Share Market News / क्या रुपया भी शेयर बाजार के रुलाएगा आंसू? FPI बन रहा है 'विभीषण'

अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में सोमवार को रुपया 17 पैसे टूटकर 86.88 प्रति डॉलर पर बंद हुआ। विदेशी पूंजी की निकासी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार से रुपया कमजोर हुआ। घरेलू बाजारों में कमजोरी और विदेशी निवेशकों की बिकवाली से रुपये में गिरावट आई।

Share Market News: सोमवार को अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 17 पैसे टूटकर 86.88 पर बंद हुआ। यह गिरावट मुख्य रूप से विदेशी पूंजी की भारी निकासी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार के कारण आई।

रुपये की गिरावट की प्रमुख वजहें

विदेशी मुद्रा कारोबारियों के अनुसार, रुपये में गिरावट का प्रमुख कारण विदेशी बैंकों द्वारा डॉलर की खरीदारी की बढ़ती मांग है। साथ ही, आयातकों को डॉलर को सुरक्षित करने में भी कठिनाई हो रही है क्योंकि वैश्विक अनिश्चितता के बीच भविष्य में रुपया और कमजोर हो सकता है, जिससे मूल्यह्रास का खतरा बढ़ सकता है।

मजबूती के बाद गिरावट

इस दिन रुपये की शुरुआत 86.70 प्रति डॉलर पर हुई, लेकिन व्यापार के दौरान रुपये ने 86.68 के उच्चतम स्तर और 86.88 के निचले स्तर को छुआ। अंत में, रुपये ने 86.88 पर अपनी स्थिति बनाई, जो कि पिछले दिन के बंद भाव से 17 पैसे नीचे था। शुक्रवार को रुपये का बंद मूल्य 86.71 था।

विश्लेषक की राय

मिराए एसेट शेयरखान के शोध विश्लेषक अनुज चौधरी ने बताया कि घरेलू बाजारों में कमजोरी और अमेरिकी डॉलर सूचकांक में सुधार से भारतीय रुपये में गिरावट आई। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में कमी ने रुपये की गिरावट को सीमित किया। चौधरी ने आगे कहा कि घरेलू शेयर बाजार में गिरावट और विदेशी संस्थागत निवेशकों द्वारा की गई बिकवाली रुपये पर दबाव डाल सकती है। वहीं, अमेरिकी डॉलर की मजबूती भी रुपये के लिए चुनौती बन सकती है। हालांकि, यदि अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में और गिरावट आती है या भारतीय रिजर्व बैंक हस्तक्षेप करता है, तो रुपये को निचले स्तर पर समर्थन मिल सकता है।

FPI का प्रभाव

इस बीच, डॉलर सूचकांक में 0.14 प्रतिशत की वृद्धि हुई और यह 106.85 पर कारोबार कर रहा था। वायदा कारोबार में ब्रेंट क्रूड की कीमत 0.12 प्रतिशत बढ़कर 74.83 डॉलर प्रति बैरल हो गई। घरेलू शेयर बाजारों में बीएसई सेंसेक्स 57.65 अंक बढ़कर 75,996.86 पर और निफ्टी 30.25 अंक चढ़कर 22,959.50 पर बंद हुआ।

शेयर बाजारों से प्राप्त आंकड़ों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशक (FII) ने सोमवार को 3,937.83 करोड़ रुपये के शेयरों की शुद्ध बिक्री की। इससे भी रुपये पर दबाव पड़ा और उसकी कमजोरी को बढ़ावा मिला।

निष्कर्ष

इस समय भारतीय रुपया अमेरिकी डॉलर के मुकाबले कमजोर नजर आ रहा है, और इसकी गिरावट की मुख्य वजह वैश्विक आर्थिक अस्थिरता, अमेरिकी डॉलर सूचकांक की मजबूती और विदेशी पूंजी निकासी है। हालांकि, कच्चे तेल की कीमतों में नरमी और अन्य आर्थिक संकेतक रुपये की गिरावट को नियंत्रित करने में मदद कर सकते हैं। आगे चलकर, भारतीय रिजर्व बैंक का हस्तक्षेप या अमेरिकी बॉन्ड प्रतिफल में गिरावट रुपये को निचले स्तर पर समर्थन दे सकता है।