बिजनेस / ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी इंडिया का होगा विलय

Zoom News : Sep 22, 2021, 02:27 PM
नई दिल्ली: ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया के बीच विलय को मंजूरी मिल गई है. ज़ी एंटरटेनमेंट एंटरप्राइजेज के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स ने ZEEL और SPNI (सोनी पिक्चर्स नेटवर्क्स इंडिया) के बीच करार को मंजूरी दी है. बोर्ड ने न सिर्फ वित्तीय मानकों को ध्यान में रखते हुए बल्कि एक रणनीति के चलते यह फैसला लिया है. इस विलय को लेकर बोर्ड का मानना है कि यह विलय शेयर धारकों और हितधारकों दोनों के लिए काफी अच्छा साबित होगा.

ज़ी बिजनेस के अनुसार, ZEEL ने एक रणनीति के चलते लाभ को ध्यान में रखते हुए साउथ एशिया में एक लीडिंग मीडिया और मनोरंजन कंपनी का विलय किया है. अब इस विलय को पूर्ण रूप से सक्रिय करने के लिए ZEEL मैनेजमेंट काम करेगा. इन कंपनियों का विलय होने के बाद पुनीत गोयनका कंपनी के MD और CEO बने रहेंगे. इस विलय को लेकर निवेश की भी खास रणनीति तैयार की गई है.

जानकारी के अनुसार, इस विलय के बाद सोनी पिक्चर्स एंटरटेनमेंट 157.5 करोड़ डॉलर (करीब 11,605 करोड़ रुपये)  का निवेश करने जा रहा है. इस निवेश की रकम का इस्तेमाल ग्रोथ के लिए किया जाएगा और विलय के बाद सोनी एंटरटेनमेंट मेजॉरिटी शेयरहोल्डर होगी. आपको बता दें कि दोनों पक्षों के बीच नॉन बाइंडिंग टर्मशीट साइन किया गया है और 90 दिनों के भीतर दोनों पक्ष ड्यू डिलिजेंस का काम करेंगे. खास बात ये है कि इस विलय के बाद भी कंपनी भारतीय शेयर बाजार में लिस्टेड होगी और दोनों पक्षों के बीच में नॉन कंपीट एग्रीमेंट भी साइन होगा.

कैसे बदलेगी हिस्सेदारी?

ज़ी एंटरटेनमेंट और सोनी के बीच हुए इस विलय के बाद कंपनियों के बीच हिस्सेदारी को लेकर कई बदलाव होने वाले हैं. बताया जा रहा है कि इसके बाद मौजूदा स्थिति में ZEEL के शेयरहोल्डर्स का हिस्सा 61.25% होगा. वहीं सोनी की ओर से किए जाने वाले 157.5 करोड़ डॉलर निवेश के निवेश के बाद हिस्सेदारी में बदलाव आएगा. इस निवेश के बाद से ZEEL के निवेशकों का हिस्सा करीब 47.07% होगा और सोनी पिक्चर्स के शेयरहोल्डर्स का हिस्सा 52.93% रहने का अनुमान है.

कैसा है करार?

ZEEL और SPNI के बीच एक्सक्लूसिव नॉन-बाइंडिंग टर्म शीट का करार हुआ है. डील का ड्यू डिलिजेंस अगले 90 दिनों में पूरा होगा. मौजूदा प्रोमोटर फैमिली Zee के पास अपनी शेयरहोल्डिंग को 4 फीसदी से बढ़ाकर 20 फीसदी करने का विकल्प होगा. बोर्ड में ज्यादातर डायरेक्टर को नॉमिनेट करने का अधिकार सोनी ग्रुप के पास होगा.

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