इंडिया / 'हाऊडी मोदी' से मोदी दुनिया के सबसे बड़े नेता ही नहीं, श्रेष्ठ कूटनीतिज्ञ भी बने

Zoom News : Sep 23, 2019, 12:20 PM

ह्यूस्टन. यह अमेरिकी इतिहास की पहली घटना थी जिसमें कोई राष्ट्रपति किसी देश के प्रमुख के सार्वजनिक खुले कार्यक्रम में शरीक हुए हो और जिसमें  अमरीका के सभी राज्यों का प्रतिनिधित्व वहां के  सांसदों ने किया हो।कल 22 सितंबर को ह्यूस्टन के एनआरजी स्टेडियम में यह इतिहास रचते सारे विश्व ने देखा।, जहाँ तक़रीबन 50,000 से अधिक लोगों ने एक भव्यतम समारोह में भाग लिया। इस अंतराष्ट्रीय महत्व के समारोह में भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को न केवल विश्व के सर्वोच्च नेता के रूप में प्रतिष्ठित किया बल्कि यह भी दिखा दिया कि मोदी भारत की राजनीति के ही अजेय योद्धा नहीं हैं तो वे अन्तर्राष्ट्रीय कूटनीति के भी मर्मज्ञ हैं।


ह्यूस्टन में आयोजित यह मेगा शॉ से आतंकवाद और पाकिस्तान के खिलाफ यूएनओ की बैठक के पूर्व वैश्विक स्तर पर एक अभूतपूर्व वातावरण निर्मित तो हुआ ही है , सयुंक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति के चुनाव के पूर्व होने से वहां के  चुनाव को प्रभावित करता हुआ भी दिख रहा है। राष्ट्रपति रोनाल्ड ट्रम्प अपने गैर राजनीतिक और अव्यवहारिक कार्यपद्धति के कारण संकट में हैं।यूं तो लोकतंत्र में चुनाव पूर्व सभी नेता असङ्कित हो ही जाते हैं,सब नरेंद्र मोदी नहीं होते  किंतु ट्रम्प कुछ ज्यादा ही परेशान हैं।वे अपने चुनाव पूर्व वायदों को निभाने और  अफगानिस्तान से अपनी फौज को निकालने के लिए पाकिस्तान के प्रधानमंत्री मोहम्मद इमरान के झांसे में आ गए।उन्होंने झूँठ भी बोल दिया कि नरेंद्र मोदी ने उन्हें भारत पाकिस्तान विवाद हाल करने में मध्यस्थता करने का प्रस्ताव दिया है।अचानक ट्रम्प के व्यवहार में बदलाव से मोदी का चिन्तित होना स्वाभाविक था किंतु वे हारनेवाले नेताओं में नहीं है।वे ट्रम्प को यह अहसास कराने में सफल हुए कि इमरान की कोई हेंशियत ही नहीं हैं कि अफगानिस्तान को वह आतंकवाद से मुक्त कर सके क्योंकि पाकिस्तान की सेना ही  आतंकवाद की जन्मदाता और आश्रयदाता  है और जिस समय इमरान आतंकियों को रोकने का प्रयास करेंगे या उनके खिलाफ कार्यवाही करेंगे वे हटा दिए  जाएंगे। ट्रम्प को कोई अगर चुनाव में  मदद कर सकता है तो वह मोदी ही हैं।'मोदी है तो सब मुमकिन है।'


और हुआ भी वही ह्यूस्टन की विशाल  सभा में भारत के लोकप्रिय प्रधानमंत्री ने खुले मंच पर समस्त भारतवंशियों से "अबकी बार मोदी सरकार " स्टायल में "अबकी बार ट्रम्प सरकार " का नारा लगा दिया और यह सब उन्होंने  कुछ सर्वथा गैरराजनीतिक नौकरशाहों , पी.शिवशंकर ,जो अब भारत के विदेश मंत्री हैं ,जैसे कूटनीतिज्ञों और कुछ युवा भारतीय अप्रवासी उद्यमियों के माध्यम से कर दिखाया।यही नहीं उस विशाल मंच का उपयोग मोदी ने ट्रम्प को अघोषित चुनावी सभा में करने दिया।यही नहीं  अपनी तथा ट्रम्प की सभी सुरक्षा सम्बन्धित साबधानियों की परवाह कराए वगैर पूरे स्टेडियम की परिक्रमा लगाकर भारतीयों का दिल जीत लिवा।  ट्रम्प मोदी के आभा मंडल में इतने आ गए कि उन्होंने अमेरिका में मौजूद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की उपेक्षा और अनदेखा तक कर दिया।इस ऐतिहासिक समारोह में मोदी जी ने भारत की सांस्कृतिक एकता को सिद्ध करते हुए सदैव की तरह अपनी उप्लब्धियों को गिनाया जिसका भारत में अनुकूलता का वातावरण बना।समारोह से अमेरिका की घरेलू राजनीति में भारतवंशियों का महत्व भी प्रतिपादित हुआ।


यही नहीं भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विश्व के समस्त मुस्लिम देशों में भी लोकप्रिय हैं तो उसके अपने कारण हैं।पाकिस्तान चारों ओर से बुरी तरह से घिर गया है।उसके कारण भारत में भी निश्चित ही साम्प्रदायिक सद्भाव का वातावरण बन गया गया है और सत्तारूढ़ भाजपा के राजनीतिक प्रतिद्वंद्वियों को जो सम्प्रदायिक आधार पर उसको अलग थलग डालने का प्रयास करते रहते थे बुरी तरह पराजित करने का अवसर प्राप्त हुआ है।इसके कारण कश्मीर समस्या भी सदैव के लिए समाप्त होती दिखती है।


भारतीय-अमेरिकी समुदाय का यह तीसरा सार्वजनिक कार्यक्रम था  जिसमें मोदी शामिल हुए।पहला कार्यक्रम 2014 में मैडिसन स्क्वैयर और दूसरा 2016 में सिलीकन वैली में किया गया था, जिनमें लगभग 20 हज़ार लोग मौजूद थे। लेकिन 'हाऊडी मोडी' कार्यक्रम जिसमें 50 हज़ार भारतीयों के शिरकत करने से  अमेरिका में भारतीय मूल के लोगों का दबदबा तो बढ़ ही भारत में भी मोदी और भाजपा का प्रभाव द्द्विगुणित बढ़ा। जाहिर है ऐसे कार्यक्रम अनायास नहीं होते हैं और न ही स्वत:स्फूर्त होते हैं। जो लोग उसकी आलोचना फिजूलखर्ची या मोदी विरोध में करते हैं वे देश की जनता और अप्रवासी भारतीयों  की नजर गिरेंगे ही और मोदी की लोकप्रियता  में इजाफा करेंगे।



भारत के प्रधानमंत्री को विश्व स्तर पर सबसे बड़े, सफल और लोकप्रिय नेता के रूप में स्थापित करने की मुहिम का यह एक हिस्सा भर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जहाँ-जहाँ जाते हैं, भारतीय मूल के लोगों को संबोधित करते हैं। इसके तहत वहाँ एक मेगा शो आयोजित किया जाता है, जिसमें भारतीय मूल के लोग एकत्रित होते हैं, रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाते हैं, मोदी भाषण देते हैं। उस पूरे कार्यक्रम का ज़बरदस्त मीडिया कवरेज होता है। मोदी इस पर कितना ध्यान देते हैं, इसे इससे समझा जा सकता है कि दुनिया में अब मोदी की तुलना रूसी राष्ट्रपति ब्लादीमीर पुतिन, चीन के शी जिनपिंग और तुर्की के रिचप तैयप अर्दोवान से भी ज्यादा की जाने लगी है।

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