कोरोना वायरस / इस देश में नेकेड क्यों हो रहे हैं कोरोना का इलाज कर रहे डॉक्टर्स?

AajTak : Apr 28, 2020, 04:12 PM
कोरोना वायरस: 'न्यूडिटी इस बात का प्रतीक है कि बिना सुरक्षा के हम कितने अधिक वल्नरेबल होते हैं।' ये कहना है कोरोना का इलाज करने वाले डॉक्टर्स का जो पर्सनल प्रोटेक्टिव इक्विपमेंट (पीपीई) के लिए नेकेड होकर प्रदर्शन कर रहे हैं। कोरोना वायरस की वजह से दुनियाभर में डॉक्टर कई तरह की चुनौतियों का सामना कर रहे हैं। इनमें से एक है- कोरोना से बचाव के लिए सुरक्षित पोशाकों और इक्विपमेंट की कमी।

कई देशों के डॉक्टर पीपीई की कमी से जूझ रहे हैं और दुनिया के कई शहरों में मेडिकल स्टाफ की ओर से विरोध-प्रदर्शन भी देखने को मिले हैं। ऐसे में जर्मनी के डॉक्टरों ने अलग तरीके से, नेकेड होकर अपना विरोध जताने का फैसला किया है।जर्मनी में 1,58,758 लोग कोरोना संक्रमित हो चुके हैं, वहीं 6,126 लोगों की मौत हो चुकी है।

theguardian।com की रिपोर्ट के मुताबिक, जर्मनी में डॉक्टरों के एक समूह ने नेकेड होकर कैमरे के सामने पोज दिया है और पर्याप्त संख्या में पीपीई की मांग दोहराई है। डॉक्टरों ने blankebedenken।org वेबसाइट भी बनाया है जहां उन्होंने अपनी फोटोज और मांगे प्रकाशित की है।

जर्मनी के ये डॉक्टर नेकेड होकर सरकार का ध्यान पीपीई के मुद्दे पर खींचना चाहते हैं। कई देशों में पीपीई की कमी की वजह से मेडिकल स्टाफ के कोरोना संक्रमित होने की खबरें भी आई हैं। कई डॉक्टरों और नर्स की कोरोना से मौत भी हो गई है।

पाकिस्तान में डॉक्टर कई हफ्ते से पीपीई की मांग कर रहे हैं। पाकिस्तान के पंजाब राज्य में डॉक्टरों ने पीपीई को लेकर भूख हड़ताल भी शुरू किया था। वहीं, एक प्रदर्शन के दौरान पाकिस्तान ने कई दर्जन मेडिकल स्टाफ को गिरफ्तार भी कर लिया था जिन्हें बाद में जमानत दे दी गई थी।

वहीं, जर्मनी के प्रदर्शकारी डॉक्टरों का कहना है कि उनके कोरोना से संक्रमित होने का खतरा है। वे कई महीने से पीपीई के लिए मांग कर रहे हैं, लेकिन उन पर ध्यान नहीं दिया जा रहा है।

जर्मनी के एक डॉक्टर रुबेन बर्नौ ने बताया कि उनकी टीम के पास वायरस से लड़ने के लिए पर्याप्त संसाधन नहीं हैं। डॉक्टर क्रिस्टियन रेचटेनवाल्ड ने कहा कि उनके ग्रुप ने फ्रांस के एक डॉक्टर एलेन कोलंबी से प्रेरित होकर नेकेड प्रदर्शन शुरू किया है।

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