- भारत,
- 14-Feb-2025 06:00 AM IST
Income Tax Bill: गुरुवार को देश की संसद में नया आयकर विधेयक-2025 पेश किया गया, जो मौजूदा आयकर अधिनियम-1961 की जगह लेने के लिए प्रस्तावित है। यह विधेयक अब संसदीय समिति के विचाराधीन रहेगा और बाद में इसे संसद के दोनों सदनों से पारित कराया जाएगा। यदि यह विधेयक कानून बन जाता है, तो यह कर प्रणाली में महत्वपूर्ण बदलाव लाएगा।
नए विधेयक की आवश्यकता क्यों?
मौजूदा आयकर अधिनियम-1961 में दशकों से कई संशोधन हुए हैं, जिससे यह कानून जटिल और विस्तृत हो गया है। नए विधेयक की आवश्यकता इसलिए महसूस की गई क्योंकि:- कानूनी जटिलता को कम करना:
- वर्तमान कानून में 819 प्रभावी सेक्शन हैं, जिन्हें घटाकर 536 किया गया है।
- चैप्टर्स की संख्या 47 से घटाकर 23 कर दी गई है।
- 1,200 प्रावधान और 900 स्पष्टीकरण हटा दिए गए हैं।
- मुकदमेबाजी में कमी:
- नए प्रावधानों को स्पष्ट और सरल बनाया गया है ताकि कानूनी व्याख्या की जरूरत कम हो।
- अदालतों द्वारा दिए गए निर्णयों को ध्यान में रखकर प्रमुख शब्दों और वाक्यांशों में न्यूनतम संशोधन किया गया है।
- फिक्स टैक्स कलेक्शन सुनिश्चित करना:
- सरकार करदाताओं को स्वयं कर देने के लिए प्रेरित करना चाहती है।
- कर संरचना को पारदर्शी और आसान बनाकर अनुपालन दर को बढ़ाना लक्ष्य है।
नए विधेयक की प्रमुख विशेषताएं
- सैलरी से जुड़े प्रावधानों का सरलीकरण:
- ग्रेच्युटी, लीव एनकैशमेंट, पेंशन का कम्यूटेशन, वीआरएस मुआवजा और छंटनी मुआवजा जैसे प्रावधानों को एक ही स्थान पर रखा गया है।
- इससे टैक्सपेयर्स को विभिन्न अध्यायों के बीच भटकना नहीं पड़ेगा।
- आयकर विभाग द्वारा जारी FAQs:
- नए विधेयक के बारे में आम जनता को जानकारी देने के लिए अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs) जारी किए गए हैं।
- इसमें विधेयक के प्रावधानों को सरल भाषा में समझाया गया है।
- संशोधित विधेयक की संरचना:
- विधेयक में 2.6 लाख शब्द हैं, जो कि मौजूदा आयकर कानून के 5.12 लाख शब्दों से आधे हैं।
- इसमें 57 अनुसूचियां जोड़ी गई हैं, जो इसे अधिक सुव्यवस्थित बनाती हैं।