अच्छी खबर / देसी टीके का दुनिया में दिखेगा दम, कोवैक्सीन को 4-6 हफ्ते में मिलेगी WHO की मंजूरी

Zoom News : Jul 10, 2021, 08:21 AM
New delhi: भारत की इकलौती देसी कोरोना वैक्सीन कोवैक्सीन को लेकर अच्छी खबर है, क्योंकि भारत बायोटेक की कोवैक्सीन को जल्द ही डब्ल्यूएचओ की मंजूरी मिलने वाली है। डब्ल्यूएचओ की मुख्य वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि विश्व स्वास्थ्य संगठन द्वारा भारत में अब तक उपयोग में आने वाली एकमात्र देसी वैक्सीन कोवैक्सिन को अगले चार से छह सप्ताह में इमरजेंसी यूज लिस्टिंग के लिए मंजूरी देने की संभावना है।

दुनियाभर में वैक्सीन की पहुंच को लेकर एक वेबिनार के दौरान सौम्यानाथ ने कहा कि डब्ल्यूएचओ की मंजूरी के लिए एक प्रक्रिया का पालन करना होता है। कंपनियों को अप्रूवल के लिए अपना सुरक्षा डेटा, पूरा ट्रायल डेटा और यहां तक कि निर्माण गुणवत्ता डेटा भी जमा करना होता है। भारत बायोटेक ने पहले ही डेटा जमा करना शुरू कर दिया है और उसके डोजियर का आकलन किया जा रहा है। यह हमारी समिति द्वारा समीक्षा की जाने वाली अगली वैक्सीन है। अगले चार से छह सप्ताह में इसे अप्रूव करने को लेकर निर्णय लिया जाएगा। 

हाल ही में एक इंटरव्यू के दौरान डब्ल्यूएचओ की प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. सौम्या स्वामीनाथन ने कोवैक्सीन के ट्रायल डेटा की तारीफ की थी और इसे अच्छा बताया था। उन्होंने कहा कि कोवैक्सीन के परीक्षण के नतीजे संतोषजनक हैं। इसके बाद से ही कोवैक्सीन को डब्ल्यएचओ की मंजूरी मिलने की उम्मीदें बढ़ गई हैं। इसे हैदराबाद स्थित कंपनी भारत बोयोटेक ने इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च (आईसीएमआर) के साथ मिलकर तैयार किया है।

सीएनबीसी-टीवी18 को दिए एक इंटरव्यू में सौम्या स्वामीनाथन ने कहा कि कोवैक्सीन के तीसरे चरण के ट्रायल का डेटा अच्छा है। उन्होंने वेरिएंट को भी देखा है। कुल मिलाकर इसकी प्रभावकारिता (इफिशिएंसी) काफी अधिक है। हालांकि, डेल्टा वेरिएंट के खिलाफ वैक्सीन की प्रभावशीलता कम है मगर फिर भी यह काफी अच्छा है। वैज्ञानिक ने आगे कहा कि कोवैक्सीन की सुरक्षा प्रोफ़ाइल अब तक डब्ल्यूएचओ के मानकों को पूरा करती है।

भारत बायोटेक ने पिछले शनिवार यानी 26 जून को वैक्सीन के तीसरे चरण के परीक्षण का डेटा जारी किया था। इसमें बताया गया था कि कोवैक्सीन लक्षण वाले लोगों पर 77.8% तक असरदार है। गंभीर लक्षणों वाले मामलों में यह 93.4% असरदार है। हालांकि, डेल्टा वैरिएंट के खिलाफ सुरक्षा देने में यह 65.2% प्रभावी साबित हुई थी।

SUBSCRIBE TO OUR NEWSLETTER