Russia-Ukraine War / द्विपक्षीय वार्ता के दौरान रूस ने रखी युद्ध विराम की कौन सी शर्तें, देखें सूची

यूक्रेन पर ड्रोन हमले के बाद इस्तांबुल में रूस-यूक्रेन वार्ता लंबी चली। रूस ने तुर्की को शांति, युद्धविराम, शव वापसी, बंदी अदला-बदली और बच्चों से जुड़े मुद्दों पर दो-भागीय शर्तें सौंपीं। यूक्रेन ने समीक्षा की बात कही। रूस ने मीडिया पर बच्चों को लेकर झूठ फैलाने का आरोप लगाया।

Russia-Ukraine War: 01 जून को यूक्रेन द्वारा रूस पर बड़े ड्रोन हमले के ठीक अगले दिन, इस्तांबुल में दोनों देशों के बीच पहले से निर्धारित द्विपक्षीय वार्ता हुई। यह बैठक केवल औपचारिकता नहीं थी—बल्कि इसमें कुछ ऐसे बिंदुओं पर चर्चा हुई जो युद्ध की दिशा बदल सकते हैं। रूस की ओर से प्रतिनिधित्व कर रहे व्लादिमीर मेदिन्स्की ने वार्ता के बाद प्रेस को संबोधित करते हुए स्पष्ट किया कि रूस ने तुर्की को दो-भागों वाली एक विस्तृत शर्तों की सूची सौंपी है।

रूस की शांति की पेशकश या कूटनीतिक दबाव?

मेदिन्स्की के अनुसार, पहले भाग में स्थायी शांति स्थापित करने के उपाय शामिल हैं, जबकि दूसरे भाग में युद्धविराम के व्यावहारिक स्वरूप पर फोकस किया गया है। यूक्रेनी पक्ष ने इस ज्ञापन को आगे की समीक्षा के लिए लिया है, जिससे संकेत मिलता है कि वार्ता पूरी तरह विफल नहीं रही है।

इस पहल में रूस ने एक मानवीय कदम के तौर पर यूक्रेन को उसके 6,000 मृत सैनिकों के शव सौंपने की पेशकश की है। यह एकतरफा निर्णय है, जो युद्ध की क्रूरता के बीच एक संवेदनशील पहलू को उजागर करता है।

सभी के बदले सभी: बंदियों की सबसे बड़ी अदला-बदली

वार्ता का एक प्रमुख बिंदु रहा ‘सभी के बदले सभी’ सिद्धांत के तहत बंदियों की अदला-बदली। इसमें गंभीर रूप से घायल, बीमार और 25 वर्ष से कम आयु के सैनिकों की अदला-बदली शामिल है। अनुमान है कि दोनों पक्षों से कम से कम 1,000 बंदियों की अदला-बदली की जाएगी। इस कदम से युद्ध में मानवीय आधार पर थोड़ी राहत की उम्मीद की जा सकती है।

सीमित युद्धविराम: रणनीति या रहम?

रूस ने सीमावर्ती क्षेत्रों में 2-3 दिनों के लिए अल्पकालिक युद्धविराम का प्रस्ताव दिया है, ताकि वहां पड़े यूक्रेनी सैनिकों के शवों को एकत्र कर उन्हें सम्मानपूर्वक अंतिम विदाई दी जा सके। यह प्रस्ताव भी रूस की युद्ध-नीति में एक लचीलापन दिखाता है, लेकिन इसके पीछे रणनीतिक उद्देश्यों को भी नकारा नहीं जा सकता।

बच्चों का मुद्दा: सच्चाई और सियासत

मेदिन्स्की ने यूक्रेन द्वारा कथित रूप से "15 लाख बच्चों के अपहरण" के दावों को खारिज करते हुए कहा कि यह संख्या पहले 20 लाख, फिर 2 लाख और अब 20,000 से घटकर केवल 339 नामों तक सीमित रह गई है। रूस का दावा है कि इन बच्चों को जबरन नहीं ले जाया गया, बल्कि युद्धक्षेत्र से बचाया गया। रूस के अनुसार, 101 बच्चों को उनके परिवारों से मिलवाया जा चुका है।

यह बयान बताता है कि बच्चों के मुद्दे को अंतरराष्ट्रीय सहानुभूति प्राप्त करने के लिए एक प्रचार रणनीति के रूप में भी इस्तेमाल किया गया हो सकता है। हालांकि, वास्तविकता और आरोपों के बीच की खाई को पाटने के लिए स्वतंत्र जांच और पारदर्शिता आवश्यक है।


वार्ता की गर्मी में ठंडी उम्मीदें

इस्तांबुल की वार्ता यह संकेत देती है कि दोनों पक्ष अब भी कुछ स्तर पर संवाद के लिए तैयार हैं। रूस ने जहां मानवीय और रणनीतिक दोनों पहलुओं पर पहल की है, वहीं यूक्रेन का रुख अब तक सतर्क लेकिन खुला रहा है।