Donald Trump News / अब डोनाल्ड ट्रंप करेंगे 'मार्शल लॉ' का ऐलान? 20 अप्रैल को लेकर क्यों मचा है हड़कंप

ट्रम्प के शपथ ग्रहण के 90 दिन पूरे होने पर अटकलें तेज हैं कि वे 1807 के विद्रोह अधिनियम के तहत मार्शल लॉ लागू कर सकते हैं। दक्षिणी सीमा पर नियंत्रण के लिए सैन्य तैनाती की आशंका जताई जा रही है। आधिकारिक पुष्टि अब तक नहीं हुई है।

Donald Trump News: अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प ने 20 जनवरी 2025 को अपने दूसरे कार्यकाल की शुरुआत की, और अब उनके शपथ ग्रहण को तीन महीने पूरे होने वाले हैं। इस बीच अमेरिका में अटकलों का बाजार गर्म है कि ट्रम्प 20 अप्रैल को मार्शल लॉ लागू कर सकते हैं। इस आशंका की जड़ें एक कार्यकारी आदेश में छिपी हैं, जो ट्रम्प ने सत्ता संभालने के बाद जारी किया था और जिसमें 1807 के Insurrection Act को लागू करने की बात कही गई थी।


क्या कहा था ट्रम्प ने?

20 जनवरी को शपथ लेने के तुरंत बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने अमेरिका-मेक्सिको सीमा पर "राष्ट्रीय आपातकाल" की घोषणा की। अपने आदेश में उन्होंने कहा कि "अमेरिका की संप्रभुता पर हमला हो रहा है" और इस खतरे को रोकने के लिए वे 1807 के Insurrection Act को लागू कर सकते हैं। इस आदेश के अनुसार, रक्षा सचिव और होमलैंड सुरक्षा सचिव को 90 दिनों के भीतर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करनी थी जिसमें अतिरिक्त सैन्य कार्रवाई की सिफारिश की जा सकती थी। यह 90-दिवसीय अवधि अब 20 अप्रैल को समाप्त हो रही है।


1807 का विद्रोह अधिनियम क्या है?

1807 का Insurrection Act अमेरिकी राष्ट्रपति को यह अधिकार देता है कि वे देश के भीतर कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए सेना और नेशनल गार्ड को तैनात कर सकें। यह अधिनियम विशेष रूप से उन स्थितियों में लागू किया जा सकता है जब राज्य सरकारें या स्थानीय प्रशासन किसी संकट को नियंत्रित करने में असमर्थ हों।

यह कानून आमतौर पर लागू रहने वाले Posse Comitatus Act को भी ओवरराइड करता है, जो सेना को सामान्य नागरिक मामलों में हस्तक्षेप करने से रोकता है। हालांकि, विद्रोह अधिनियम राष्ट्रपति को विशिष्ट स्थितियों में सेना का प्रयोग करने की अनुमति देता है, जो इसे एक शक्तिशाली लेकिन विवादास्पद उपकरण बनाता है।


क्या ये मार्शल लॉ जैसा है?

मार्शल लॉ और विद्रोह अधिनियम में मूलभूत अंतर हैं। जहाँ मार्शल लॉ में पूर्ण नियंत्रण सेना के हाथों में चला जाता है — जिसमें नागरिक सरकार की सभी शक्तियाँ निलंबित हो जाती हैं — वहीं Insurrection Act के तहत सेना केवल प्रशासन को सहायता प्रदान करती है, उसे प्रतिस्थापित नहीं करती। इसलिए, यदि ट्रम्प इस अधिनियम को लागू करते हैं, तो वह मार्शल लॉ नहीं होगा, बल्कि एक सीमित सैन्य हस्तक्षेप होगा।


चिंताएं और कानूनी बहस

कई विशेषज्ञों ने चेतावनी दी है कि Insurrection Act की भाषा अस्पष्ट है और यह दुरुपयोग के लिए तैयार कानून है। ब्रेनन सेंटर फॉर जस्टिस जैसे संगठन इस अधिनियम में सुधार की वकालत करते हैं, क्योंकि इसमें “विद्रोह”, “घरेलू हिंसा” जैसे शब्दों की स्पष्ट परिभाषा नहीं दी गई है।

वकालत समूहों का कहना है कि यह अधिनियम राष्ट्रपति को बिना पर्याप्त निगरानी के अमेरिका के भीतर सेना का प्रयोग करने की शक्ति देता है, जो लोकतांत्रिक संस्थाओं के लिए खतरा हो सकता है।


20 अप्रैल को क्या होगा?

20 जनवरी के आदेश के बाद से अब तक 90 दिन बीत चुके हैं, लेकिन रक्षा सचिव और होमलैंड सुरक्षा सचिव की ओर से कोई सार्वजनिक रिपोर्ट या अपडेट नहीं आया है।

22 जनवरी को ट्रम्प प्रशासन ने दक्षिणी सीमा पर 1,500 सक्रिय ड्यूटी सेवा सदस्यों को तैनात किया था, और 29 जनवरी को रक्षा सचिव ने ग्वांतानामो बे में 30,000 आपराधिक प्रवासियों को रखने की योजना का संकेत दिया था।

लेकिन तब से लेकर अब तक कोई ठोस जानकारी सामने नहीं आई है। ऐसे में अमेरिकी जनता का एक बड़ा हिस्सा आश्वस्त है कि ट्रम्प सरकार “दक्षिणी सीमा पर पूर्ण नियंत्रण” के लिए Insurrection Act को लागू कर सकती है।


क्या अमेरिका की धरती पर सेना तैनात होगी?

अभी तक इस बात की कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है कि ट्रम्प 20 अप्रैल को सेना तैनात करेंगे या मार्शल लॉ जैसा कोई कदम उठाएंगे। लेकिन हालात, कार्यकारी आदेश और समयसीमा को देखते हुए आशंकाएं निराधार भी नहीं हैं।

यह देखना दिलचस्प होगा कि 20 अप्रैल को क्या कदम उठाया जाता है – क्या यह एक संवैधानिक शक्ति का आवश्यक प्रयोग होगा या लोकतंत्र के लिए एक चुनौती?