Vikrant Shekhawat : Jun 10, 2021, 09:34 AM
नई दिल्ली: कोरोना की तीसरी लहर बच्चों के लिए खतरनाक हो सकती है, ऐसा कई स्टडीज में दावा किया जा रहा है. इस बीच सरकार ने बच्चों को कोरोना संक्रमण होने पर उसका इलाज करते वक्त क्या सावधानियां बरतनी हैं, इसको लेकर गाइडलाइंस जारी की हैं. ये गाइडलाइंस स्वास्थ्य सेवा महानिदेशालय (डीजीएचएस) ने जारी की हैं.गाइडलाइंस में बच्चों को रेमेडिसविर नहीं देने की सलाह दी गई है. इसके साथ-साथ कहा गया है कि कोरोना संक्रमण के वक्त 6 मिनट वॉक टेस्ट किया जाए. साथ ही साथ ऑक्सीजन थेरेपी का भी पूरा ध्यान रखने को कहा गया है.बच्चों को कोविड होने पर किन बातों का रखें ध्यान, देखें केंद्र सरकार की गाइडलाइंस12 साल से ऊपर के बच्चों को 6 मिनट का वॉक टेस्ट (चलने वाला टेस्ट) करवाया जाए. टेस्ट माता-पिता या गार्जियन की देखरेख में होबिना लक्षण वाले या मध्यम लक्षण वाले कोरोना में स्ट्रायड्स का इस्तेमाल नहीं करने की सलाहस्ट्रायड्स का इस्तेमाल सही समय पर किया जाए, तय वक्त, तय सीमा का ध्यान रखा जाए. खुद से स्ट्रायड्स ना लिया जाए.HRCT स्कैनिंग का कम इस्तेमाल किया जाए.रेमेडिसविर (जिसे आपातकालीन इस्तेमाल की मंजूरी मिली थी) उसको बच्चों को नहीं देने के की सलाह हैमध्यम लक्षण वाले कोरोना संक्रमण में पैरासिटामोल (10-15mg) देने की सलाह है. लेकिन ये भी 4 से 6 घंटे के अंतराल पर देनी है.अगर खांसी हो तो बड़े बच्चों को सैलाइन वाटर से गरारे करवाए जा सकते हैं.बिना लक्षण वाले या मध्यम लक्षण वाले कोरोना संक्रमण में रोगाणुरोधी (एंटीबायोटिक) ना देने की सलाह है. जबतक कि इंफेक्शन ज्यादा ना बढ़ा हो.मध्यम कोरोना संक्रमण में जल्द ही ऑक्सीजन थेरेपी की सलाह है.मध्यम कोरोना होने पर Corticosteroids नहीं देना है. इनका इस्तेमाल संक्रमण बढ़ने पर ही करना है.