटूंगी। शायद मैं कभी ना लौटूं। मुझे लगता है कि मैं उस टूटे पैर के साथ बेहतर थी। अब मेरा शरीर टूटा नहीं है, लेकिन मैं सचमुच टूट गया हूं।”

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