इंदौर में सुसाइड: वकील की जहर खाने से मौत, 4 पेज के सुसाइड नोट में लिखा - जिस पत्नी पर आंख बंदकर विश्वास किया उसी ने धोखा दिया

इंदौर में सुसाइड - वकील की जहर खाने से मौत, 4 पेज के सुसाइड नोट में लिखा - जिस पत्नी पर आंख बंदकर विश्वास किया उसी ने धोखा दिया
| Updated on: 27-Jun-2020 01:07 PM IST

इंदौर  पत्नी की बेवफाई से दुखी तीन दिन पहले कीटनाशक पीने वाले वकील की शनिवार को इलाज के दौरान मौत हो गई। वकील ने चार पेज का एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उसने पत्नी की बेवफाई का जिक्र करते हुए लिखा- जिस पत्नी पर आंख बंदकर भरोसा किया, उसी ने धोखा दिया। वकील ने पत्नी, उसके प्रेमी, साढ़ूभाई, सास और पत्नी की मुंहबोली मां सहित अन्य को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है। इतना ही नहीं वकील ने अपने स्टेटस पर भी पत्नी, उसके प्रेमी और मुंहबोली मां को मौत का जिम्मेदार बताया है। वकील की मौत के बाद वकीलों ने सुसाइड नोट में लिखे नाम वालों पर केस दर्ज करने की मांग की। वकील संघ ने इसकी शिकायत डीआईजी और डीजीपी से की। इसके बाद डीआईजी ने सुसाइड नोट के अनुसार केस दर्ज करने के आदेश दिए। 
 
पंढरीनाथ टीआई कमलेश शर्मा के अनुसार उदयपुरा निवासी संजीव मेहरा ने 24 जून को जहर खा लिया था। एमवाय अस्पताल से सूचना के बाद हमारी टीम उनके बयान लेने पहुंची थी, लेकिन डॉक्टरों ने बताया कि उनकी हालत गंभीर है, वे बयान देने की स्थिति में नहीं हैं। इसके बाद अगले दिन भी टीम गई, लेकिन हालत ठीक नहीं होने से बयान नहीं हो सके। वकील ने एक सुसाइड नोट छोड़ा है, जिसमें उन्होंने अपनी पत्नी अंतिम मेहरा, प्रेमी योगेश द्विवेदी, सास हेमलता, साढ़ूभाई अरुण टाॅक और पत्नी की मुंहबोली मां रंजना दुबे सहित अन्य को मौत के लिए जिम्मेदार ठहराया है।

वहीं, वकील की मौत के बाद परिजनों ने पुलिस पर आरोप लगाते हुए कहा कि संजीव ने पत्नी, उसके प्रेमी सहित अन्य लोगों के खिलाफ थाने पर शिकायत की थी, लेकिन कोई कार्रवाई नहीं होता देख उसने यह कदम उठाया है। वहींपुलिस का कहना है कि मृतक ने 15 जून काे अपनी एक रजिस्ट्री गुम होने का आवेदन दिया था, जिसकी जांच चल रही थी। उस समय पत्नी और प्रेमी काे लेकर काेई जानकारी नहीं दी थी। संजीव की मौत के बाद वकीलों के रोष को देखते हुए तत्काल डीआईजी ने सुसाइड नोट में जिनके नाम हैं, उनके खिलाफ केस दर्ज करने को पुलिस को कहा है। 

यह लिखा सुसाइड नोट में... 
संजीव ने लिखामैं अपनी पत्नी अंतिम मेहरा ने बहुत प्यार करता था। उस पर आंख बंदकर विश्वास किया, लेकिन उसने मेरा विश्वास तोड़कर याेगेश से प्रेम प्रसंग चालू कर दिया। इनके बीच करीब 8 महीने से अफेयर चल रहा था। अगस्त 19 से अप्रैल 20 तक। अप्रैल में जब पत्नी का मोबाइल चेक किया तो इसकी जानकारी लगी। पत्नी से पूछा तो उसने कहा कि यह बस नॉर्मल बात है, चलता रहता है। मैं दोनों के कारण काफी परेशान हूं और मेरी मानसिक स्थिति भी ठीक नहीं है। इस सब में रंजना भी शामिल है।

16 जून को पत्नी मुझे बताए बिना कहीं चली गई। जब मैंने जानकारी निकाली तो पता चला कि वह धार में अपनी मां के पास गई है। लॉकडाउन में सबकुछ बंद होने के कारण वह वहां किसके साथ गई मुझे नहीं पता। वह दिन में करीब 3 बजे घर से निकली थी, उस समय मैं घर पर नहीं था, जबकि बच्चे छत पर खेल रहे थे। शाम को 7 बजे जानकारी निकाली तो धार में मौजूद साढूभाई ने बताया कि वह यहां नहीं आई है। रात 9 बजे के करीब उसका फोन आया कि वह यहां गई है। धार का रास्ता इंदौर से दो घंटे का है। ऐसे में वह 3 बजे निकलकर रात 9 बजे कैसे पहुंची। वह अपने प्रेमी के साथ रही होगी। रात 9 बजे उसने वहां छोड़ा होगा।

मैंने अपनी सास से इस बोर में पूछा तो उसने कहा कि तू कुछ कमाता नहीं है, मेरी लड़की तेरे साथ नहीं रहेगा। तुझे तलाक देगी, तेरे बच्चों को उसके बड़े पापा संभाल लेंगे। आज के बाद तेरा इससे कोई रिश्ता नहीं है। इस प्रकार से सभी ने इतना प्रताड़ित कर दिया है कि अब मैं जीना नहीं चाहता। मेरी मौत के जिम्मेदार मेरी पत्नी, उसका प्रेमी और मेरी सास, मेरा साढूभाई और मेरी पत्नी की मुंहबोली मां है।

योगेश ने मुझे जान से मारने की धमकी दी थी, उसने कहा था अंतिम तो मेरी है। मुझे मेरे बच्चों की चिंता है। बड़ा हर्षित और छोटा हार्दिक। मुझे मेरे मरने का गम नहीं है, जिसे मैंने प्यार किया उसने मुझे धोखा दिया। इस सबका सबूत मेरे मोबाइल में है। मैंने इनके चैट, कॉल डिटेल सब सेव कर रखा है। साइबर सेल वाले भी पत्नी और योगेश के मोबाइल कॉल और चैट देख सकते थे। ये दोनों मुझे मारने के फिराक में थे। उदयपुरा में मेरा फ्लैट, लक्ष्मी नगर में मकान, बियाबानी चौराहे पर मकान ये तीनों प्राॅपर्टी दोनों बेटों की है।

ये तीनों प्रॉपर्टी मेरे और पत्नी के नाम पर हैं, इसलिए पत्नी और प्रेमी ने खेल खेला। यदि मुझे कुछ हो जाता तो पत्नी प्रॉपर्टी की मालकिन हो जाएगी, यह राय उसके प्रेमी ने दी थी, क्योंकि वह रजिस्ट्री का काम करता है। मैं इन सबसे तंग आकर सुसाइड कर रहा हूं। मैं बच्चों से कहना चहता हूं कि उसके पापा बुरे नहीं थे, लेकिन हालत ने उन्हें मजबूर कर दिया। मैं अपने बड़े भाइयों से प्रार्थना करता हूं कि वे मेरे बच्चों का ध्यान रखें। बेटा हर्षित खूब पढ़ो और डॉक्टर बनो, अपने छोटे भाई का ख्याल रखना। मेरी आलमारी में सभी दस्तावेज रखे हैं, उन्हें देख समझकर सब काम कर लेना।

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