Maharashtra Political Crisis / शरद ने निकाला तो अजित ने बनाया तटकरे को अध्यक्ष- NCP पर कब्जे की जंग

Zoom News : Jul 03, 2023, 06:52 PM
Maharashtra Political Crisis: रविवार को एनसीपी के दिग्गज नेता अजित पवार ने अपनी ही पार्टी से बगावत करने के बाद राज्य सरकार में उप मुख्यमंत्री पद पर शपथ ग्रहण की है. उनके इस फैसले पर एनसीपी अध्यक्ष और उनके चाचा शरद पवार ने कहा है कि उन्हें जनता पर भरोसा है और वह इस मामले में जनता के सामने जाएंगे. इस सियासी बवाल के बीच सोमवार शाम को अजित पवार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस की है. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान प्रफुल्ल पटेल ने घोषणा की है कि सुनील तटकरे को एनसीपी का प्रदेश अध्यक्ष बनाया जाता है.

पार्टी अध्यक्ष और चाचा शरद पवार के खिलाफ अजीत पवार खुले तौर पर सामने आ गए हैं. उन्होंने पार्टी के अध्यक्ष जयंत पाटिल को हटाने की घोषणा भी की है. प्रफुल्ल ने कहा कि आगे की जो नियुक्तियां होनी हैं, वह सभी सुनील तटकरे ही करेंगे. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अजित पवार, प्रफुल्ल पटेल, सुनील तटकरे, धनंजय मुंडे और छगन भुजबल मौजूद रहे हैं. इस प्रेस कॉन्फ्रेंस में अब अजित पवार गुट ने स्पष्ट कर दिया है कि वह खुलकर शरद पवार एंड पार्टी का विरोध करेंगे.

NCP पर अजित गुट का दावा

महाराष्ट्र की शिंदे सरकार में शामिल होने से पहले ही अजित पवार के तेवल स्पष्ट दिखाई दे रहे थे. अब बगावत सिर्फ पार्टी से अलग सरकार में शामिल होने तक ही सीमित नहीं रह गई है, अब वह पार्टी पर अपना दावा ठोक रहे हैं. पीसी में बताया गया है कि अजित पवार को विधायकों ने विधि मंडल के नेता के तौर पर चुना है. वहीं प्रफुल्ल पटेल ने बताया कि उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को भी सूचित किया है कि अनिल भाई दास पाटिल को चीफ व्हिप बनाया गया है. पीसी में यह साफ तौर पर कहा गया है कि पार्टी के संगठन से संबंधित फैसले सुनील तटकरे ही लेंगे.

NCP को आगे बढ़ाने के लिए काम करते रहेंगे

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अजित पवार ने अपना भाषण मराठी भाषा में दिया. उन्होंने कहा कि सुनील तटकरे को अध्यक्ष वहीं आगे के फैसले लेंगे. उन्होंने कहा कि उन्हें न्यूज से पता चला है कि विरोधी पक्ष का नेता चुना गया है और व्हिप चुना गया है. इस पर उन्होंने कहा कि उन्होंने भी 2 दशकों तक राजनीति की है, इस तरह से चुनाव नहीं होते हैं. उन्होंने कहा कि वह सभी एनसीपी में हैं और पार्टी के भले के लिए काम करते रहेंगे. पीएम मोदी जो काम कर रहे हैं उसे आगे बढ़ाएंगे. क्योंकि अगर राज्य और केंद्र में अलग-अलग विचार के लोग मौजूद हो जाएं तो इससे विकास के कामों में बाधा आती है.

समर्थन है तभी इतना बड़ा कदम उठाया

पीसी के दौरान प्रफुल्ल पटेल ने कहा है कि अगर उनके पास विधायकों का समर्थन नहीं होता तो क्या वह इतना बड़ा कदम उठाते? उन्होंने कहा कि उन्हें संख्या बताने की जरूरत नहीं है. उन्होंने शरद पवार खेमे को चैलेंज करते हुए कहा है कि अगर किसी को शक है तो वह खुद बताएं कि उनके पास कितने विधायकों को समर्थन है. इस पर अजित पवार ने यकीन दिलाते हुए कहा कि जितना लोग सोच रहे हैं उससे भी ज्यादा उनके पास समर्थन है.

एनसीपी ने यह भी बताया कि शिवसेना-बीजेपी के गंठबंधन को युति कहा जाता है, अब इसमें एनसीपी भी जुड़ गई है. इसलिए अब यह महायुति हो गई है और इसे महागठबंधन कहा जाएगा. इस दौरान अजित एंड पार्टी ने कहा है कि एनसीपी पार्टी उनकी है. अगर किसी को इस पर कोई संदेह है तो वह इलेक्शन कमीशन जा सकते हैं.

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