Lok Sabha Elections / बिहार में दोहराया जाएगा 2019 वाला इतिहास? BJP को फिर मिला नीतीश का साथ

Zoom News : Apr 07, 2024, 12:40 PM
Lok Sabha Elections: साल 2019 में लोकसभा चुनावों के दौरान नीतीश कुमार एनडीए में थे. उस चुनाव में एनडीए ने 40 सीटों वाले बिहार में 39 सीटें जीत ली थी. बाद में भले ही नीतीश कुमार एनडीए से अलग होकर महागठबंधन में शामिल हो गए थे, लेकिन 2024 के लोकसभा चुनावों से ठीक पहले उन्होंने महागठबंधन को छोड़ कर एनडीए से हाथ मिला लिया है. वहीं एनडीए ने काफी हद तक वही स्थिति इस बार भी बना दी है, जो 2019 में थी. ऐसे में यह सवाल लाजमी है कि क्या इस बार भी एनडीए बिहार में बड़ी जीत का इतिहास दोहराने जा रहा है.

खैर, इसका जवाब तो 4 जून को मतगणना के बाद ही मिलेगा. बिहार में इस बार सभी सात चरणों में लोकसभा के चुनाव होने हैं. इसकी शुरूआत 19 अप्रैल से हो जाएगी और आखिरी चरण में एक जून को मतदान होगा. इसके लिए पूरे बिहार में माहौल तैयार है. चुनावी सरगर्मियों जोर पकड़ने लगी हैं. हालांकि अभी भी कई पार्टियों की ओर से प्रत्याशियों की घोषणा होनी बाकी है. लेकिन जिस प्रकार से विभिन्न दलों के बीच गठबंधन हो रहा है, स्थिति भी काफी हद तक साफ हो चुकी है.

17 सीटों पर लड़ रही है बीजेपी

इस समय एनडीए गठबंधन के तहत बीजेपी 17 सीटों पर, नीतीश कुमार के नेतृत्व वाली जेडीयू 16 सीटों पर, चिराग पासवान की लोक जनशक्ति पार्टी 5 सीटों पर, जीतन राम मांझी की हम और उपेंद्र कुशवाहा की पार्टी राष्ट्रीय लोकमोर्चा एक-एक सीट पर आपस में मिल कर चुनाव लड़ रही हैं. वहीं दूसरी ओर, महागठबंधन की ओर से लालू यादव की आरजेडी 23 सीटों पर चुनाव लड़ रही है. इसी प्रकार कांग्रेस 9, सीपीआईएमएल 3, सीपीआईएम 1, मुकेश सहनी की वीआईपी 3 और सीपीआई 1 सीट पर चुनाव लड़ रही है.

11 सीटों पर एआईएमआईएम भी लड़ रही चुनाव

वहीं बिहार लोकसभा चुनाव में कुछ सीटों पर बसपा तो 11 सीटों पर ओवैसी की पार्टी एआईएमआईएम भी चुनाव लड़ रही है. बता दें कि महागठबंधन के ये सभी घटक दल 2019 के चुनाव में भी एक साथ थे. बावजूद इसके बिहार की कुल 40 लोकसभा सीटों में से 39 सीटें एनडीए के खाते में चली गई थीं. वहीं शेष बची एक मात्र सीट कांग्रेस पार्टी ने जीतकर महागठबंधन का खाता खोला था. 2019 में बीजेपी 23.58 फीसदी वोट पाकर 17 सीटें जीतने में सफल रही.

पिछली बार 15 फीसदी वोट पर सिमट गई आरजेडी

नीतीश कुमार की जेडीयू को भी 21.81 फीसदी वोटों के साथ 16 सीटें मिली थीं. एनडीए की सहयोगी लोक जनशक्ति पार्टी भी करीब 8 फीसदी वोट हासिल करते हुए 6 सीटें जीतने में सफल रही थी. उधर, महागठबंधन में सबसे ज्यादा 15.36 फीसदी वोट लालू यादव की आरजेडी को मिले थे, लेकिन सीट एक भी नहीं हाथ लगी. वहीं महज 7.7 फीसदी वोट पाने वाली कांग्रेस पार्टी के खाते में एक सीट आ गई. इस चुनाव में महागठबंधन ने कुल 39 सीटों पर अपने प्रत्याशी उतारे थे.

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