मानसून / मौसम की चेतावनी: आने वाले 4 दिन में कैसा रहेगा मानसून, देखें पूरी रिपोर्ट

Zoom News : Jun 12, 2020, 11:41 AM
नई दिल्ली। भारत मौसम विज्ञान विभाग के राष्ट्रीय मौसम पूर्वानुमान केंद्र/क्षेत्रीय मौसम विज्ञान केंद्र, नई दिल्ली के अनुसार दक्षिणपश्चिम मॉनसून मध्य अरब सागर, पूरे गोवा, कोंकण, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा के कुछ हिस्सों, कर्नाटक के बाकी हिस्सों, पूरे रायलसीमा और तटीय आंध्र प्रदेश, तेलंगाना के ज्यादातर हिस्सों, दक्षिण छत्तीसगढ़ और दक्षिण ओडिशा के कुछ इलाकों, पश्चिममध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी के कुछ और हिस्सों, नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा, अरुणाचल प्रदेश के ज्यादातर हिस्सों और असम व मेघालय के कुछ और हिस्सों में बढ़ गया है।

मॉनसून की उत्तरी सीमा (एनएलएम) अक्षांश 18 डिग्री उत्तर/देशांतर 60 डिग्री पूर्व, अक्षांश 18 डिग्री उत्तर/देशांतर 70 डिग्री पूर्व, हरनई, सोलापुर, रामागुंडम, जगदलपुर, गोपालपुर, अक्षांश 21 डिग्री उत्तर/देशांतर 89 डिग्री पूर्व, अगरतला, चपरमुख, तेजपुर और अक्षांश 28 डिग्री उत्तर और देशांतर 92 डिग्री पूर्व से होकर गुजर रही है।

 अगले 48 घंटों के दौरान दक्षिणपश्चिम मॉनसून के और आगे बढ़ने के लिए परिस्थितियां अनुकूल हो रही हैं। यह मध्य अरब सागर और महाराष्ट्र (मुंबई सहित); तेलंगाना के बाकी हिस्सों, पश्चिम मध्य और उत्तर बंगाल की खाड़ी, अरुणाचल प्रदेश और असम और मेघालय, पूरे सिक्किम, ओडिशा के कुछ और हिस्सों और पश्चिम बंगाल के कुछ हिस्सों में पहुंच सकता है।

पश्चिममध्य और पास के उत्तर आंध्र प्रदेश दक्षिण ओडिशा तटों से दूर उत्तर-पश्चिम बंगाल की खाड़ी के ऊपर कम दबाव का क्षेत्र बना है। इससे संबंधित चक्रवाती प्रवाह (परिसंचरण) औसत समुद्र तल से 7.6 किमी ऊपर तक है, जिसका झुकाव ऊंचाई के साथ दक्षिणपश्चिम की ओर है। इसके पश्चिम उत्तर-पश्चिम की ओर बढ़ने की संभावना है।

दक्षिण गुजरात क्षेत्र और पास के इलाके में चक्रवाती प्रवाह औसत समुद्र तल से 0.9 किमी और 3.1 किमी के बीच बना हुआ है।

दक्षिण छत्तीसगढ़ और पास के इलाके में चक्रवाती प्रवाह औसत समुद्र तल से 1.5 किमी ऊपर बना हुआ है।

चक्रवाती परिसंचरण के रूप में पश्चिमी विक्षोभ उत्तरी राजस्थान और पास के इलाके में औसत समुद्र तल से 0.9 किमी और 2.1 किमी के बीच बना हुआ है।

उत्तरी राजस्थान के ऊपर बने उपरोक्त चक्रवाती परिसंचरण से ट्रफ (द्रोणिका) उत्तरी मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ और ओडिशा में औसत समुद्र तल से 0.9 किमी ऊपर चक्रवाती परिसंचरण के साथ कम दबाव का क्षेत्र बना है।

 

मौसम की चेतावनी:

(12 जून):

जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद में अलग-अलग जगहों पर गरज के साथ बारिश और तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे स्पीड); साथ ही हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, पंजाब, हरियाणा, चंडीगढ़ और दिल्ली, उत्तर प्रदेश, राजस्थान, तटीय कर्नाटक, तटीय आंध्र प्रदेश औय यनम, कोंकण और गोवा, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश, पश्चिम मध्य प्रदेश, बिहार, झारखंड, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर , मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर आकाशीय बिजली भी गिर सकती है।

कोंकण और गोवा, तटीय कर्नाटक और तेलंगाना में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी और अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है; विदर्भ में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा तथा असम और मेघालय, छत्तीसगढ़, ओडिशा, तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, अंदरूनी कर्नाटक, केरल और माहे, मध्य महाराष्ट्र और मराठवाड़ा में अलग-अलग जगहों पर और भारी वर्षा गुजरात राज्य, रायलसीमा, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, अरुणाचल प्रदेश और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर हो सकती है।


दक्षिणपश्चिम और पश्चिम मध्य अरब सागर के आसपास और गोवा, कर्नाटक के तटों और उससे दूर तेज हवाएं (50-60 किमी प्रति घंटे की स्पीड) चल सकती हैं। पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर तेज हवाएं (45-55 किमी प्रति घंटे की स्पीड) चल सकती है। मछुआरों को सलाह दी जाती है कि वे इन इलाकों में समुद्र में न जाएं। 

(13 जून) :

जम्मू और कश्मीर, लद्दाख, गिलगित-बाल्टिस्तान, मुजफ्फराबाद में अलग-अलग जगहों पर गरज के साथ बारिश, बिजली चमकने के साथ तेज हवाएं (30-40 किमी प्रति घंटे की स्पीड) चल सकती हैं; साथ ही तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, बिहार, झारखंड,पश्चिम बंगाल में गंगा नदी का क्षेत्र, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर आकाशीय बिजली गिर सकती है।

कोंकण और गोवा और विदर्भ में कुछ जगहों पर भारी से बहुत भारी और अत्यधिक भारी वर्षा हो सकती है; तटीय कर्नाटक और मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा हो सकती है और उत्तराखंड, केरल और माहे, तेलंगाना, मराठवाड़ा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, गुजरात राज्य, अंदरूनी कर्नाटक, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, ओडिशा, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है।

पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग जगहों पर गर्म हवाएं (लू) चल सकती है।

दक्षिण पश्चिम और पास के पश्चिम मध्य अरब सागर, महाराष्ट्र-कर्नाटक के तटों और उससे दूर के इलाकों में तेज हवाएं (स्पीड 50-60 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। पूर्व मध्य अरब सागर में तेज हवाएं (स्पीड 45-55 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। इन इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।

(14 जून):

तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, पश्चिम बंगाल के गंगा क्षेत्र, झारखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम, मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर आंधी, बारिश के साथ बिजली गिरने की संभावना है।

कोंकण और गोवा में कुछ जगहों पर तथा गुजरात राज्य और मध्य महाराष्ट्र में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा और उत्तराखंड, तटीय कर्नाटक, केरल और माहे, मध्य प्रदेश, विदर्भ, अरुणाचल प्रदेश, उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग स्थानों पर भारी वर्षा हो सकती है।

पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग जगहों पर गर्म हवाएं (लू) चल सकती है। 

दक्षिण पश्चिम और पास के पश्चिम मध्य अरब सागर, महाराष्ट्र-कर्नाटक के तटों और उससे दूर के इलाकों में तेज हवाएं (स्पीड 50-60 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। पूर्व मध्य अरब सागर में तेज हवाएं (स्पीड 45-55 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। इन इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।

(15 जून):

तटीय आंध्र प्रदेश और यनम, पश्चिम बंगाल और सिक्किम, झारखंड, बिहार, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर गरज के साथ आंधी, बारिश के आसार हैं।

उप-हिमालयी पश्चिम बंगाल और सिक्किम, कोंकण और गोवा, गुजरात राज्य में अलग-अलग जगहों पर भारी से बहुत भारी वर्षा; तटीय कर्नाटक, केरल और माहे, मध्य प्रदेश, अंडमान और निकोबार द्वीपसमूह, मध्य महाराष्ट्र, अरुणाचल प्रदेश, असम और मेघालय और नगालैंड, मणिपुर, मिजोरम और त्रिपुरा में अलग-अलग जगहों पर भारी वर्षा हो सकती है।

पश्चिमी राजस्थान में अलग-अलग जगहों पर गर्म हवाएं (लू) चल सकती है।

दक्षिण पश्चिम और पास के पश्चिम मध्य अरब सागर, महाराष्ट्र-कर्नाटक के तटों और उससे दूर के इलाकों में तेज हवाएं (स्पीड 50-60 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। पूर्व मध्य अरब सागर के ऊपर तेज हवाएं (स्पीड 45-55 किमी प्रति घंटे) चल सकती हैं। इन इलाकों में मछुआरों को समुद्र में न जाने की सलाह दी जाती है।

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