- भारत,
- 20-Jun-2025 10:00 AM IST
IND vs ENG: 20 जून से भारत और इंग्लैंड के बीच शुरू होने वाली पांच टेस्ट मैचों की सीरीज का पहला मुकाबला लीड्स के ऐतिहासिक मैदान पर खेला जाएगा। यह सीरीज कई मायनों में खास है। पहली बार भारतीय टेस्ट टीम मैदान पर रोहित शर्मा और विराट कोहली के बिना उतरेगी, और नई जिम्मेदारी के साथ कप्तानी कर रहे शुभमन गिल पर सभी की निगाहें टिकी हैं। कोहली और रोहित के रिटायरमेंट के बाद यह टेस्ट क्रिकेट में भारत की नई दिशा तय करने वाला दौर माना जा रहा है।
प्रेस कॉन्फ्रेंस में गिल का आत्मविश्वास
सीरीज की शुरुआत से ठीक एक दिन पहले शुभमन गिल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में स्पष्ट किया कि टीम का पूरा फोकस वर्तमान सीरीज पर है, न कि पिछली हार-जीत पर। उन्होंने कहा, "हम अतीत की गलतियों से सीखेंगे लेकिन हमारी नजरें भविष्य पर हैं।" गिल के मुताबिक, टीम का लक्ष्य इस सीरीज में श्रेष्ठ प्रदर्शन करना है और इसी सोच के साथ खिलाड़ी मैदान में उतरेंगे।
पिच देखकर होगी प्लेइंग-11 की घोषणा
लीड्स टेस्ट को लेकर जब प्लेइंग-11 के कॉम्बिनेशन पर सवाल पूछा गया तो गिल ने कहा कि अंतिम फैसला पिच की स्थिति देखने के बाद लिया जाएगा। खासतौर पर नंबर-3 और गेंदबाजों के चयन पर विचार जारी है। गिल ने यह भी साफ कर दिया कि वे इस सीरीज में नंबर-4 पर बल्लेबाजी करेंगे। साथ ही उन्होंने यह भी जोड़ा कि "टेस्ट जीतने के लिए 20 विकेट जरूरी हैं, इसलिए अगर विशेषज्ञ गेंदबाजों के साथ उतरना पड़ा तो हम तैयार हैं।"
बैजबॉल बनाम भारत की रणनीति
इंग्लैंड की ‘बैजबॉल’ शैली – यानि तेज और आक्रामक टेस्ट क्रिकेट – को लेकर भी गिल से सवाल किया गया। उन्होंने मुस्कराते हुए कहा कि "हम किस अंदाज में क्रिकेट खेलेंगे, इसका पता आपको अगस्त तक चल जाएगा।" इस जवाब से यह संकेत जरूर मिलते हैं कि भारतीय टीम इंग्लैंड की चुनौती का डटकर सामना करने के लिए रणनीतिक रूप से तैयार है, लेकिन वो अपने पत्ते फिलहाल नहीं खोलना चाहती।
IPL से बड़ी है SENA में जीत
शुभमन गिल ने टेस्ट क्रिकेट की अहमियत पर एक अहम बयान देते हुए कहा कि "SENA देशों (साउथ अफ्रीका, इंग्लैंड, न्यूजीलैंड और ऑस्ट्रेलिया) में टेस्ट सीरीज जीतना आईपीएल जीतने से कहीं ज्यादा बड़ा होता है।" उनके मुताबिक, आईपीएल हर साल होता है, लेकिन इन देशों में टेस्ट जीतने का अवसर कई सालों बाद आता है और यही वजह है कि इन सीरीज की ऐतिहासिक अहमियत है।
नई पीढ़ी, नई राह
इस सीरीज को सिर्फ भारत-इंग्लैंड मुकाबले के रूप में नहीं बल्कि भारतीय टेस्ट क्रिकेट की नई पीढ़ी की अग्निपरीक्षा के रूप में भी देखा जा रहा है। शुभमन गिल, यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान जैसे युवा खिलाड़ियों के कंधों पर अब जिम्मेदारी है कि वे भारतीय क्रिकेट की परंपरा को आगे बढ़ाएं।